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दिल्ली के कुम्हारों की सरकार से मांग, या तो भट्ठी दें या फिर नौकरी

भट्ठियों को सील किए जाने के बाद द्वारका और उत्तम नगर के कई इलाकों में कुम्हार परेशान हैं. उन्होंने सरकार से नौकरी की मांग की है.

परेशान कुम्हार
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Published : Oct 23, 2019, 10:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते द्वारका और उत्तम नगर के कई इलाकों में भट्ठियों को सील किया गया था. जिसके कारण दीये बनाने वाले कुम्हारों को काफी परेशानी हो रही है. रोजगार छिन जाने के बाद कुम्हारों ने सरकार से नौकरी की मांग की है.

कुम्हारों ने सरकार से नौकरी की मांग की

महावीर एन्क्लेव के सोनू कुमार ने बताया कि एक झूठे केस के कारण एनजीटी कोर्ट ने हमारी भट्ठियों को सील कर दिया है. कोर्ट के अनुसार भट्ठियों बंद करने का कारण ये है कि हम लोग भट्ठियों में प्लास्टिक जलाते थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. हम सिर्फ भट्ठियों में लकड़ी का बुरादा ही जलाते थे.

कैसे होगा गुजारा?

सोनू ने बताया कि कोर्ट ने हमारी भट्ठियों सील कर दी. अगर हमारी भट्ठियों बंद हो जाती हैं, तो उनके परिवार का गुजर-बसर कैसे होगा? कम पढ़े लिखे होने के कारण कोई उन्हें नौकरी भी नहीं देगा. परिवार में कुल 11 सदस्य हैं, जिनका भट्ठी ही एक मात्र सहारा था, अब वो भी बंद हो गई.

'रोजगार दे सरकार'

सोनू ने बताया कि फिलहाल वो दिवाली के मौके पर दीये बनाकर अपना गुजारा कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार या तो उनकी भट्ठी खुलवाए, या फिर घर के लोगों को रोजगार दे. बता दें कि महावीर एन्क्लेव में करीब 1200-1300 परिवार ऐसे हैं, जिनके रोजगार का एकमात्र सहारा भट्ठी ही थी. कोर्ट के आदेश के बाद इन भट्ठियों को सील कर दिया गया है, जिसके बाद फेस्टिव सीजन में भी इन लोगों के चेहरों की रौनक गायब है.

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते द्वारका और उत्तम नगर के कई इलाकों में भट्ठियों को सील किया गया था. जिसके कारण दीये बनाने वाले कुम्हारों को काफी परेशानी हो रही है. रोजगार छिन जाने के बाद कुम्हारों ने सरकार से नौकरी की मांग की है.

कुम्हारों ने सरकार से नौकरी की मांग की

महावीर एन्क्लेव के सोनू कुमार ने बताया कि एक झूठे केस के कारण एनजीटी कोर्ट ने हमारी भट्ठियों को सील कर दिया है. कोर्ट के अनुसार भट्ठियों बंद करने का कारण ये है कि हम लोग भट्ठियों में प्लास्टिक जलाते थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. हम सिर्फ भट्ठियों में लकड़ी का बुरादा ही जलाते थे.

कैसे होगा गुजारा?

सोनू ने बताया कि कोर्ट ने हमारी भट्ठियों सील कर दी. अगर हमारी भट्ठियों बंद हो जाती हैं, तो उनके परिवार का गुजर-बसर कैसे होगा? कम पढ़े लिखे होने के कारण कोई उन्हें नौकरी भी नहीं देगा. परिवार में कुल 11 सदस्य हैं, जिनका भट्ठी ही एक मात्र सहारा था, अब वो भी बंद हो गई.

'रोजगार दे सरकार'

सोनू ने बताया कि फिलहाल वो दिवाली के मौके पर दीये बनाकर अपना गुजारा कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार या तो उनकी भट्ठी खुलवाए, या फिर घर के लोगों को रोजगार दे. बता दें कि महावीर एन्क्लेव में करीब 1200-1300 परिवार ऐसे हैं, जिनके रोजगार का एकमात्र सहारा भट्ठी ही थी. कोर्ट के आदेश के बाद इन भट्ठियों को सील कर दिया गया है, जिसके बाद फेस्टिव सीजन में भी इन लोगों के चेहरों की रौनक गायब है.

Intro:दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते, द्वारका और उत्तम नगर के कई इलाकों में भट्टियों को सील करने के कारण से दीये बनाने वाले कुम्हार को काफी परेशानी हो रही है. कोर्ट द्वारा रोजगार छिन जाने से कुम्हारों ने सरकार से की नौकरी देने की सिफारिश. दिवाली के मौके कुम्हारों की स्तिथि जानने पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने की खास बातचीत.

Body:महावीर एन्क्लेव के सोनू कुमार ने बताया कि एक झूठे केस के कारण एनजीटी कोर्ट ने हमारी भट्टियों को सील कर दिया है. कोर्ट के अनुसार भट्टियां बंद करने का कारण यह है की हम लोग भट्टियों में प्लास्टिक जलाते थे. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है, हम सिर्फ भट्टियों में लकड़ी का बुरादा ही जलाते थे. लेकिन कोर्ट ने फिर भी हमारी भट्टियां सील कर दी. सोनू के अनुसार अगर भट्टियां बंद हो जाती है, तो उनके परिवार का गुजर-बसर कैसे होगा. कम पढ़े लिखे होने के कारण कोई उन्हें नौकरी भी नहीं देगा. परिवार में कुल 11 सदस्य है, जिनके लालन-पोषण का भट्टी ही एक मात्र सहारा था. लेकिन अब वह भी बंद हो गई. फ़िलहाल दिवाली के मौके पर दीये बनाकर अपना गुज़ारा कर रहे है. इसलिए सरकार या तो हमारी भट्टी खुलवाए, या फिर घर के लोगों को रोजगार दे.

Conclusion:महावीर एन्क्लेव में लगभग 1200 -1300 परिवार ऐसे है, जिनका रोजगार का एक मात्र सहारा भट्टी ही थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के अनुसार भट्टियों को सील कर दिया गया है.

बाइट : सोनू कुमार (कुम्हार)
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