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RCA में जामिया देगा दिव्यांग छात्रों को आरक्षण, UPSC की होती है तैयारी

जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन दिव्यांग छात्रों पर विशेष ध्यान दे रहा है. इस बार जामिया की रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी ने दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण देने का फैसला किया है.

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Published : Jul 16, 2019, 12:57 PM IST

IAS एम. एफ फ़ारूक़ी, etv bharat

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया देशभर में उच्च शिक्षा और शोध कार्यों के लिए जाना जाता है. इस बार जामिया प्रशासन दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण देने के फैसले से सुर्खियों में है. इस कोचिंग अकादमी से अब तक लगभग 200 छात्र सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर चुके हैं.

जामिया में अब दिव्यांग छात्रों को मिलेगा आरक्षण

चार कैटेगरी के तहत सीटें की गई है आरक्षित
वहीं दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण दिए जाने को लेकर जामिया के रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर पूर्व IAS एम. एफ फ़ारूक़ी ने बताया कि इस सत्र से दिव्यांग छात्रों को रिजर्वेशन दिए जाने की पहल की जा रही है.
दिव्यांग श्रेणी में चार कैटेगरी के तहत सीटें आरक्षित की गई है. जिनमें दृष्टिबाधित, मूक, बधिर और लोकोमोटिव डिसऑर्डर वाले छात्र शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि कोचिंग अकादमी के लिए यह एक अवसर है जब हम दिव्यांग छात्रों के सपनों को साकार करने में कुछ योगदान दे सकते हैं.

मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा चयन
दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाने को रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी एक चुनौती की तरह ले रहा है. उनका कहना है कि दिव्यांग छात्रों को तैयार करने में चुनौतियां तो बहुत आएंगी पर उन्हें ज़िंदगी मे आगे बढ़ने का हौसला बढ़ेगा.
कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर एम. एफ फ़ारूक़ी ने कहा कि दिव्यांग छात्र भी वही परीक्षा देंगे जो सामान्य छात्र देंगे और कोचिंग के लिए उनका चयन भी मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा.
वहीं उन्होंने बताया कि इस सत्र में सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए लगभग 7-8 दिव्यांग छात्रों को इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.

200 से अधिक छात्र राज सेवाओं में कार्यरत
बता दें कि आरसीए की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी. तब से दो सौ से अधिक छात्र सिविल सर्वेंट बन चुके हैं और करीब ढाई सौ से अधिक छात्र केंद्रीय और राज सेवाओं में कार्यरत है.
मालूम हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं को लोक सेवाओं की परीक्षा के लिए निशुल्क तैयारी कराने के लिए वर्ष 2010 में आरसीए का गठन किया था.

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया देशभर में उच्च शिक्षा और शोध कार्यों के लिए जाना जाता है. इस बार जामिया प्रशासन दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण देने के फैसले से सुर्खियों में है. इस कोचिंग अकादमी से अब तक लगभग 200 छात्र सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर चुके हैं.

जामिया में अब दिव्यांग छात्रों को मिलेगा आरक्षण

चार कैटेगरी के तहत सीटें की गई है आरक्षित
वहीं दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण दिए जाने को लेकर जामिया के रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर पूर्व IAS एम. एफ फ़ारूक़ी ने बताया कि इस सत्र से दिव्यांग छात्रों को रिजर्वेशन दिए जाने की पहल की जा रही है.
दिव्यांग श्रेणी में चार कैटेगरी के तहत सीटें आरक्षित की गई है. जिनमें दृष्टिबाधित, मूक, बधिर और लोकोमोटिव डिसऑर्डर वाले छात्र शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि कोचिंग अकादमी के लिए यह एक अवसर है जब हम दिव्यांग छात्रों के सपनों को साकार करने में कुछ योगदान दे सकते हैं.

मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा चयन
दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाने को रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी एक चुनौती की तरह ले रहा है. उनका कहना है कि दिव्यांग छात्रों को तैयार करने में चुनौतियां तो बहुत आएंगी पर उन्हें ज़िंदगी मे आगे बढ़ने का हौसला बढ़ेगा.
कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर एम. एफ फ़ारूक़ी ने कहा कि दिव्यांग छात्र भी वही परीक्षा देंगे जो सामान्य छात्र देंगे और कोचिंग के लिए उनका चयन भी मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा.
वहीं उन्होंने बताया कि इस सत्र में सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए लगभग 7-8 दिव्यांग छात्रों को इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.

