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पतंजलि योग आयुर्वेदिक उपचार के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़

दिल्ली की साइबर थाना पुलिस टीम ने पतंजलि योग आयुर्वेदिक उपचार के नाम पर लोगों ठगी करने वाले गैंग को गिरफ्तार किया है. ये लोग पतंजलि योग आयुर्वेदिक उपचार की फर्जी वेबसाइट के जरिये लोगों को अपने झांसे में फसाते और फिर उनसे पैसे ऐंठते थे. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को बिहार से गिरफ्तार किया है. (Fraud in the name of Patanjali Yoga Ayurvedic treatment)

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Published : Nov 12, 2022, 5:19 PM IST

नई दिल्ली: उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस टीम ने पतंजलि योग आयुर्वेदिक उपचार (Patanjali Yoga Ayurvedic treatment) के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने बिहार से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस टीम ने आरोपियों के पास से 5 लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 19 सिम कार्ड, 12 डेबिट कार्ड, 4 चेक बुक और फर्जी खाते में 1,66,000 रुपये भी बरामद किए हैं.

उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि शिकायतकर्ता नितिन ने साइबर क्राइम पोर्टल शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़ित ने बताया कि वह अपने बेटे का आयुर्वेदिक उपचार कराने के लिए गूगल पर मोबाइल नंबर और वेबसाइट खोज रहे थे. उन्हें एक वेबसाइट मिली और जब उन्होंने मोबाइल नंबर से संपर्क किया तो पतंजलि के डॉक्टर सुनील गुप्ता होने का दिखावा करने वाले एक व्यक्ति ने उनसे फोन पर बात की.

उनसे रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर दस हजार रुपये का भुगतान करने की बात की. पीड़ित ने रजिस्ट्रेशन कराया और धीरे-धीरे कर उनसे 2,40,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई. इसके बाद पीड़ित अपनी शिकायत लेकर पतंजलि हरिद्वार पहुंचे, जिसके तहत 4 नवंबर को आईपीसी की धारा 420 के तहत साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने आरोपियों की पहचान करने के लिए टीम का गठन किया. मामले में पड़ताल करते हुए पुलिस टीम ने कॉल रिकॉर्डिंग, बैंक खाते आदि तलाशे तो पुलिस को एक नंबर मिला, जो कोलकाता और बिहार में सक्रिय था.

पुलिस टीम ने अलग-अलग एटीएम से पैसे निकालने के बारे में जानकारी व बिहार में सीडीआर और मैनुअल इंफॉर्मेशन की मदद से आरोपियों की पहचान की. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस एक वेबसाइट डेवलेपर तक पहुंची जिसने वेबसाइट बबनाई थी. इसके बाद पुलिस टीम मुख्य आरोपी रमेश पटेल तक पहुंची, जिसे पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी रमेश पटेल की निशानदेही पर अन्य दो आरोपियों को भी साइबर नॉर्थ पुलिस स्टेशन की टीम ने बिहार से ही गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें: बलि देने के लिए महिला ने किया नवजात का अपहरण, गिरफ्तार होने पर सुनाई चौंकाने वाली कहानी

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग तरीकों से जुगाड़ कर पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा में पहले से चल रहे सिम खरीदें. उन्होंने अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए, जिनका इस्तेमाल केवल पैसे निकालने के लिए किया जाता था. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने फर्जी वेबसाइट इसलिए बनवाई थी, ताकि पतंजलि योगपीठ में इलाज की तलाश करने वाले लोग बुकिंग के लिए उनसे संपर्क करें. उन्हें जानकारी थी कि वहां पर ठहरने के लिए लोग ऑनलाइन बुकिंग कराते हैं. आरोपियों ने खुद को पतंजलि योगपीठ का डॉक्टर के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया. आरोपियों ने अपनी वेबसाइट को इस तरीके से गूगल पर ट्रेंड कराया कि सबसे पहले वही दिखे, जिसपर लोग उनसे संपर्क करते और आरोपियों के झांसे में भोले-भाले लोग फंसकर ठगी का शिकार हो जाते.

फिलहाल पुलिस टीम ठगी की वारदात में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और आरोप में से पूछताछ से जानकारी के आधार पर भी मामले की पड़ताल कर रही है.

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नई दिल्ली: उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस टीम ने पतंजलि योग आयुर्वेदिक उपचार (Patanjali Yoga Ayurvedic treatment) के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने बिहार से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस टीम ने आरोपियों के पास से 5 लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 19 सिम कार्ड, 12 डेबिट कार्ड, 4 चेक बुक और फर्जी खाते में 1,66,000 रुपये भी बरामद किए हैं.

उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि शिकायतकर्ता नितिन ने साइबर क्राइम पोर्टल शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़ित ने बताया कि वह अपने बेटे का आयुर्वेदिक उपचार कराने के लिए गूगल पर मोबाइल नंबर और वेबसाइट खोज रहे थे. उन्हें एक वेबसाइट मिली और जब उन्होंने मोबाइल नंबर से संपर्क किया तो पतंजलि के डॉक्टर सुनील गुप्ता होने का दिखावा करने वाले एक व्यक्ति ने उनसे फोन पर बात की.

उनसे रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर दस हजार रुपये का भुगतान करने की बात की. पीड़ित ने रजिस्ट्रेशन कराया और धीरे-धीरे कर उनसे 2,40,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई. इसके बाद पीड़ित अपनी शिकायत लेकर पतंजलि हरिद्वार पहुंचे, जिसके तहत 4 नवंबर को आईपीसी की धारा 420 के तहत साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने आरोपियों की पहचान करने के लिए टीम का गठन किया. मामले में पड़ताल करते हुए पुलिस टीम ने कॉल रिकॉर्डिंग, बैंक खाते आदि तलाशे तो पुलिस को एक नंबर मिला, जो कोलकाता और बिहार में सक्रिय था.

पुलिस टीम ने अलग-अलग एटीएम से पैसे निकालने के बारे में जानकारी व बिहार में सीडीआर और मैनुअल इंफॉर्मेशन की मदद से आरोपियों की पहचान की. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस एक वेबसाइट डेवलेपर तक पहुंची जिसने वेबसाइट बबनाई थी. इसके बाद पुलिस टीम मुख्य आरोपी रमेश पटेल तक पहुंची, जिसे पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी रमेश पटेल की निशानदेही पर अन्य दो आरोपियों को भी साइबर नॉर्थ पुलिस स्टेशन की टीम ने बिहार से ही गिरफ्तार किया है.

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पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग तरीकों से जुगाड़ कर पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा में पहले से चल रहे सिम खरीदें. उन्होंने अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए, जिनका इस्तेमाल केवल पैसे निकालने के लिए किया जाता था. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने फर्जी वेबसाइट इसलिए बनवाई थी, ताकि पतंजलि योगपीठ में इलाज की तलाश करने वाले लोग बुकिंग के लिए उनसे संपर्क करें. उन्हें जानकारी थी कि वहां पर ठहरने के लिए लोग ऑनलाइन बुकिंग कराते हैं. आरोपियों ने खुद को पतंजलि योगपीठ का डॉक्टर के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया. आरोपियों ने अपनी वेबसाइट को इस तरीके से गूगल पर ट्रेंड कराया कि सबसे पहले वही दिखे, जिसपर लोग उनसे संपर्क करते और आरोपियों के झांसे में भोले-भाले लोग फंसकर ठगी का शिकार हो जाते.

फिलहाल पुलिस टीम ठगी की वारदात में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और आरोप में से पूछताछ से जानकारी के आधार पर भी मामले की पड़ताल कर रही है.

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