नई दिल्ली: वेस्ट जिले की साइबर सेल की टीम ने फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिका के नागरिकों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है और नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. नारायाणा इलाके में फर्जी कॉल सेंटर चलने की जानकारी मिलने के बाद साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.
वेस्ट जिले के डीसीपी घनश्याम बंसल के मुताबिक, 28 अप्रैल को बस्ती जिले की साइबर थाने को एक गुप्त सूचना मिली जिसमें नारायणा इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर चलने की जानकारी दी गई थी. सूचना दी गई थी कि इलाके में चल रहा कॉल सेंटर Gmail माइक्रोसॉफ्ट के उपयोग करने वालों को तकनीकी सहायता प्रदान करने पर के नाम पर अमेरिकी नागरिकों को ठगता है. इस जानकारी के फौरन बाद ऑपरेशन सेल के एसीपी अरविंद कुमार के निर्देशन में साइबर सेल के SHO रविंद्र अहलावत की देखरेख में SI महेश कुमार, SI राजीव रंजन, SI हिमांगी पटवाल, हेड कॉन्स्टेबल विवेक, हेड कॉन्स्टेबल संजय, हेड कॉन्स्टेबल दातार सिंह और कॉन्स्टेबल विनीत की टीम बनाई गई. टीम ने बताई हुई जगह पर छापेमारी की तो वहां फर्जी कॉल सेंटर चलता हुआ पाया गया. जानकारी के अनुसार वहां कई लोग काम कर रहे थे और अलग-अलग कर्मचारी कॉल ऑपरेटर Gmail, Yahoo, amazon, Microsoft आदि के तकनीकी सहायक के रूप में अमेरिकी लोगों से बात कर रहे थे. साथ ही अमेरिका में रहने वाले लोगों को डाटा की खरीद, अवैध तकनीकों का उपयोग करके विवरण के जरिए लोगों को ठग रहे थे.
दरअसल अमेरिका में रहने वाले ऐसे लोग जिन्हें Gmail, Yahoo या दूसरी कंपनियों से तकनीकी सहायता की जरूरत होती थी इस फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले लोग उनके कम्प्यूटर, लेपटॉप पर स्क्रीन शेयरिंग के जरिये नकली वायरस मैसेज भेजकर उन्हें झांसे में लेते थे, जिससे उन्हें लगता था कि वाकई कोई सीरियस प्रॉब्लम है और फिर टेक्स्ट सपोर्ट फीस और सिक्योरिटी आदि के नाम पर अलग-अलग कंपनियों के गिफ्ट कार्ड लेते थे.
डीसीपी के अनुसार जब कॉल सेंटर चलाने वाले को रजिस्ट्रेशन के कागजात मांगे गए तो वह इस संबंध में कोई कागजात पेश नहीं कर पाए, जिसके बाद इनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया. कॉल सेंटर चलाने वाले का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिंक होने का खुलासा भी पाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार संबंधित कंपनी से जुड़े लोगों को तकनीकी सहायता देने के बदले इस कॉल सेंटर के लोग उन्हें सुरक्षा शुल्क के रूप में 500 डॉलर से लेकर 5000 डॉलर के गिफ्ट कूपन खरीदने के लिए मजबूर करते थे और फिर इन गिफ्ट कूपन को भारत के बाहर व्हाट्सएप पर ट्रांसफर किया जाता और इसके बदले क्रिप्टो मुद्राएं खरीदी जाती थीं. इस तरह से ये मोटी कमाई कर रहे थे. साइबर सेल की टीम ने इस कॉल सेंटर से 13 डेस्कटॉप, 3 लैपटॉप, 13 हेडफोन, 5 मोबाइल फोन, एक इंटरनेट रूट लिंक और एक स्विच d-link बरामद किया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप