नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पिछले कई महीनों से कूड़ा घर बंद हैं और उन्हें तोड़ दिया गया है. इसकी वजह से कई इलाकों में कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है.
कूड़ा उठाने वालों में महिला कर्मचारी भी शामिल: वेस्ट दिल्ली के विकासपुरी, जनकपुरी, नांगल के कई कूड़ा घर बंद होने की वजह से कूड़ा डालने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को रिक्शे पर कूड़ा लाना पड़ रहा है. कूड़ा उठाने वालों में महिला कर्मचारी भी शामिल हैं. ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कूड़ा घर दूरदराज होने की वजह से जहां-तहां कूड़े का ढेर लग रहा है. कई जगहों पर तो लोगों को सड़कों पर ही कूड़ा फेंकना पड़ता है.
शिकायत के बाद कूड़ा घर बंद किया गया: वहीं, कूड़ा फेंकने वाले का कहना है कि कूड़ा घर भरा हुआ है, ऐसे में सड़क पर ही कूड़ा फेंकना पड़ता है. जब अलग-अलग कॉलोनी, सोसायटी से कूड़ा लगाएंगे तो उसे कहीं तो फेंकना है, वरना कूड़ा वापस लेकर कहां जाए.वहीं, एक महिला कर्मचारी लगभग 4 से 5 किलोमीटर तक रिक्शे से खींचकर कूड़ा लाकर फेंकती दिखी. महिला कर्मचारी ने बताया कि रिक्शा चलाने में बहुत परेशानी होती है. वहीं, जो कंपैक्टर वाले कूड़ा घर बनाए गए हैं. अधिकतर कॉलोनी का कूड़ा वहीं फेंका जाता है. बीच-बीच में मशीन खराब होने के कारण वहां कूड़ा का निपटारा नहीं हो पाता है. इस वजह से कूड़ा घर के बाहर और सड़कों तक फैल जाता है. उन्होंने बताया कि पहले कॉलोनी में जब कूड़ा घर बना हुआ था, तब सुविधा होती थी, लेकिन कॉलोनी वालों द्वारा बदबू की शिकायत के कारण कई क्षेत्रों के कूड़ा घर को बंद कर दिया गया.