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RG Kar Case: मुख्य आरोपी संजय रॉय के दावों पर घमासान, जूनियर डॉक्टरों ने उठाए सवाल

RG Kar Rape murder Case: आरजी कर मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय ने दावा किया है कि राज्य सरकार उसे फंसा रही है.

Kolkata RG Kar Rape murder Case Politics over prime accused Sanjay Roy claims west bengal
आरजी कर दुष्कर्म-हत्याकांड का मुख्य आरोपी संजय रॉय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 6 hours ago

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय के दावे पर नया राजनीति घमासान शुरू हो गया है. संजय रॉय ने सियालदह अदालत में पेशी के दौरान कैदियों के ले जाने वाले वाहन के अंदर से कहा कि उसने कोई जघन्य अपराध नहीं किया है और उसे राज्य सरकार फंसा रही है. रॉय पर इस मामले में 11 नवंबर से सियालदह कोर्ट में मुकदमा चलेगा.

उसके इस बयान पर सबसे पहले विपक्षी सीपीआईएम ने प्रतिक्रिया दी. कोलकाता के पूर्व मेयर और सीपीआईएम के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को फंसाने के पीछे बड़ी साजिश का आरोप लगाया.

भट्टाचार्य ने कहा, इस पूरे खेल में संजय रॉय को मोहरा बनाया गया है. आरजी कर मामले में जो बड़ी साजिश हुई है, वह अब संजय रॉय के बयान से साबित हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि घटना के बाद वह सो नहीं पा रही थीं. तो उनकी निगरानी कहां चली गई? उन्होंने क्या निगरानी की? क्या वह सिर्फ इस बात की निगरानी कर रही थीं कि शव को कैसे ठिकाने लगाया जाए? इन सबकी जांच सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए."

रॉय की टिप्पणी के तुरंत बाद राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने भी सवाल उठाए हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी से पूरे मामले की जांच करने और असली दोषियों को सामने लाने की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की सदस्य किंजल नंदा ने कहा, "अब तीन महीने हो गए हैं और संजय रॉय को छोड़कर दुष्कर्म और हत्या के मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. हम शुरू से ही कह रहे हैं कि यह जघन्य अपराध एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता. इतने लंबे समय से सीबीआई क्या कर रही है? हमें नहीं पता कि वे अपनी जांच में कितनी गंभीरता से काम कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "अब संजय दावा कर रहा है कि उसे फंसाया गया है. फिर, एक आम सवाल जो किसी के दिमाग में आता है, वह यह है कि वह किसकी ओर इशारा कर रहा है? सीबीआई को मामले की उचित और सभी पहलुओं से जांच करनी चाहिए."

हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "विपक्ष मूल रूप से इस मामले में किसे दोषी ठहराए, इस बारे में अज्ञानी है. वे जानते हैं कि हम शुरू से ही आरजी कर मामले में त्वरित सुनवाई और न्याय की मांग कर रहे हैं. इसलिए, उनके पास हमारे खिलाफ कहने के लिए कुछ भी नहीं है. अब वे मामले में मुख्य आरोपी की एक टिप्पणी को पकड़कर हमें दोषी ठहराने की बेताबी से कोशिश कर रहे हैं."

यह भी पढ़ें- MUDA मामले को CBI को सौंपने की मांग वाली याचिका, हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया को नोटिस जारी किया

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय के दावे पर नया राजनीति घमासान शुरू हो गया है. संजय रॉय ने सियालदह अदालत में पेशी के दौरान कैदियों के ले जाने वाले वाहन के अंदर से कहा कि उसने कोई जघन्य अपराध नहीं किया है और उसे राज्य सरकार फंसा रही है. रॉय पर इस मामले में 11 नवंबर से सियालदह कोर्ट में मुकदमा चलेगा.

उसके इस बयान पर सबसे पहले विपक्षी सीपीआईएम ने प्रतिक्रिया दी. कोलकाता के पूर्व मेयर और सीपीआईएम के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को फंसाने के पीछे बड़ी साजिश का आरोप लगाया.

भट्टाचार्य ने कहा, इस पूरे खेल में संजय रॉय को मोहरा बनाया गया है. आरजी कर मामले में जो बड़ी साजिश हुई है, वह अब संजय रॉय के बयान से साबित हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि घटना के बाद वह सो नहीं पा रही थीं. तो उनकी निगरानी कहां चली गई? उन्होंने क्या निगरानी की? क्या वह सिर्फ इस बात की निगरानी कर रही थीं कि शव को कैसे ठिकाने लगाया जाए? इन सबकी जांच सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए."

रॉय की टिप्पणी के तुरंत बाद राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने भी सवाल उठाए हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी से पूरे मामले की जांच करने और असली दोषियों को सामने लाने की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की सदस्य किंजल नंदा ने कहा, "अब तीन महीने हो गए हैं और संजय रॉय को छोड़कर दुष्कर्म और हत्या के मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. हम शुरू से ही कह रहे हैं कि यह जघन्य अपराध एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता. इतने लंबे समय से सीबीआई क्या कर रही है? हमें नहीं पता कि वे अपनी जांच में कितनी गंभीरता से काम कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "अब संजय दावा कर रहा है कि उसे फंसाया गया है. फिर, एक आम सवाल जो किसी के दिमाग में आता है, वह यह है कि वह किसकी ओर इशारा कर रहा है? सीबीआई को मामले की उचित और सभी पहलुओं से जांच करनी चाहिए."

हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "विपक्ष मूल रूप से इस मामले में किसे दोषी ठहराए, इस बारे में अज्ञानी है. वे जानते हैं कि हम शुरू से ही आरजी कर मामले में त्वरित सुनवाई और न्याय की मांग कर रहे हैं. इसलिए, उनके पास हमारे खिलाफ कहने के लिए कुछ भी नहीं है. अब वे मामले में मुख्य आरोपी की एक टिप्पणी को पकड़कर हमें दोषी ठहराने की बेताबी से कोशिश कर रहे हैं."

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