नई दिल्ली: राजधानी के नबी करीम थाना इलाके में ढाबा मालिक अनुज और उसके आठ वर्षीय बेटे रौनक की हत्या के मामले में फरार नौकर सोनू को पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में नौकर सोनू ने हत्या को राज उगले हैं कि कैसे उसने ढाबा मालिक और उसके बेटे की बेरहमी से हत्या की थी.
ऐसे की थी हत्या: आरोपी सोनू ने बताया कि उसने रात में अनुज और उसके बेटे की हत्या की थी. उसने पहले अनुज के सिर पर डंडे से वार किया और फिर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी. इस दौरान जब अनुज का बेटा चिल्लाने लगा तो सोनू ने उसकी भी गला रेतकर हत्या कर दी और छलांग लगाकर भाग गया. आरोपी बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. वहीं ढाबा मालिक अनुज और उसका परिवार भी बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है.
सोते समय उतारा मौत के घाट: आरोपी ने यह भी बताया कि पहले वह तीस हजारी कोर्ट के पास चाय की दुकान पर काम करता था. किसी जानकार के संपर्क में आकर 14 दिन पहले वह अनुज के ढाबे पर काम करने आया था. इसी दौरान मालिक ने गल्ले से चोरी के शक में आरोपी सोनू की पिटाई की थी. इसके बाद 20 अक्टूबर को जब अनुज की मां, पत्नी रीमा और बेटी मोहन गार्डन गई तो उस रात अनुज ने सोनू को बुलाकर फिर से पीटा, जिसके बाद उसने गुस्से में हत्या की प्लानिंग की और अनुज और उसके बेटे के सोते समय वारदात को अंजाम दे दिया.
आरोपी को ऐसे किया ट्रेस: डीसीपी संजय सैन के निर्देश पर एसीपी ऑपरेशन अजय की देखरेख में स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर विक्रम दहिया, इंस्पेक्टर एएटीएस शैलेंद्र शर्मा और नबी करीम थाने के एसएचओ अशोक कुमार की टीम, टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी को पकड़ने में कामयाब हुई. पुलिस ने सबसे पहले फरार सोनू की लोकेशन के बारे में पता किया और उसको ढाबे पर काम पर रखवाने वाले व्यक्ति नरेश से पूछताछ की. उसने चाय की दुकान चलाने वाले गगनदीप से पूछताछ की तो उसने सोनू का फोटो और एड्रेस बताया, जो अधूरा था. इस बीच सोनू का लोकेशन पंजाब में मिला, जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया.
लगाई गई थी कई टीमें: जानकारी के मुताबिक, आरोपी सोनू के पिता की सात साल पहले मृत्यु हो चुकी है और उसका भाई राजस्थान में नौकरी करता है. वहीं आरोपी सोनू पंजाब में काम करता था, लेकिन बेहतर काम के लिए कुछ समय पहले वह दिल्ली आया था और यही तीस हजारी कोर्ट कॉम्प्लेक्स में चाय की दुकान पर काम करने लगा था और वहां से वह अनुज के ढाबे पर काम करने आया था. मामले को सुलझाने के लिए नबी करीम थाने के अलावा जिले की स्पेशल स्टाफ व कई अन्य टीम भी लगी हुई थी, जो रेलवे स्टेशन, बस अड्डा आदि जगहों पर छानबीन कर रही थी.
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