आई फ्लू / कंजंक्टिवाइटिस : कई राज्यों के सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी आंख के अस्पतालों में आई फ्लू के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. आई फ्लू को मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है. जिलों के स्वास्थ्य केंद्रों में भी इस बीमारी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं. इधर, डॉक्टर इससे घबराने नहीं बल्कि साफ-सफाई पर ध्यान देने की बात कह रहे हैं. बात की जाए तो अस्पतालों में प्रतिदिन ओपीडी में लगभग 5 से 20 फीसदी मरीज आई फ्लू की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं.
एक अनुमान के मुताबिक बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान जैसे कई राज्यों में आई फ्लू का केस बढ़ने से अधिक आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं. निजी आंख के अस्पतालों में भी आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं. आई डॉक्टर्स का मानना है कि इन दिनों देश के कई हिस्सों में conjunctivitis के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वातावरण में गर्मी और उमस के कारण Eye flu के मामले बढ़े हैं. इसके मरीज बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हो रहे हैं.
लक्षण और सावधानी: राजा बाजार पटना स्थित नेत्र चिकित्सक डॉ सुधीर कुमार कहते हैं कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको यह बीमारी हो सकती है.यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं से भी हो सकता है. देश के कई स्कूल प्रबंधकों ने इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के अभिभावकों को स्कूल नहीं भेजने की सूचना भेजी है. स्कूलों में बच्चों को इससे बचने के उपाय बताए जा रहे हैं.
चिकित्सकों का कहना है कि फिलहाल देखा जा रहा है कि घर में किसी एक सदस्य को यदि यह संक्रमण हुआ है और शेष लोगों ने इसे लेकर सावधानी नहीं बरती, तो परिवार में सभी संक्रमित हो जा रहे हैं.नेत्र चिकित्सक विभूति प्रसन्न हालांकि कहते हैं कि इससे घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं है. तीन से पांच दिन में यह ठीक हो जाता है. उन्होंने कहा कि पीड़ित मरीज को बार बार आंख छूने से बचना चाहिए. कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें...
(आईएएनएस)