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स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी है लीवर की देखभाल : विश्व लीवर दिवस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में लीवर की बीमारियां मृत्यु का 10वां सबसे आम कारण है। लोगों को मानव शरीर में लीवर यानी यकृत में खराबी से होने वाले रोगों और स्वस्थ लीवर के फायदों के महत्व के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में 19 अप्रैल को 'विश्व लीवर दिवस' मनाया जाता है।

World Liver Day
विश्व लीवर दिवस
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Published : Apr 19, 2021, 1:35 PM IST

यकृत यानी लीवर को मस्तिष्क के बाद शरीर का दूसरा सबसे जटिल अंग माना जाता है। यह शरीर के पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कहना गलत नहीं होगा की यकृत के बिना व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता हैं। लीवर संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 19 अप्रैल को 'विश्व लीवर दिवस' मनाया जाता है। विश्व लीवर दिवस का एक मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस रोग की गंभीरता के बारे में जागरूक करना तथा उसके टीकाकरण के लिए प्रेरित करना भी है। हेपेटाइटिस लीवर का गंभीर रोग है, जो वायरल संक्रमण या अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण होता है। गौरतलब है की हेपेटाइटिस को लेकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 28 जुलाई वर्ष 2018 को राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। जिसका उद्देश्य हेपेटाइटिस पर नियंत्रण के लिए लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करना है।

शरीर में लीवर की उपयोगिता तथा कार्य

लीवर हमारे शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और शरीर के पाचन तंत्र का प्रमुख अंग है। मानव जो कुछ भी खाता या पीता है, वह यकृत से होकर गुजरता है। यह ना सिर्फ संक्रमण से लड़ता है, पाचन क्रिया के दौरान विषाक्त पदार्थों को भोजन से अलग भी करता है। आमतौर पर लीवर में समस्या या रोग होने पर 75 प्रतिशत यकृत को सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है, क्योंकि इसमें पुनर्जनन की क्षमता होती है, यानी लीवर का हटाया गया हिस्सा स्वयं विकसित हो जाता है। शरीर में लीवर विभिन्न प्रोटीन, जमावट कारकों, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और पित्त के संश्लेषण सहित ग्लाइकोजेनेसिस के साथ ही ड्रग्स, अल्कोहल के डिटॉक्सिफिकेशन और संक्रमणों के नियंत्रण के लिए भी जिम्मेदार होता है।

लीवर के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं;

  1. संक्रमण और रोग से लड़ना।
  2. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना तथा रक्त शर्करा को नियमित करना।
  3. शरीर से विषाक्त यानी टॉक्सिन को निकालना।
  4. रक्त के थक्के के निर्माण में सहायता करना।
  5. पित्त निकालना (तरल जो कि पाचन तंत्र में वसा को तोड़ने में मदद करता है)।

लीवर की प्रमुख बीमारियां

धूम्रपान, शराब जैसे नशीले पदार्थ, तली-भुनी चीजों, जंक फूड, तथा खट्टी चीजों का अधिक सेवन सहित बहुत से कारण हैं, जिनके चलते हमारे लीवर पर गलत असर पड़ता है। यह असर कई बार गंभीर बीमारियों के रूप में भी सामने आता है, जैसे कि पीलिया, लीवर कैंसर आदि। लीवर से संबंधित कुछ अन्य रोग इस प्रकार हैं;

  • हेपेटाइटिस ए, बी तथा सी
  • गैर-अल्कोहल वसायुक्त यकृत रोग
  • अल्कोहलिक फैटी लीवर
  • फैटी लिवर
  • लीवर सिरोसिस
  • अल्कोहलिक हेपेटाइटिस
  • हेमोक्रोमैटोसिस

पढे़: 'समरूपता' दवा सिद्धांत पर आधारित है होम्योपैथी

कैसे बनाए रखे लीवर का स्वास्थ्य

लीवर का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए जरूरी है की स्वस्थ जीवनशैली तथा भोजन संबंधित संयमित आदतों का पालन किया जाये। जैसे सही समय पर संतुलित भोजन करें, नाश्ता अवश्य करें, पेशाब को रोके नहीं, समय पर सोएं और जल्दी जागे, प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें आदि। इसके अतिरिक्त भोजन में सलाद के अलावा हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए। लहसुन और अदरक के नियमित प्रयोग से लीवर की कई बीमारियों से बचा जा सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी बहुत जरूरी है।

लीवर के स्वस्थ को बनाए रखने में कुछ अन्य स्वस्थ आदतें भी मदद कर सकती हैं जो इस प्रकार हैं;

  1. धूम्रपान तथा शराब व अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से बचें। यह यकृत की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
  2. प्रोसस्ड या डिब्बाबंद भोजन के प्रयोग से बचें।
  3. सुबह के समय पेशाब जरूर करें।
  4. स्वस्थ और संतुलित आहार खाएं तथा अपने यकृत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
  5. पोषक तत्वों से भरपूर ऐसा भोजन ग्रहण करें, जिनमें प्रोटीन, फाइबर तथा वसा भरपूर मात्रा में हो, जैसे अनाज, दुग्ध उत्पाद, फल और सब्जियां और चावल।
  6. गलत दवाओं का सेवन या बिना जरूरत के दवाओं का सेवन लीवर पर असर डालता है, इसलिए बिना चिकित्सक से परामर्श के कोई भी दवाई ना लें।
  7. लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले रसायनों जैसे कि एयरोसोल, सफाई उत्पादों, कीटनाशकों और टॉक्सिक पदार्थों से बचें।
  8. वजन पर नियंत्रण रखें। मोटापे के कारण गैर-अल्कोहल वसायुक्त रोग हो सकते हैं।
  9. अपने यकृत की सुरक्षा के लिए हेपेटाइटिस से बचाव जरूरी है, इसलिए टीकाकरण अवश्य करवाएं।

