नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली Delhi) में कोरोना (Corona) की वजह से लगाया गया लॉकडाउन ( lockdown) एक-एक हफ्ते करके लगातार बढ़ाया जा रहा है. अब दिल्ली में लॉकडाउन ( lockdown) हुए करीब डेढ़ महीने हो गए हैं. लॉकडाउन (lockdown) का असर लोगों पर पड़ने लगा है और लोग इसको लेकर खुलकर बोलने भी लगे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने दिल्ली के तुगलकाबाद (Tughlakabad) इलाके में दुकानदारों (shopkeepers) और लोगों से बातचीत की.
ईटीवी भारत (ETV Bharat) से बातचीत में लोगों ने बताया कि दुकाने लंबे समय से बंद होने से जहां हमारी आमदनी बंद है और खर्चे चालू हैं. दुकान का किराया, बिजली-पानी का बिल सब लग रहा है. इसके अलावा आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों का कहना है कि हमें तो लॉकडाउन के दौरान अनुमति दी गई है. लेकिन लेबर की कमी की वजह से हम परेशान हो रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लेबर नहीं मिल रहे हैं. जिससे हमारा काम सही से नहीं चल पा रहा हैं.
वहीं फैक्ट्री मालिक ने बताया कि हमें तो अनुमति मिली है. लेकिन लॉकडाउन (lockdown) के दौरान हमारे फैक्ट्री में कार्यरत सभी लेबर अपने गांव चले गए हैं, अब हम अपना काम सोमवार से कैसे करेंगे, हमें समझ नहीं आ रहा.
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कपड़े के व्यापार से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन (lockdown) से काफी दिक्कत हो रहीं हैं, सब कुछ खुला है लेकिन काम बंद किया गया है. ये कैसा लॉकडाउन है, जिसमें सड़कों पर लोग आ-जा कर रहे हैं. लेकिन दुकानों को खोलने और काम करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. सरकार को कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे कोरोना महामारी से बचाओ भी हो और सब काम भी चलता रहे.
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बता दें कि सोमवार से सिर्फ फैक्ट्रियों और निर्माण कार्य को अनुमति दी गई है. दुकानों को खोलने का निर्णय नहीं हुआ है. इसी को लेकर अब दुकानदार (shopkeepers) परेशान होते नजर आ रहे हैं.
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