आज की प्रेरणा - हनुमान भजन
🎬 Watch Now: Feature Video
अज्ञानी तथा श्रद्धा रहित और संशययुक्त पुरुष नष्ट हो जाता है, ऐसे संशयी पुरुष के लिए न यह लोक है, न परलोक और न सुख. व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करें. व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे. हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है. किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें. भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े. कर्म योग वास्तव में एक परम रहस्य है. जो कर्म नियमित है और जो आसक्ति, राम या द्वेष से रहित कर्मफल की चाह के बिना किया जाता है, वह सात्विक कहलाता है.