यकृत यानी लीवर को मस्तिष्क के बाद शरीर का दूसरा सबसे जटिल अंग माना जाता है। यह शरीर के पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कहना गलत नहीं होगा की यकृत के बिना व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता हैं। लीवर संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 19 अप्रैल को 'विश्व लीवर दिवस' मनाया जाता है। विश्व लीवर दिवस का एक मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस रोग की गंभीरता के बारे में जागरूक करना तथा उसके टीकाकरण के लिए प्रेरित करना भी है। हेपेटाइटिस लीवर का गंभीर रोग है, जो वायरल संक्रमण या अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण होता है। गौरतलब है की हेपेटाइटिस को लेकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 28 जुलाई वर्ष 2018 को राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। जिसका उद्देश्य हेपेटाइटिस पर नियंत्रण के लिए लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करना है।

शरीर में लीवर की उपयोगिता तथा कार्य

लीवर हमारे शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और शरीर के पाचन तंत्र का प्रमुख अंग है। मानव जो कुछ भी खाता या पीता है, वह यकृत से होकर गुजरता है। यह ना सिर्फ संक्रमण से लड़ता है, पाचन क्रिया के दौरान विषाक्त पदार्थों को भोजन से अलग भी करता है। आमतौर पर लीवर में समस्या या रोग होने पर 75 प्रतिशत यकृत को सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है, क्योंकि इसमें पुनर्जनन की क्षमता होती है, यानी लीवर का हटाया गया हिस्सा स्वयं विकसित हो जाता है। शरीर में लीवर विभिन्न प्रोटीन, जमावट कारकों, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और पित्त के संश्लेषण सहित ग्लाइकोजेनेसिस के साथ ही ड्रग्स, अल्कोहल के डिटॉक्सिफिकेशन और संक्रमणों के नियंत्रण के लिए भी जिम्मेदार होता है।

लीवर के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं;

  1. संक्रमण और रोग से लड़ना।
  2. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना तथा रक्त शर्करा को नियमित करना।
  3. शरीर से विषाक्त यानी टॉक्सिन को निकालना।
  4. रक्त के थक्के के निर्माण में सहायता करना।
  5. पित्त निकालना (तरल जो कि पाचन तंत्र में वसा को तोड़ने में मदद करता है)।

लीवर की प्रमुख बीमारियां

धूम्रपान, शराब जैसे नशीले पदार्थ, तली-भुनी चीजों, जंक फूड, तथा खट्टी चीजों का अधिक सेवन सहित बहुत से कारण हैं, जिनके चलते हमारे लीवर पर गलत असर पड़ता है। यह असर कई बार गंभीर बीमारियों के रूप में भी सामने आता है, जैसे कि पीलिया, लीवर कैंसर आदि। लीवर से संबंधित कुछ अन्य रोग इस प्रकार हैं;

  • हेपेटाइटिस ए, बी तथा सी
  • गैर-अल्कोहल वसायुक्त यकृत रोग
  • अल्कोहलिक फैटी लीवर
  • फैटी लिवर
  • लीवर सिरोसिस
  • अल्कोहलिक हेपेटाइटिस
  • हेमोक्रोमैटोसिस

पढे़: 'समरूपता' दवा सिद्धांत पर आधारित है होम्योपैथी

कैसे बनाए रखे लीवर का स्वास्थ्य

लीवर का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए जरूरी है की स्वस्थ जीवनशैली तथा भोजन संबंधित संयमित आदतों का पालन किया जाये। जैसे सही समय पर संतुलित भोजन करें, नाश्ता अवश्य करें, पेशाब को रोके नहीं, समय पर सोएं और जल्दी जागे, प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें आदि। इसके अतिरिक्त भोजन में सलाद के अलावा हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए। लहसुन और अदरक के नियमित प्रयोग से लीवर की कई बीमारियों से बचा जा सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी बहुत जरूरी है।

लीवर के स्वस्थ को बनाए रखने में कुछ अन्य स्वस्थ आदतें भी मदद कर सकती हैं जो इस प्रकार हैं;

  1. धूम्रपान तथा शराब व अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से बचें। यह यकृत की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
  2. प्रोसस्ड या डिब्बाबंद भोजन के प्रयोग से बचें।
  3. सुबह के समय पेशाब जरूर करें।
  4. स्वस्थ और संतुलित आहार खाएं तथा अपने यकृत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
  5. पोषक तत्वों से भरपूर ऐसा भोजन ग्रहण करें, जिनमें प्रोटीन, फाइबर तथा वसा भरपूर मात्रा में हो, जैसे अनाज, दुग्ध उत्पाद, फल और सब्जियां और चावल।
  6. गलत दवाओं का सेवन या बिना जरूरत के दवाओं का सेवन लीवर पर असर डालता है, इसलिए बिना चिकित्सक से परामर्श के कोई भी दवाई ना लें।
  7. लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले रसायनों जैसे कि एयरोसोल, सफाई उत्पादों, कीटनाशकों और टॉक्सिक पदार्थों से बचें।
  8. वजन पर नियंत्रण रखें। मोटापे के कारण गैर-अल्कोहल वसायुक्त रोग हो सकते हैं।
  9. अपने यकृत की सुरक्षा के लिए हेपेटाइटिस से बचाव जरूरी है, इसलिए टीकाकरण अवश्य करवाएं।
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