नई दिल्ली: दिल्ली के वेस्ट जिले के सबसे बड़े अस्पताल (Delhi Deendayal Upadhyay Hospital) दीनदयाल उपाध्याय के नर्सिंग स्टाफ तीन दिनों तक दो-दो घंटे के सांकेतिक हड़ताल पर हैं. डीडीयू के सभी नर्सिंग स्टाफ ने हड़ताल कर दिल्ली सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अस्पताल के अंदर मार्च निकाला. इस दौरान नर्सिंग स्टाफ के लोगों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारे लगाए.
नर्सिंग यूनियन का कहना है कि दिल्ली सरकार ने जो भी वादा किया था, उनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ है. इन वादों में सबसे प्रमुख नर्सेज कैडर के सभी पेंडिंग प्रमोशंस का था. डेढ़ दशक से अधिक समय से जो नर्स कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही हैं, उन्हें नियमित किया जाए. साथ ही नर्सिंग स्टाफ की अस्पतालों में काफी कमी है. इसलिए नए पदों पर भर्तियां भी की जाएं. साथ ही 2016 से लंबित क्वालिफिकेशन पेमेंट को भी तुरंत रिलीज किया जाए और रिक्रूटमेंट रूल्स को भी रिवाइज किया जाए. इन लोगों का आरोप है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि कॉन्ट्रैक्ट वाले स्टाफ को परमानेंट करेंगे और साथ ही कोविड के समय जिन मेल-फीमेल नर्स ने अपनी जान की बाजी लगाकर ड्यूटी की थी, तब दिल्ली सरकार ने ₹200 रोजाना के हिसाब से ट्रांसपोर्टेशन देने का भी वादा किया था लेकिन आज तक उसे भी पूरा नहीं किया गया.
अपनी इन्हीं तमाम मांगों के समर्थन में दिल्ली नर्सेज फेडरेशन द्वारा 18 अक्टूबर को दिल्ली सचिवालय पर धरना प्रदर्शन किया गया था. बावजूद इसके उनकी समस्याओं को कोई प्रमुखता नहीं दी गई. यही वजह है कि अब अलग-अलग अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ तीन दिनों तक दो-दो घंटे का सांकेतिक हड़ताल करेंगे. साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार तब भी नहीं जागी तो आगे वह बड़े आंदोलन भी कर सकते हैं.
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दिल्ली सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जीबी पंत अस्पताल के तमाम नर्सिंग स्टाफ भी हड़ताल पर हैं. यह हड़ताल भी तीन दिनों के लिए दो-दो घंटे की होगी. तमाम अस्पताल के नर्सेज यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर इस सांकेतिक हड़ताल के बाद भी सरकार नहीं जागती है और उनके डिमांड को पूरा नहीं करती है तो फिर नर्सेज यूनियन पूरी दिल्ली में बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे.
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