200 से अधिक छात्र राज सेवाओं में कार्यरत
बता दें कि आरसीए की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी. तब से दो सौ से अधिक छात्र सिविल सर्वेंट बन चुके हैं और करीब ढाई सौ से अधिक छात्र केंद्रीय और राज सेवाओं में कार्यरत है.
मालूम हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं को लोक सेवाओं की परीक्षा के लिए निशुल्क तैयारी कराने के लिए वर्ष 2010 में आरसीए का गठन किया था.

Intro:नई दिल्ली ।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया देशभर में उच्च शिक्षा और शोध कार्यों के लिए जाना जाता है. वहीं इस सत्र से जामिया प्रशासन दिव्यांग छात्रों पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसके चलते जामिया की रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी ने दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण देने का फैसला किया है. बता दें कि इस कोचिंग अकादमी से अब तक लगभग 200 छात्र सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर चुके हैं.




Body:वहीं दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण दिए जाने को लेकर जामिया के रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर पूर्व आइएएस एम. एफ फ़ारूक़ी ने बताया कि इस सत्र से दिव्यांग छात्रों को रिजर्वेशन दिए जाने की पहल की जा रही है. इसके तहत दिव्यांग श्रेणी में चार कैटेगरी के तहत सीटें आरक्षित की गई है. उन्होंने कहा कि कोचिंग अकादमी के लिए यह एक अवसर है जब हम दिव्यांग छात्रों के सपनों को साकार करने में कुछ योगदान दे सकते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से न सिर्फ दिव्यांग छात्रों में जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया बनेगा बल्कि सामान्य वर्ग के छात्रों को यह प्रेरणा भी मिलेगी की कितने ही ऐसे छात्र हैं जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी शिक्षा नहीं छोड़ते और आगे बढ़ते हैं.

दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाने को रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी एक चुनौती की तरह ले रहा है. उनका कहना है कि दिव्यांग छात्रों को तैयार करने में चुनौतियां तो बहुत आएंगी पर उन्हें ज़िंदगी मे आगे बढ़ने का हौसला बढ़ेगा. साथ ही सामान्य छात्रों में भी इन दिव्यांग छात्रों की मदद का जज़्बा जागेगा जिससे सभी छात्र मिलजुल कर पढ़ाई कर एक दूसरे की मदद करना सीखेंगे. हालांकि इस कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर एम. एफ फ़ारूक़ी ने कहा कि दिव्यांग छात्र भी वही परीक्षा देंगे जो सामान्य छात्र देंगे और कोचिंग के लिए उनका चयन भी मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा.

वहीं उन्होंने बताया कि इस सत्र में सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए लगभग 7-8 दिव्यांग छात्रों की इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. साथ ही कहा कि उनके लिए कोचिंग अकादमी में हर जरूरी सुविधा मुहैया कराना बहुत बड़ी चुनौती होगी. लेकिन ऐसे छात्रों का हौसला बढ़ाने के लिए यह हर संस्थान का मौलिक कर्तव्य होता है कि वह इन दिव्यांग छात्रों की मदद के लिए आगे आये और हर चुनौती को अपनाने के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि रेसिडेंशियल अकादमी इस तरह की चुनौती के लिए तैयार है और इसके तहत कई बदलाव पहले ही इस अकादमी में कर दिए गए हैं.


Conclusion:दिव्यांग छात्रों का हौसला बढ़ाने और उन्हें जीवन के प्रति सकारात्मक बनाने के लिए जामिया रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी उन्हें सिविल सर्विसेस की परीक्षा की तैयारी में आरक्षण देगा. बता दें कि दिव्यांग श्रेणी की इन चार कैटेगिरी को आरसीए द्वारा सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण दिया जा रहा है जिनमें दृष्टिबाधित, मूक, बधिर और लोकोमोटिव डिसऑर्डर वाले छात्र शामिल हैं.

बता दें कि आरसीए की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी तब से लेकर अब तक अकादमी से दो सौ से अधिक छात्र सिविल सर्वेंट बन चुके हैं और करीब ढाई सौ से अधिक छात्र केंद्रीय और राज सेवाओं में कार्यरत है. मालूम हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं को लोक सेवाओं की परीक्षा के लिए निशुल्क तैयारी कराने के लिए वर्ष 2010 में आरसीए का गठन किया था.


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