Geeta Sar : मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है...
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जीवन न तो भविष्य में है, न ही अतीत में है, जीवन तो बस इस पल में है. कोई भी व्यक्ति जैसा चाहे वैसा बन सकता है, यदि वह एक विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे. मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वह विश्वास करता है, वैसा वह बन जाता है. तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो. जो लोग मन को नियंत्रित नहीं करते हैं, उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है. नरक के तीन द्वार होते हैं, वासना, क्रोध और लालच. मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है. वह व्यक्ति जो सभी इच्छाएं त्याग देता है, 'मैं' और 'मेरा' की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है, उसे अपार शांति की प्राप्ति होती है. धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता-जाता रहता है. समय से पहले और भाग्य से अधिक किसी को कुछ नहीं मिलता है. जो व्यवहार आपको दूसरों से पसंद न हो, ऐसा व्यवहार आप दूसरों के साथ भी न करें.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:38 PM IST