नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते द्वारका और उत्तम नगर के कई इलाकों में भट्ठियों को सील किया गया था. जिसके कारण दीये बनाने वाले कुम्हारों को काफी परेशानी हो रही है. रोजगार छिन जाने के बाद कुम्हारों ने सरकार से नौकरी की मांग की है.
महावीर एन्क्लेव के सोनू कुमार ने बताया कि एक झूठे केस के कारण एनजीटी कोर्ट ने हमारी भट्ठियों को सील कर दिया है. कोर्ट के अनुसार भट्ठियों बंद करने का कारण ये है कि हम लोग भट्ठियों में प्लास्टिक जलाते थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. हम सिर्फ भट्ठियों में लकड़ी का बुरादा ही जलाते थे.
कैसे होगा गुजारा?
सोनू ने बताया कि कोर्ट ने हमारी भट्ठियों सील कर दी. अगर हमारी भट्ठियों बंद हो जाती हैं, तो उनके परिवार का गुजर-बसर कैसे होगा? कम पढ़े लिखे होने के कारण कोई उन्हें नौकरी भी नहीं देगा. परिवार में कुल 11 सदस्य हैं, जिनका भट्ठी ही एक मात्र सहारा था, अब वो भी बंद हो गई.
'रोजगार दे सरकार'
सोनू ने बताया कि फिलहाल वो दिवाली के मौके पर दीये बनाकर अपना गुजारा कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार या तो उनकी भट्ठी खुलवाए, या फिर घर के लोगों को रोजगार दे. बता दें कि महावीर एन्क्लेव में करीब 1200-1300 परिवार ऐसे हैं, जिनके रोजगार का एकमात्र सहारा भट्ठी ही थी. कोर्ट के आदेश के बाद इन भट्ठियों को सील कर दिया गया है, जिसके बाद फेस्टिव सीजन में भी इन लोगों के चेहरों की रौनक गायब है.