नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया देशभर में उच्च शिक्षा और शोध कार्यों के लिए जाना जाता है. इस बार जामिया प्रशासन दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण देने के फैसले से सुर्खियों में है. इस कोचिंग अकादमी से अब तक लगभग 200 छात्र सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर चुके हैं.
चार कैटेगरी के तहत सीटें की गई है आरक्षित
वहीं दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग में आरक्षण दिए जाने को लेकर जामिया के रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर पूर्व IAS एम. एफ फ़ारूक़ी ने बताया कि इस सत्र से दिव्यांग छात्रों को रिजर्वेशन दिए जाने की पहल की जा रही है.
दिव्यांग श्रेणी में चार कैटेगरी के तहत सीटें आरक्षित की गई है. जिनमें दृष्टिबाधित, मूक, बधिर और लोकोमोटिव डिसऑर्डर वाले छात्र शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि कोचिंग अकादमी के लिए यह एक अवसर है जब हम दिव्यांग छात्रों के सपनों को साकार करने में कुछ योगदान दे सकते हैं.
मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा चयन
दिव्यांग छात्रों को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाने को रेसिडेंशियल कोचिंग अकादमी एक चुनौती की तरह ले रहा है. उनका कहना है कि दिव्यांग छात्रों को तैयार करने में चुनौतियां तो बहुत आएंगी पर उन्हें ज़िंदगी मे आगे बढ़ने का हौसला बढ़ेगा.
कोचिंग अकादमी के डायरेक्टर एम. एफ फ़ारूक़ी ने कहा कि दिव्यांग छात्र भी वही परीक्षा देंगे जो सामान्य छात्र देंगे और कोचिंग के लिए उनका चयन भी मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा.
वहीं उन्होंने बताया कि इस सत्र में सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए लगभग 7-8 दिव्यांग छात्रों को इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.
200 से अधिक छात्र राज सेवाओं में कार्यरत
बता दें कि आरसीए की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी. तब से दो सौ से अधिक छात्र सिविल सर्वेंट बन चुके हैं और करीब ढाई सौ से अधिक छात्र केंद्रीय और राज सेवाओं में कार्यरत है.
मालूम हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं को लोक सेवाओं की परीक्षा के लिए निशुल्क तैयारी कराने के लिए वर्ष 2010 में आरसीए का गठन किया था.