हैदराबाद: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह तेलंगाना में जाति जनगणना सुनिश्चित करने और राज्य को देश में जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. 6 नवंबर से राज्य सरकार द्वारा जाति सर्वेक्षण शुरू करने से पहले यहां तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, जाति जनगणना भेदभाव की सीमा और प्रकृति का आकलन करने के लिए शुरू की जाने वाली पहली प्रक्रिया है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा, "इसलिए, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं कि न केवल तेलंगाना में जाति जनगणना हो, बल्कि तेलंगाना देश में जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बने."
I have many friends from upper castes who say they have never felt caste discrimination. I tell them it’s obvious, as the system isn’t designed to affect them. For them, it’s like an iceberg—they only see the surface. The real pain and damage caused by the caste discrimination… pic.twitter.com/ozo0cBTCR8
— Congress (@INCIndia) November 5, 2024
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत में जाति भेदभाव "अद्वितीय" है और शायद दुनिया में सबसे खराब है और उन्होंने जोर देकर कहा, "यह देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की कृत्रिम बाधा को ध्वस्त कर देगा."गांधी ने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाले जाति सर्वेक्षण में कुछ कमियां हो सकती हैं। हालांकि, इन्हें सुलझा लिया जाएगा.
The Titanic was built, and its designer claimed it was unsinkable, but it sank just a week later. The person responsible for spotting icebergs failed to see it. After hitting the iceberg, the Titanic was devastated. The reason nobody saw it coming was that 90% of the iceberg lies… pic.twitter.com/eOzLibRZeb
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, उन्हें आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कहा कि, वह भारत में भेदभाव के विचार को चुनौती देना चाहते हैं. उन्होंने पूछा, "प्रधानमंत्री यह पूछने से क्यों डरते हैं कि कॉरपोरेट, न्यायपालिका, मीडिया में कितने दलित, ओबीसी, आदिवासी हैं."राहुल ने कहा कि उन्होंने संसद में कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय जाति जनगणना कराने का वादा किया है.
A Dalit person in India could not be touched. Do you realize the level of inequality that person experiences when society isn't even allowed to touch him? This level of discrimination doesn't exist anywhere else. We have to recognize that discrimination in India is unique and… pic.twitter.com/cXIzORToOO
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