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स्पुतनिक वी वैक्सीन 3 चरण के परीक्षणों में 91.6 फीसदी असरदार : लैंसेट

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Published : Feb 3, 2021, 10:45 AM IST

रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन ने अपने तीसरे चरण का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. वैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ 91.6 फीसदी असरदार साबित है. गैमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित यह वैक्सीन रूस द्वारा पंजीकृत दुनिया का पहला कोरोनावायरस वैक्सीन है.

Sputnik v vaccine is 91.6 percent effective
स्पुतनिक वी वैक्सीन 91.6 फीसदी असरदार

रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन ने जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित चरण 3 परीक्षणों के अंतरिम परिणामों के अनुसार, कोविड-19 पर 91.6 फीसदी असर दिखाया. 19,866 स्वयंसेवकों के डेटा को प्रभावकारिता विश्लेषण में शामिल किया गया था, जिनमें से 14,964 लोगों को वैक्सीन और 4,902 को प्लेसबो दिया गया था.

गणना प्लेसबो समूह (62 मामलों) और वैक्सीन समूह (16 मामलों) में पहचाने गए कोविड-19 के 78 पुष्ट मामलों के विश्लेषण पर आधारित है.

60 साल से अधिक उम्र के 2,144 स्वयंसेवकों के बुजुर्ग समूह में प्रभावकारिता 91.8 प्रतिशत थी. अध्ययन में कहा गया है कि स्पुतनिक वी ने कोविड-19 के गंभीर मामलों में बेहतर काम किया.

स्पुतनिक वी 11 अगस्त, 2020 को रूस द्वारा पंजीकृत दुनिया का पहला कोरोनावायरस वैक्सीन है. इस टीके को गैमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया था.

गमालिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने एक बयान में कहा, स्पुतनिक वी के नैदानिक परीक्षण परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहकर्मी की समीक्षा किए गए आंकड़ों का प्रकाशन कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक बड़ी सफलता है.

वैक्सीन निमार्ताओं ने कहा, स्पुतनिक वी पहले से ही रूस, बेलारूस, सर्बिया, अर्जेंटीना, बोलीविया, अल्जीरिया, वेनेजुएला, पैराग्वे, तुर्कमेनिस्तान, हंगरी, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, गिनी गणराज्य, ट्यूनीशिया और आर्मेनिया सहित कई देशों में पंजीकृत है.

फरवरी के पहले हफ्ते में स्पुतनिक वी के साथ टीकाकरण बोलीविया, कजाकिस्तान, आर्मेनिया, अल्जीरिया, वेनेजुएला और ईरान समेत कई देशों में शुरू हो रहा है.

रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन ने जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित चरण 3 परीक्षणों के अंतरिम परिणामों के अनुसार, कोविड-19 पर 91.6 फीसदी असर दिखाया. 19,866 स्वयंसेवकों के डेटा को प्रभावकारिता विश्लेषण में शामिल किया गया था, जिनमें से 14,964 लोगों को वैक्सीन और 4,902 को प्लेसबो दिया गया था.

गणना प्लेसबो समूह (62 मामलों) और वैक्सीन समूह (16 मामलों) में पहचाने गए कोविड-19 के 78 पुष्ट मामलों के विश्लेषण पर आधारित है.

60 साल से अधिक उम्र के 2,144 स्वयंसेवकों के बुजुर्ग समूह में प्रभावकारिता 91.8 प्रतिशत थी. अध्ययन में कहा गया है कि स्पुतनिक वी ने कोविड-19 के गंभीर मामलों में बेहतर काम किया.

स्पुतनिक वी 11 अगस्त, 2020 को रूस द्वारा पंजीकृत दुनिया का पहला कोरोनावायरस वैक्सीन है. इस टीके को गैमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया था.

गमालिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने एक बयान में कहा, स्पुतनिक वी के नैदानिक परीक्षण परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहकर्मी की समीक्षा किए गए आंकड़ों का प्रकाशन कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक बड़ी सफलता है.

वैक्सीन निमार्ताओं ने कहा, स्पुतनिक वी पहले से ही रूस, बेलारूस, सर्बिया, अर्जेंटीना, बोलीविया, अल्जीरिया, वेनेजुएला, पैराग्वे, तुर्कमेनिस्तान, हंगरी, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, गिनी गणराज्य, ट्यूनीशिया और आर्मेनिया सहित कई देशों में पंजीकृत है.

फरवरी के पहले हफ्ते में स्पुतनिक वी के साथ टीकाकरण बोलीविया, कजाकिस्तान, आर्मेनिया, अल्जीरिया, वेनेजुएला और ईरान समेत कई देशों में शुरू हो रहा है.

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