ETV Bharat / sukhibhava

डेंगू से बचना है तो आस पास रखे सफाई: राष्ट्रीय डेंगू दिवस

डेंगू के बारें में सभी जानते है की यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है। इस रोग की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में लगभग 40 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गवां देते हैं। डेंगू से बचाव और उसके उपचार को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।

dengue, dengue day, dengue day theme 2021
NAtional Dengue Day 2021
author img

By

Published : May 16, 2021, 3:39 PM IST

Updated : May 16, 2021, 4:00 PM IST

भारत में हड्डी तोड़ बुखार के रूप में मशहूर डेंगू एक वायरस जनित बीमारी है । जो एडीज मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में पहुंचता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो हर साल लगभग 500,000 लोग डेंगू का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती होते हैं। इसी के चलते राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को डेंगू बुखार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हर 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।

कब और क्यों होता है डेंगू

हमारे देश में आमतौर पर यह बीमारी मॉनसून के समय आती है। मॉनसून के साथ डेंगू के मच्छरों के पनपने का मौसम भी शुरू हो जाता है। डेंगू के लिए मुख्य तौर पर चार वायरसों डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 को जिम्मेदार माना जाता है। जब इन वायरसों से ग्रसित एडीज मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये पूरे शरीर में फैल जाता है।

डेंगू बुखार का रोगी तीन प्रकार की अवस्‍थाओं से ग्रसित हो सकता है। ये अवस्थाएं और उनके लक्षण इस प्रकार है।

  • साधारण डेंगू

इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं। इसके मरीज का 2 से 7 दिवस तक तेज बुखार चढता है।

लक्षण

  • अचानक तेज बुखार।
  • सिर में आगे की और तेज दर्द।
  • आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी।
  • मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द।
  • छाती और ऊपरी अंगो पर खसरे जैसे दानें
  • चक्‍कर आना।
  • जी घबराना उल्‍टी आना।
  • शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।
  • बच्‍चों में डेंगू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्‍के होते हैं।
  • रक्‍त स्‍त्राव वाला डेंगू (डेंगू हमरेजिक बुखार)

इस अवस्था की शुरुआत में शरीर में लक्षण हल्के स्तर में नजर आते है। जो ध्यान न देने पर गंभीर हो जाते है। इस अवस्था में डेंगू के सामान्य लक्षणों से अलग लक्षण भी नजर आ सकते है।

लक्षण

  • शरीर की चमडी पीली तथा ठन्‍डी पड जाना।
  • नाक, मुंह और मसूडों से खून बहना।
  • प्‍लेटलेट कोशिकाओं की संख्‍या 1,00,000 या इससें कम हो जाना।
  • फेंफडों एवं पेट में पानी इकट्ठा हो जाना।
  • चमडी में घाव पड जाना।
  • बैचेनी रहना व लगातार कराहना।
  • प्‍यास ज्‍यादा लगना (गला सूख जाना)।
  • खून वाली या बिना खून वाली उल्‍टी आना।
  • सांस लेने में तकलीफ होना।
  • डेंगू शॉक सिन्‍ड्रोम

यह डेंगू का एक गंभीर रूप है जो कई बार जानलेवा भी हो सकता है। इस अवस्था में ऊपर दिये गये लक्षणों के अलावा मरीज में परिसंचारी तंत्र में समस्याएं भी नजर आ सकती है।

लक्षण

  • नब्‍ज का कमजोर होना व तेजी से चलना।
  • रक्‍तचाप का कम हो जाना व त्‍वचा का ठ्न्‍डा पड जाना।
  • मरीज को बहुत अधिक बेचैनी महसुस करना।
  • पेट में तेज व लगातार दर्द।
  • डेंगू से बचाव

कैसे करें डेंगू से बचाव

डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है अपने आसपास सफाई बना कर रखे। इसके अतिरिक्त इस रोग से बचने के लिए निनलिखित बातों को ध्यान में रखा जा सकता हा।

  • डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें। त्वचा को खुला न छोड़े।
  • मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर रोधी क्रीम लगा सकते हैं।
  • जब आप किसी वायरस से संक्रमित होते हैं, तो आप अन्य बीमारियों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील हो जाते हैं। इसलिए कीटाणुओं को दूर रखने के लिए अपने शरीर की स्वच्छता बनाए रखें ।
  • एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें। मच्छरों के लिए एक प्रजनन आधार विकसित करने की संभावनाओं को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा करके रखें, जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता है।
  • छोटे डिब्‍बो व ऐसे स्‍थानो से पानी निकाले जहॉं पानी बराबर भरा रहता है।
  • कूलरों का पानी सप्‍ताह में एक बार अवश्‍य बदले।
  • घर में कीट नाशक दवायें छिडके।
  • सोते समय मच्‍छरदानी का प्रयोग करें।
  • सरकार के स्‍तर पर किये जाने वाले कीटनाशक छिडकाव में सहयोग करें।
  • आवश्‍यकता होने पर जले हूये तेल या मिट्टी के तेल को नालियों में तथा इक्कट्ठे हुये पानी पर डाले।
  • रोगी को उपचार हेतु तुरन्‍त निकट के अस्‍पताल व स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में ले जाएँ ।

