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टीम केजरीवाल का मिशन 2020, लोकसभा में करारी हार के बाद खुद CM ने संभाली कमान

अरविंद केजरीवाल ने विधायकों और पार्षदों के साथ सभी से अलग-अलग मुलाकात की और सभी को अगले चुनाव के लिए जमीन पर काम करने के लिए निर्देश जारी किए.

AAP में बैठकों का दौर शुरू
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Published : Jun 27, 2019, 7:06 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली बुरी हार के बाद अब आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सक्रियता के साथ काम करती दिख रही है. चुनाव परिणाम के तुरंत बाद अरविंद केजरीवाल लोगों से सीधे तौर पर रूबरू होने लगे. सीएम केजरीवाल ने संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की तैयारियां शुरू कर दी है.

संवाददाता निरंजन मिश्रा की रिपोर्ट

इस कड़ी में लोगों से मुलाकात की जा रही है. खुद सीएम केजरीवाल आए दिन अपनी पार्टी के लोगों से मिल रहे हैं और उनसे फीडबैक ले रहे हैं, साथ ही उन्हें निर्देश भी दिये जा रहे है.

CM आवास पर हुई बैठक

बुधवार को सीएम केजरीवाल के आवास पर पार्टी नेताओं की एक बैठक रखी गई थी. इस बैठक में सभी विधायकों, सभी पार्षदों के साथ-साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था. अरविंद केजरीवाल ने इन सभी को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जरूरी निर्देश दिए.

cm kejriwal and team doing meetings with workers for 2020 elections
बैठक से पहले कार्यकर्ताओं की भीड़

फीडबैक ले रहे हैं सीएम केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने विधायकों और पार्षदों सभी से अलग-अलग मुलाकात की और सभी को अगले चुनाव के लिए जमीन पर काम करने के लिए निर्देश जारी किए. वर्तमान में आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस दिल्ली में लग रहे सीसीटीवी कैमरों के ऊपर है. इसके जरिए पार्टी अपने प्रति लोगों को एकजुट करने की कोशिश में है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी इसे अपने विकास के मास्टर स्ट्रॉक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है.

CCTV योजना पर नजर

अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर भी अपने नेताओं को हिदायत दी कि वे ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी लगवाएं और इस योजना को लोगों के बीच लेकर जाएं ताकि AAP की सीसीटीवी योजना लोगों तक पहुंचे और लोगों के बीच ये संदेश जाए कि पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाना कितना बड़ा कदम है.

cm kejriwal and team doing meetings with workers for 2020 elections
आम आदमी पार्टी कार्यालय

2020 का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के भविष्य निर्धारण का भी चुनाव होगा, क्योंकि अब ये पार्टी और खुद सीएम केजरीवाल की साख का सवाल है. ये चुनाव 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों की तरह नए नहीं हैं और न ही केजरीवाल सरकार के दावे और वादे नए है.

कांग्रेस भी अब सत्ता विरोधी लहर से दूर है और बीजेपी भी सांगठनिक रूप से मजबूत है, ऐसे में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. देखने वाली बात होगी कि केजरीवाल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन बैठकों के जरिए संगठन को एकजुट और मजबूत करने में कितने सफल हो पाते हैं.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली बुरी हार के बाद अब आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सक्रियता के साथ काम करती दिख रही है. चुनाव परिणाम के तुरंत बाद अरविंद केजरीवाल लोगों से सीधे तौर पर रूबरू होने लगे. सीएम केजरीवाल ने संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की तैयारियां शुरू कर दी है.

संवाददाता निरंजन मिश्रा की रिपोर्ट

इस कड़ी में लोगों से मुलाकात की जा रही है. खुद सीएम केजरीवाल आए दिन अपनी पार्टी के लोगों से मिल रहे हैं और उनसे फीडबैक ले रहे हैं, साथ ही उन्हें निर्देश भी दिये जा रहे है.

