नई दिल्ली: PCR पर एक कॉल मिली जिस पर किसी व्यक्ति ने बताया कि कुछ लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है. कॉल करने वाला शख्स इस जगह का पता नहीं जानता था. ऐसे में पुलिस ने उसे वीडियो कॉल कर इस जगह की पहचान की और वहां पहुंचकर सात लड़कियों को मुक्त करवा लिया. सुनने में भले ही ये फिल्मी ये लगे लेकिन ये हकीकत है.
15 से 20 लड़कियों को घरेलू कामकाज के लिए बंधक बनाकर रखा गया था. इन लड़कियों के बंधक होने की सूचना पीसीआर पर कॉल करके दी गई जिसके बाद पुलिस ने वीडियो कॉल के जरिए उन लड़कियों को रिहा कराया.
पीसीआर डीसीपी के अनुसार एएसआई सुल्तान सिंह और हवलदार अनिल, नेताजी सुभाष प्लेस इलाके में पीसीआर की गाड़ी में गश्त कर रहे थे. इस दौरान उन्हें एक कॉल मिली जिसमें बताया गया कि एक जगह पर कुछ लड़कियों को बंधक बनाकर उन्हें पीटा जा रहा है. कॉल करने वाले को इस जगह के बारे में नहीं पता था. काफी कोशिश के बावजूद वो उस जगह के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दे सका. उसने केवल इतना बताया कि यह जगह ब्रिटानिया चौक के पास है.
वीडियो कॉल से जगह का पता चला
इस जानकारी पर पुलिस ने उस शख्स को वीडियो कॉल किया. वीडियो के जरिए पुलिस को पता चला कि ये जगह शकरपुर का एच ब्लॉक है. नेताजी सुभाष प्लेस के पीछे ये जगह है. इस जानकारी पर पुलिस उस जगह पर पहुंच गई. यहां से 15 से 20 साल की सात लड़कियों को मुक्त कराया गया. इनकी देखरेख कर रही जानकी बदरा और राजू को वहां से पीसीआर ने पकड़ लिया. यह दोनों प्रतीक्षा सर्विस सेंटर नामक प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारी हैं. दोनों को नेताजी सुभाष प्लेस पुलिस के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.