डेंगू को लेकर प्रचलित भ्रम

डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है की लोग इस रोग के प्रति जागरूक हों और उन्हे इस रोग से जुड़ी सही जानकारी मालूम हो। डेंगू को लेकर आमलोगों में व्याप्त कुछ भ्रम तथा उनकी असलियत इस प्रकार है।
भ्रम 1
डेंगू को लेकर लोगों में सबसे बडा भ्रम यह है की इसे फैलाने वाले एडीज मच्छर सिर्फ दिन में काटते हैं। यह सत्य है की ये मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहते है लेकिन यह इसका मतलब यह नहीं है कि ये शाम या रात में व्यक्ति को नहीं काट सकते।
भ्रम-2
आमतौर पर लोगों को लगता है की एक बार डेंगू होने पर यह दोबारा नहीं हो सकता। लेकिन सही नही है । दरअसल डेंगू के चार तरह के वायरस होते हैं। और इसके अलग- अलग वायरस एक से ज्यादा बार शरीर को चपेट में ले सकते हैं।
भ्रम- 3

आमतौर पर लोग मानते है की डेंगू सिर्फ मानसून में होता है। यह सत्य है की डेंगू के मच्छर मॉनसून में ज्यादा पनपते हैं, लेकिन गर्मियों में और सामान्य बारिश के बाद भी मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है। ज्यादातर डेंगू उन इलाकों में ज्यादा फैलता है जहां पानी इकठ्ठा होता है ।
मिथक 4
प्लेटलेट्स में कमी हमेशा डेंगू के कारण नही होती है। इसलिए ऐसा होने पर जांच करवाना जरूरी है।
मिथक 5
आमतौर पर माना जाता है की एडीज मच्छर किसी भी तापमान में पनप सकते हैं लेकिन ऐसा है नहीं। मच्छर की यह प्रजाति सिर्फ उस वातावरण में बढ़ सकती है जहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो।

भारत में हड्डी तोड़ बुखार के रूप में मशहूर डेंगू एक वायरस जनित बीमारी है । जो एडीज मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में पहुंचता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो हर साल लगभग 500,000 लोग डेंगू का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती होते हैं। इसी के चलते राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को डेंगू बुखार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हर 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।

कब और क्यों होता है डेंगू

हमारे देश में आमतौर पर यह बीमारी मॉनसून के समय आती है। मॉनसून के साथ डेंगू के मच्छरों के पनपने का मौसम भी शुरू हो जाता है। डेंगू के लिए मुख्य तौर पर चार वायरसों डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 को जिम्मेदार माना जाता है। जब इन वायरसों से ग्रसित एडीज मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये पूरे शरीर में फैल जाता है।

डेंगू बुखार का रोगी तीन प्रकार की अवस्‍थाओं से ग्रसित हो सकता है। ये अवस्थाएं और उनके लक्षण इस प्रकार है।

  • साधारण डेंगू

इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं। इसके मरीज का 2 से 7 दिवस तक तेज बुखार चढता है।

लक्षण

  • अचानक तेज बुखार।
  • सिर में आगे की और तेज दर्द।
  • आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी।
  • मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द।
  • छाती और ऊपरी अंगो पर खसरे जैसे दानें
  • चक्‍कर आना।
  • जी घबराना उल्‍टी आना।
  • शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।
  • बच्‍चों में डेंगू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्‍के होते हैं।
  • रक्‍त स्‍त्राव वाला डेंगू (डेंगू हमरेजिक बुखार)

इस अवस्था की शुरुआत में शरीर में लक्षण हल्के स्तर में नजर आते है। जो ध्यान न देने पर गंभीर हो जाते है। इस अवस्था में डेंगू के सामान्य लक्षणों से अलग लक्षण भी नजर आ सकते है।

