नई दिल्ली: दिल्ली सरकार भले ही राजधानी की सड़कों को बेहतर बनाने की बात कह रही हो... डीटीसी के बेड़े में नई बसें शामिल करने की बात कह रही हो लेकिन सरकार बसों में सफर करने वाली सवारियों के लिए जगह-जगह बस शेल्टर तक मुहैया नहीं करवा पा रही है. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कई ऐसी जगहें है जहां बसों को रोकने के लिए स्टॉप तो बना दिया गया है लेकिन वहां बस स्टैंड के तौर पर महज खंभे पर लटका बोर्ड है, जिस पर उस रूट से गुजरने वाली अलग-अलग डीटीसी की बसों के नंबर लिखे हैं.
लेकिन बस स्टैंड या बस शेल्टर कहीं नजर नहीं आता. लोगों को खुले आसमान के नीचे धूप में बसों का इंतजार करना पड़ता है. जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बस का इंतजार कर रहे लोगों का कहना है कि यह सरकार की लापरवाही है. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.
पिछले दिनों दिल्ली सरकार की तरफ से कुछ नई बसों को डीटीसी के बेड़े में शामिल किया गया है लेकिन इन बसों में सफर करने वाली सवारियों की सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है. दिल्ली में कई जगहों पर बस शेल्टर नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अगर वेस्ट दिल्ली की बात करें तो यहां के तिलक नगर, सुभाष नगर, जनकपुरी, राजौरी गार्डन, टैगोर गार्डन, वाली नगर, रमेश नगर, मोती नगर जैसे दर्जनों ऐसे इलाके हैं जहां लोगों को मुख्य सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है. लोगों का कहना है कि धूप और बारिश से बचने के लिए कहीं बस स्टैंड नजर नहीं आता.