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जामिया में गूंजा AMU का तराना, नागरिकता कानून का जमकर हो रहा विरोध

जामिया में तमाम यूनिवर्सिटीज के CAA-NRC के खिलाफ आवाज उठाने के लिये एकत्रित हो रहे हैं. AMU से आये छात्रों ने तराना "ये मेरा चमन, है मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूं.." गाया.

AMU tarana in Jamia
जामिया प्रदर्शन
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Published : Jan 17, 2020, 12:09 PM IST

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध में जामिया में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने बाब-ए-सैयद पर विश्वविद्यालय का तराना गाया. मजाज के लिखे इस तराने के जरिए छात्रों ने एकजुटता का संदेश दिया.

जामिया में गूंजा AMU का तराना

गौरतलब है कि जामिया में तमाम यूनिवर्सिटीज के छात्र आंदोलन में अपनी एकता दिखाने के लिये एकत्रित हो रहे हैं. एएमयू से आये छात्र और छात्राओं ने तराना "ये मेरा चमन, है मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूं.." गाया.

तमाम विश्वविधालय की एकता

जामिया के मंच से एएमयू के छात्रों के साथ तमाम लोंगो ने मिलकर शायर असरारुल हक मजाज का एएमयू के लिए लिखा तराना (ये मेरा चमन, ये मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूं) सामूहिक रूप से गाया. इसके बाद इंकलाब के नारों के साथ जामिया की दहलीज पर तमाम लोग एक आवाज में आजादी की मांग भी करते दिखाई दिये.

आंखें हुई नम

जामिया पर जिस वक्त तराना दोहराया जा रहा था, वहां मौजूद तमाम छात्र और छात्राओं की आंखें नम हो गईं. उनका कहना है कि ये हमारी एकता का तराना है, ये हमें बताता है कि हम सब एक हैं और ये हमारा चमन हमारा घर है, हमें यहां से कोई बाहर नहीं कर सकता.

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध में जामिया में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने बाब-ए-सैयद पर विश्वविद्यालय का तराना गाया. मजाज के लिखे इस तराने के जरिए छात्रों ने एकजुटता का संदेश दिया.

जामिया में गूंजा AMU का तराना

गौरतलब है कि जामिया में तमाम यूनिवर्सिटीज के छात्र आंदोलन में अपनी एकता दिखाने के लिये एकत्रित हो रहे हैं. एएमयू से आये छात्र और छात्राओं ने तराना "ये मेरा चमन, है मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूं.." गाया.

तमाम विश्वविधालय की एकता

जामिया के मंच से एएमयू के छात्रों के साथ तमाम लोंगो ने मिलकर शायर असरारुल हक मजाज का एएमयू के लिए लिखा तराना (ये मेरा चमन, ये मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूं) सामूहिक रूप से गाया. इसके बाद इंकलाब के नारों के साथ जामिया की दहलीज पर तमाम लोग एक आवाज में आजादी की मांग भी करते दिखाई दिये.

आंखें हुई नम

जामिया पर जिस वक्त तराना दोहराया जा रहा था, वहां मौजूद तमाम छात्र और छात्राओं की आंखें नम हो गईं. उनका कहना है कि ये हमारी एकता का तराना है, ये हमें बताता है कि हम सब एक हैं और ये हमारा चमन हमारा घर है, हमें यहां से कोई बाहर नहीं कर सकता.

Intro:नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालयके छात्रों ने बाब-ए-सैयद पर विश्वविद्यालय का तराना (एएमयू तराना) गाया। मजाज के लिखे इस तराने के जरिए छात्रों ने एकजुटता का संदेश दिया और संकेत दिया कि आंदोलन अभी जारी रहेगा।Body:गौरतलब है कि जामिया में तमाम युनीवर्सिटीज़ के छात्र आंदोलन में अपनी एकता दिखाने के लिये और CAA-NRC के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिये एकत्रित हो रहे हैं। एएमयू से आये छात्र और छात्राओं ने एमयु का तराना ' ये मेरा चमन.. में अपने चमन का बुलबुल हूं..' से जामिया का मंच एक बार फिर छात्रों की एकजुटता से भर दिया।

जामिया,एमयु,जेएनयु के साथ तमाम विश्वविधालय की एकता
जामिया के मंच से एएमयू के छात्रों के साथ तमाम मोजूदा युनीवर्सिटीज़ और लोंगो ने मिलकर शायर असरारुल हक मजाज का एएमयू के लिए लिखा तराना (ये मेरा चमन, ये मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूं...) सामूहिक रूप से गाया। इसके बाद इंकलाब के नारों के साथ जामिया की दहलीज़ पर तमाम लोग एक आवाज़ में आज़ादी की मांग भी करते दिखाई दिये।
एएमयू छात्रों के तराने से सभी आंखें हुई नम

जामिया पर जिस वक्त तराना दोहराया जा रहा था तो वहां मोजूद तमाम छात्र और छात्राओं की आंखें नम होती दिखाई दीं। उनका कहना है कि ये हमारी एकता का तराना है ये हमें बताता है कि हम सब एक हैं और ये हमारा चमन हमारा घर है हमें यहां से कोई बाहर नहीं कर सकता। जिस तरह हमारे युनीवर्सिटीज़ पर बार बार अटैक हो रहे हैं वो सही नहीं है। हम यहां पढ़ने आते है इन लोंगों ने आज हमें इतना मजबूर किया कि हम सड़कों पर उतरने पर मजबूर हैं।Conclusion:कानून के विरोध में एक छात्रा ने कहा कि हमने संवैधानिक दायरे में यहां तराना गाया है। इसलिए भी कि यह सीएए संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है। इस कानून के खिलाफ जामिया सहित पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं, जो इसका विरोध कर रहा है, उसे देश विरोधी बताया जा रहा है लेकिन हम यहां पर अपने प्रदर्शन से यह साबित करना चाहते हैं कि हम देश विरोधी नहीं बल्कि हम भी राष्ट्रवादी हैं।
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