लक्षण

  • शरीर की चमडी पीली तथा ठन्‍डी पड जाना।
  • नाक, मुंह और मसूडों से खून बहना।
  • प्‍लेटलेट कोशिकाओं की संख्‍या 1,00,000 या इससें कम हो जाना।
  • फेंफडों एवं पेट में पानी इकट्ठा हो जाना।
  • चमडी में घाव पड जाना।
  • बैचेनी रहना व लगातार कराहना।
  • प्‍यास ज्‍यादा लगना (गला सूख जाना)।
  • खून वाली या बिना खून वाली उल्‍टी आना।
  • सांस लेने में तकलीफ होना।
  • डेंगू शॉक सिन्‍ड्रोम

यह डेंगू का एक गंभीर रूप है जो कई बार जानलेवा भी हो सकता है। इस अवस्था में ऊपर दिये गये लक्षणों के अलावा मरीज में परिसंचारी तंत्र में समस्याएं भी नजर आ सकती है।

लक्षण

  • नब्‍ज का कमजोर होना व तेजी से चलना।
  • रक्‍तचाप का कम हो जाना व त्‍वचा का ठ्न्‍डा पड जाना।
  • मरीज को बहुत अधिक बेचैनी महसुस करना।
  • पेट में तेज व लगातार दर्द।
  • डेंगू से बचाव

कैसे करें डेंगू से बचाव

डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है अपने आसपास सफाई बना कर रखे। इसके अतिरिक्त इस रोग से बचने के लिए निनलिखित बातों को ध्यान में रखा जा सकता हा।

  • डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें। त्वचा को खुला न छोड़े।
  • मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर रोधी क्रीम लगा सकते हैं।
  • जब आप किसी वायरस से संक्रमित होते हैं, तो आप अन्य बीमारियों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील हो जाते हैं। इसलिए कीटाणुओं को दूर रखने के लिए अपने शरीर की स्वच्छता बनाए रखें ।
  • एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें। मच्छरों के लिए एक प्रजनन आधार विकसित करने की संभावनाओं को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा करके रखें, जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता है।
  • छोटे डिब्‍बो व ऐसे स्‍थानो से पानी निकाले जहॉं पानी बराबर भरा रहता है।
  • कूलरों का पानी सप्‍ताह में एक बार अवश्‍य बदले।
  • घर में कीट नाशक दवायें छिडके।
  • सोते समय मच्‍छरदानी का प्रयोग करें।
  • सरकार के स्‍तर पर किये जाने वाले कीटनाशक छिडकाव में सहयोग करें।
  • आवश्‍यकता होने पर जले हूये तेल या मिट्टी के तेल को नालियों में तथा इक्कट्ठे हुये पानी पर डाले।
  • रोगी को उपचार हेतु तुरन्‍त निकट के अस्‍पताल व स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में ले जाएँ ।

डेंगू को लेकर प्रचलित भ्रम

डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है की लोग इस रोग के प्रति जागरूक हों और उन्हे इस रोग से जुड़ी सही जानकारी मालूम हो। डेंगू को लेकर आमलोगों में व्याप्त कुछ भ्रम तथा उनकी असलियत इस प्रकार है।
भ्रम 1
डेंगू को लेकर लोगों में सबसे बडा भ्रम यह है की इसे फैलाने वाले एडीज मच्छर सिर्फ दिन में काटते हैं। यह सत्य है की ये मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहते है लेकिन यह इसका मतलब यह नहीं है कि ये शाम या रात में व्यक्ति को नहीं काट सकते।
भ्रम-2
आमतौर पर लोगों को लगता है की एक बार डेंगू होने पर यह दोबारा नहीं हो सकता। लेकिन सही नही है । दरअसल डेंगू के चार तरह के वायरस होते हैं। और इसके अलग- अलग वायरस एक से ज्यादा बार शरीर को चपेट में ले सकते हैं।
भ्रम- 3

आमतौर पर लोग मानते है की डेंगू सिर्फ मानसून में होता है। यह सत्य है की डेंगू के मच्छर मॉनसून में ज्यादा पनपते हैं, लेकिन गर्मियों में और सामान्य बारिश के बाद भी मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है। ज्यादातर डेंगू उन इलाकों में ज्यादा फैलता है जहां पानी इकठ्ठा होता है ।
मिथक 4
प्लेटलेट्स में कमी हमेशा डेंगू के कारण नही होती है। इसलिए ऐसा होने पर जांच करवाना जरूरी है।
मिथक 5
आमतौर पर माना जाता है की एडीज मच्छर किसी भी तापमान में पनप सकते हैं लेकिन ऐसा है नहीं। मच्छर की यह प्रजाति सिर्फ उस वातावरण में बढ़ सकती है जहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो।

Last Updated : May 16, 2021, 4:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.