CM आवास पर हुई बैठक

बुधवार को सीएम केजरीवाल के आवास पर पार्टी नेताओं की एक बैठक रखी गई थी. इस बैठक में सभी विधायकों, सभी पार्षदों के साथ-साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था. अरविंद केजरीवाल ने इन सभी को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जरूरी निर्देश दिए.

cm kejriwal and team doing meetings with workers for 2020 elections
बैठक से पहले कार्यकर्ताओं की भीड़

फीडबैक ले रहे हैं सीएम केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने विधायकों और पार्षदों सभी से अलग-अलग मुलाकात की और सभी को अगले चुनाव के लिए जमीन पर काम करने के लिए निर्देश जारी किए. वर्तमान में आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस दिल्ली में लग रहे सीसीटीवी कैमरों के ऊपर है. इसके जरिए पार्टी अपने प्रति लोगों को एकजुट करने की कोशिश में है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी इसे अपने विकास के मास्टर स्ट्रॉक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है.

CCTV योजना पर नजर

अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर भी अपने नेताओं को हिदायत दी कि वे ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी लगवाएं और इस योजना को लोगों के बीच लेकर जाएं ताकि AAP की सीसीटीवी योजना लोगों तक पहुंचे और लोगों के बीच ये संदेश जाए कि पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाना कितना बड़ा कदम है.

cm kejriwal and team doing meetings with workers for 2020 elections
आम आदमी पार्टी कार्यालय

2020 का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के भविष्य निर्धारण का भी चुनाव होगा, क्योंकि अब ये पार्टी और खुद सीएम केजरीवाल की साख का सवाल है. ये चुनाव 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों की तरह नए नहीं हैं और न ही केजरीवाल सरकार के दावे और वादे नए है.

कांग्रेस भी अब सत्ता विरोधी लहर से दूर है और बीजेपी भी सांगठनिक रूप से मजबूत है, ऐसे में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. देखने वाली बात होगी कि केजरीवाल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन बैठकों के जरिए संगठन को एकजुट और मजबूत करने में कितने सफल हो पाते हैं.

Intro:लोकसभा चुनाव में मिली बुरी हार के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी जमीन पर सक्रिय हो गई थी. चुनाव परिणाम के तुरंत बाद अरविंद केजरीवाल जमीन पर उतर कर लोगों से सीधे तौर पर रूबरू होने लगे. अब केजरीवाल ने संगठन को चुस्त दुरुस्त करने की तैयारियां शुरू कर दी है.


Body:नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल आए दिन अपनी पार्टी के लोगों से मिल रहे हैं और उनसे फीडबैक के साथ-साथ उन्हें निर्देश भी दे रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को केजरीवाल के आवास पर पार्टी नेताओं की एक बैठक रखी गई थी. इस बैठक में सभी विधायकों सभी पार्षदों के साथ साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था. अरविंद केजरीवाल ने इन सभी को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जरूरी निर्देश दिए.

अरविंद केजरीवाल ने विधायकों और पार्षदों सभी से अलग-अलग मुलाकात की और सभी को अगले चुनाव के लिए जमीन पर उतर जाने का निर्देश दिया. वर्तमान में आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस दिल्ली में लग रहे सीसीटीवी कैमरों के ऊपर है. इसके जरिए पार्टी अपने प्रति लोगों को एकजुट करने की कोशिश में है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी इसे अपने विकास के मास्टर स्ट्रॉक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है.

अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर भी अपने नेताओं को हिदायत दी कि वे ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी को लोगों के बीच ले जाएं और उनके मन में यह बात बैठाएं है कि आम आदमी पार्टी द्वारा पूरी दिल्ली में सीसीटीवी लगाना कितना बड़ा कदम है.


Conclusion:2020 का चुनाव आम आदमी पार्टी के भविष्य निर्धारण का भी चुनाव होगा, क्योंकि अब यह पार्टी और खुद केजरीवाल 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों की तरह नए नहीं हैं और न ही नए हैं केजरीवाल के दावे और वादे. कांग्रेस भी अब सत्ता विरोधी लहर से दूर है और भाजपा भी सांगठनिक रूप से मजबूत है, ऐसे में केजरीवाल के सामने बड़ी चुनौती है. अब देखने वाली बात होगी कि केजरीवाल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन बैठकों के जरिए संगठन को एकजुट और मजबूत करने में कितने सफल हो पाते हैं.
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