भारतीय सैनिक : जिनके सामने बौना हिमालय, ...अग्नि से हारा प्रभंजन, एलओसी पर 'रस्सी बनी हथियार' - नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ की आशंका

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Published : Jan 21, 2022, 5:39 PM IST

'...है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय', कवि कुमार विश्वास की यह पंक्ति सैनिकों के शौर्य का बखान करती है. देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिक अपने घरों से सैकड़ों-हजारों मील दूर दिन-रात मुस्तैद रहते हैं. कुर्बानी की यह कहानी कई बार रोंगटे खड़े कर देती है. सैनिकों का समर्पण उस समय भी चरितार्थ हुआ जब जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में तैनात सैनिकों का अदम्य साहस देखने को मिला. इन सैनिकों को देखकर ऐसा लगता है मानो, इन्होंने भारत-पाक नियंत्रण रेखा (Indo-Pak Line of Control-एलओसी) पर घुसपैठ के नापाक मंसूबों को नाकाम करने की भीष्म प्रतिज्ञा ले रखी है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड में तैनात सैनिकों की टुकड़ी केवल एक रस्सी के सहारे इलाके की निगरानी कर रहे हैं. पाक सीमा पर पेट्रोलिंग कर रही भारतीय सेना (Indian Army patrolling on pak border) नापाक साजिशों को नाकाम करने के लिए तैयार है. सर्दियों में होने वाली बर्फबारी के बाद इलाका पुंछ में एलओसी के पास का क्षेत्र दुर्गम हो जाता है, लेकिन खराब मौसम के बावजूद नापाक आतंकी मंसूबे का खतरा बना रहता है. जवानों का कहना है कि भारी बर्फबारी के बीच नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में एलओसी पर सख्त पेट्रोलिंग उनकी नियमित ड्यूटी है. सेना का कहना है कि मौसम भले ही खराब हो, संवेदनशील इलाकों में सेना हमेशा मुस्तैद रहती है. दहशतगर्दों की गतिविधियों के दृष्टिकोण से पुंछ संवेदनशील है, इसलिए सेना ने पूरी तरह तैयारी कर रखी है. सैनिकों का शौर्य और बेमिसाल समर्पण देखकर कहना गलत नहीं होगा कि इनके अंदर देशभक्ति की ज्वाला हमेशा अग्नि के समान प्रज्जवलित रहती है. शायद इसी समर्पण भाव को कुमार विश्वास ने शब्द रूप में व्यक्त करते हुए लिखा है, '...है नमन उनको कि जिनकी अग्नि से हारा प्रभंजन (hurricane).'

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