आज की प्रेरणा : अज्ञानी तथा श्रद्धा रहित और संशययुक्त पुरुष नष्ट हो जाता है - aaj ki prerana 9 april saturday motivation

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Published : Apr 9, 2022, 6:09 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST

अज्ञानी तथा श्रद्धा रहित और संशययुक्त पुरुष नष्ट हो जाता है, ऐसे संशयी पुरुष के लिये न यह लोक है, न परलोक और न सुख. व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे. हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है. किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े. कर्म योग वास्तव में एक परम रहस्य है. जो कर्म नियमित है और जो आसक्ति, राग या द्वेष से रहित कर्मफल की चाह के बिना किया जाता है, वह सात्विक कहलाता है. जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं, वे देवताओं का पूजन करें. केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है. जो मनुष्य अपने-आप में ही रमण करने वाला और अपने-आप में ही तृप्त तथा अपने-आप में ही संतुष्ट है, उसके लिए कोई कर्तव्य नहीं है. कर्म में आसक्त हुए अज्ञानीजन जैसे कर्म करते हैं, वैसे ही विद्वान पुरुष अनासक्त होकर लोक कल्याण की इच्छा से कर्म करें. सम्पूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों द्वारा किये जाते हैं, अहंकार से मोहित हुआ पुरुष 'मैं कर्ता हूं' ऐसा मान लेता है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST

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