ETV Bharat / state

दिल्ली: AIIMS के बाहर ठंड में रात बिताने को मजबूर मरीज और उनके परिजन, रैनबसेरों में जगह नहीं - दिल्ली की ताजा खबरें

दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में पहुंचने वाले विभिन्न राज्यों के मरीज और परिजन, अस्पताल के बाहर कड़ाके की ठंड में रात बिताने को मजबूर (patients compelled to spend night outside aiims) हैं. यहां पर्याप्त संख्या में रैन बसेरे न होने के चलते इन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

patients compelled to spend night outside aiims
patients compelled to spend night outside aiims
author img

By

Published : Jan 12, 2023, 10:42 AM IST

Updated : Jan 12, 2023, 12:28 PM IST

ठंड में एम्स के बाहर रहने को मजबूर मरीज व परिजन

नई दिल्ली: दिल्ली में सर्दी का सितम जारी है. यहां एम्स में इलाज कराने आए कई लोगों को कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ रही है. दरअसल, विभिन्न राज्यों से आए मरीजों व उनके परिजनों को इतनी ठंड में भी अस्पताल व मेट्रो स्टेशन के बाहर सोना पड़ (patients compelled to spend night outside aiims) रहा है, क्योंकि यहां पर्याप्त संख्या में रैनबसेरे नहीं हैं.

इस बारे में बिहार के पूर्णिया जिले से आए प्रकाश मंडल ने बताया कि वे अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए एम्स आए हैं, लेकिन अभी तक उनके बच्चे को एडमिट नहीं किया गया है. वहीं, अस्पताल के बाहर कोई रैन बसेरा न होने और पास में होटल के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में फुटपाथ पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं. उनके अलावा बिहार के मधुबनी जिले से आई एक महिला ने बताया कि वह अपना इलाज कराने के लिए आईं हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई बंदोबस्त न होने के चलते वे अस्पताल के बाहर इस कड़ाके की ठंड में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि वे यहां से कुछ दूरी पर बनाए गए रैन बसेरे में भी गई थीं, लेकिन उन लोगों ने कहा कि अभी कोई भी रैन बसेरा खाली नहीं है.

यह भी पढ़ें-पंजाब से बिहार तक आज भी घना कोहरा, कई उड़ाने और ट्रेनें प्रभावित

वहीं, उत्तर प्रदेश से आए एक बुजुर्ग ने बताया कि वह अपने परिजन का इलाज कराने के लिए आए हैं. लेकिन इस सर्दी में अस्पताल के बाहर कोई इंतजाम नहीं है. उन्होंने बताया कि पास में रैन बसेरे तो बने हैं, लेकिन किसी में इस वक्त जगह नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि वे रैन बसेरे के कई बार चक्कर लगा चुके हैं, फिर भी उन्हें वहां जगह नहीं मिली है. बता दें कि एम्स में हर साल विभिन्न राज्यों से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. बावजूद इसके ठंड के मौसम में भी लोगों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. इससे यहां इलाज कराने लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और वे खुले आसमान क नीचे सोने को मजबूर हैं.

यह भी पढ़ें-बांग्लादेश के तीन महीने के बच्चे को मिला AIIMS में नया जीवन, अस्पताल से डिस्चार्ज

ठंड में एम्स के बाहर रहने को मजबूर मरीज व परिजन

नई दिल्ली: दिल्ली में सर्दी का सितम जारी है. यहां एम्स में इलाज कराने आए कई लोगों को कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ रही है. दरअसल, विभिन्न राज्यों से आए मरीजों व उनके परिजनों को इतनी ठंड में भी अस्पताल व मेट्रो स्टेशन के बाहर सोना पड़ (patients compelled to spend night outside aiims) रहा है, क्योंकि यहां पर्याप्त संख्या में रैनबसेरे नहीं हैं.

इस बारे में बिहार के पूर्णिया जिले से आए प्रकाश मंडल ने बताया कि वे अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए एम्स आए हैं, लेकिन अभी तक उनके बच्चे को एडमिट नहीं किया गया है. वहीं, अस्पताल के बाहर कोई रैन बसेरा न होने और पास में होटल के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में फुटपाथ पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं. उनके अलावा बिहार के मधुबनी जिले से आई एक महिला ने बताया कि वह अपना इलाज कराने के लिए आईं हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई बंदोबस्त न होने के चलते वे अस्पताल के बाहर इस कड़ाके की ठंड में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि वे यहां से कुछ दूरी पर बनाए गए रैन बसेरे में भी गई थीं, लेकिन उन लोगों ने कहा कि अभी कोई भी रैन बसेरा खाली नहीं है.

यह भी पढ़ें-पंजाब से बिहार तक आज भी घना कोहरा, कई उड़ाने और ट्रेनें प्रभावित

वहीं, उत्तर प्रदेश से आए एक बुजुर्ग ने बताया कि वह अपने परिजन का इलाज कराने के लिए आए हैं. लेकिन इस सर्दी में अस्पताल के बाहर कोई इंतजाम नहीं है. उन्होंने बताया कि पास में रैन बसेरे तो बने हैं, लेकिन किसी में इस वक्त जगह नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि वे रैन बसेरे के कई बार चक्कर लगा चुके हैं, फिर भी उन्हें वहां जगह नहीं मिली है. बता दें कि एम्स में हर साल विभिन्न राज्यों से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. बावजूद इसके ठंड के मौसम में भी लोगों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. इससे यहां इलाज कराने लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और वे खुले आसमान क नीचे सोने को मजबूर हैं.

यह भी पढ़ें-बांग्लादेश के तीन महीने के बच्चे को मिला AIIMS में नया जीवन, अस्पताल से डिस्चार्ज

Last Updated : Jan 12, 2023, 12:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.