नई दिल्ली: मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. रात 9.20 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. एम्स की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर निरुपम मदान ने इसकी जानकारी दी. दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था. उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान सिन्हा ने निधन से पहले जानकारी दी थी कि उनकी मां को वेंटिलेटर पर रखा गया है और अब उनके चाहने वालों की दुआ की जरूरत है.
परिवार ने जानकारी दी कि शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर बिहार के पटना ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके बेटे ने बताया कि वे अपने पिता के अंतिम संस्कार स्थल पर ही मां का अंतिम संस्कार करेंगे. शारदा सिन्हा का संगीत और आवाज हमेशा भारतीय लोक संगीत में अमर रहेगा, और वे लाखों लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी.मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, "यह हमारे लिए दुख की घड़ी है... वह छठ पूजा के पहले दिन हमें छोड़कर चली गईं... वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी."
#WATCH | Delhi: Mortal remains of folk singer, Sharda Sinha being taken from AIIMS where she died on Tuesday
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Her last rites will take place in Patna. pic.twitter.com/YsVZnDfIwX
#WATCH दिल्ली: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया।
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उनका अंतिम संस्कार पटना में होगा। https://t.co/N0a6NPZVKL pic.twitter.com/41SW2TH54J
25 अक्टूबर से एम्स में थी भर्तीः शारदा सिन्हा साल 2017 से Multiple Myeloma की बीमारी से ग्रस्त हैं. बीते 25 अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने पर एम्स के कैंसर सेंटर मेडिकल आंकालोजी वार्ड में भर्ती कराया गया था. मेडिकल आंकोलाजी विभाग के डॉक्टर की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था.
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 में सुपौल जिले के हुलसा गांव में हुआ. उन्होंने बीएड और संगीत से एमए किया हुआ है. शारदा सिन्हा का ससुराल बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में है. शारदा सिन्हा हमेशा से छठ पूजा के गीतों से जुड़ी रही हैं. उन्होंने केलवा के पात पर उगेलन सूरजमल झुके झुके और सुनअ छठी माई जैसे कई लोकप्रिय छठ गीत गाए हैं.
Renowned folk singer Sharda Sinha passes away
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दिल्ली: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। pic.twitter.com/hDWROcDVwu
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विवरण के अनुसार लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ. वे 72 वर्ष की थीं और लंबे समय से बीमार चल रही थीं. मंगलवार रात 9:20 बजे उनका निधन हो गया. शारदा सिन्हा छठ पूजा के गीतों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध थीं. उनका निधन नहाय-खाय के दिन हुआ, जो छठ पूजा के पहले व्रत का दिन होता है.
प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर बहुत दुखद है। उन्होंने अपने संगीत से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का काम किया।
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ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। https://t.co/0jgvhX1gne
एम्स अस्पताल में लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन के बाद भाजपा के सांसद मनोज तिवारी एम्स अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने उनके बेटे अंशुमन और परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने सोमवार को सोशल मीडिया पर मां की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा था, “मां अब वेंटिलेटर पर हैं, और हमें प्रार्थनाओं की जरूरत है.” उनके निधन के बाद परिवार और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है.
#WATCH | Delhi: On the demise of famous folk singer Sharda Sinha, her son Anshuman Sinha says, " this is a sad time for us...she left us on the first day of chhath puja...she will always be there in the hearts of people" pic.twitter.com/3C7WQU1W5e
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प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर बहुत दुखद है। उन्होंने अपने संगीत से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का काम किया. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें. आतिशी, मुख्यमंत्री दिल्ली
शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार गौरव, बिहार रत्न, मिथिला विभूति सहित कई अन्य सम्मानों के साथ पद्मश्री और पद्मविभूषण जैसे सम्मान प्राप्त किए. शारदा सिन्हा समस्तीपुर महिला कॉलेज में संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष के पद पर थीं. शारजा सिन्हा अब तक भोजपुरी, बज्जिका, मगही और मैथिली भाषा में विवाह और छठ के सैकड़ों पारंपरिक गीत गा चुकी हैं.
शारदा सिन्हा को साल 2018 में 69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. छठ पूजा पर आधारित गीत हो दीनानाथ का उनका मैथिली संस्करण कई लोगों द्वारा खूब सराहा गया.
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