पुरी को एक शक्तिपीठ के रूप में भी प्राप्त है मान्यता

🎬 Watch Now: Feature Video

thumbnail

By

Published : Jul 14, 2021, 3:59 AM IST

पुरी को वैष्णवों का एक प्रसिद्ध केंद्र माना गया है, लेकिन इसे एक शक्तिपीठ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है. भगवान जगन्नाथ के मंदिर के अंदर और बाहर कई शक्ति मंदिर हैं. जैसे पुरी के प्रवेश द्वार पर देवी मंगला का मंदिर है. इस मंदिर को बाट् मंगला मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर स्टेट हाईवे पर पुरी से भुवनेश्वर जाने वाली सड़क पर अथरानाला से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी मां मंगला हैं. देवी मंगला बहुत सुंदर हैं और उनके दो हाथ और तीन आंखें हैं. वह मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ पद्मासन मुद्रा में बैठी हैं. उनके दोनों हाथों में पाश और अंकुश है. उनकी पूजा मां दुर्गा के मंत्रों के साथ की जाती है. वह महामंगला, सर्वमंगला और मंगला के समान हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा इंद्रद्युम्न भगवान जगन्नाथ के मंदिर को प्रतिष्ठित करने के लिए स्वर्ग में भगवान ब्रह्मा के पास गए. उन्होंने अनुष्ठान के लिए ब्रह्मा को पृथ्वी पर आने के लिए आमंत्रित किया. जब राजा इंद्रद्युम्न और भगवान ब्रह्मा पृथ्वी पर उतरे तो वे श्रीमंदिर का रास्ता भूल गए. तब देवी मंगला ने उन्हें श्रीमंदिर तक पहुंचाया. इस प्रकार बाट् मंगला मंदिर का अपना आध्यात्मिक महत्व है. यह पुरी के प्रवेश द्वार पर तीर्थयात्रियों के लिए धर्म मार्ग के प्रदर्शक के रूप में माना जाता है. मान्यता है कि श्रीमंदिर में प्रवेश करने से पहले मां मंगला भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. भुवनेश्वर से श्रीमंदिर के लिए जाने वाले भक्त कुछ समय के लिए बाट् मंगला के सामने खड़े होकर दीप जलाकर मां से आशीर्वाद मांगते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

author-img

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.