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ज्यादा खतरनाक नहीं है कोरोना का नया वैरिएंट, फैलने की गति तो दोगुनी लेकिन मृत्यु दर है आधी

दूसरी लहर में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन राहत की बात यह है कि कोरोना का नया म्युटेशन अपेक्षाकृत कम प्रभावी है. इससे मृत्यु दर पहली लहर के मुकाबले आधी है.

new variant of Corona has doubled rate of spread and halved the death rate in delhi
कोरोना के नए वैरिएंट के फैलने की गति दोगुनी और मृत्यु दर आधी
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Published : Mar 29, 2021, 2:23 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि इंफेक्शन उतना खतरनाक नहीं है, जितना की पहली लहर के दौरान था. कोरोना के नए वैरिएंट के वायरस में तेजी से फैलने की प्रवृत्ति है. विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से पहले यूके, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में कोरोना के नए वैरिएंट के वायरस आए, वैसे ही अब भारत में भी एक नया वैरिएंट आया है. कुछ समय बाद इसका प्रभाव अपने आप खत्म हो जाएगा.

ज्यादा खतरनाक नहीं है कोरोना का नया वैरिएंट
वैक्सीन का भी नहीं होगा असर

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल बताते हैं कि वायरस में म्यूटेशन की प्रवृत्ति होती है. अपने आप को सरवाइव रखने के लिए इसमें लगातार म्युटेशन होता रहता है. इसके म्युटेशन को कोई भी नहीं रोक सकता, वैक्सीन से भी नहीं रुकेगा, लेकिन इसका प्रभाव जरूर खत्म किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: स्वामी दयानंद अस्पताल में सांसद अनिल जैन के साथ भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष दौरे पर पहुंचे

इन दो वायरस में हुआ है म्युटेशन

डॉ अग्रवाल बताते हैं कि भारत में वायरस का जो म्यूटेशन हुआ है, वह 484 और 452 में म्युटेशन हुआ है. दोनों म्यूटेशन रिसेप्टर बाइंडिंग है, जिसे आरबीएम बोलते हैं, जहां पर बीमारी बड़ी तेजी से फैलती है. भारत में इस समय जो भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, वह इसी वजह से बढ़ रहे हैं. पिछली लहर में जो मामले 28 दिनों में आए थे. दूसरी लहर में उतने ही मामले केवल 15 दिनों में आ रहे हैं. यानी कि वायरस के फैलने की गति दोगुनी है, लेकिन अच्छी बात यह है कि मृत्यु दर आधी है.

केस दोगुने और मृत्यु दर आधी
पहली लहर में जहां एक दिन में 400 से 600 की मृत्यु होती थी, वहीं इस दूसरी लहर में 200 से 250 लोग प्रतिदिन कोरोना इंफेक्शन से मर रहे हैं. यानी वायरस के फैलने की गति ज्यादा है , लेकिन इससे लोगों की मरने की संख्या अनुपातिक रूप से कम है.

नई दिल्ली: कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि इंफेक्शन उतना खतरनाक नहीं है, जितना की पहली लहर के दौरान था. कोरोना के नए वैरिएंट के वायरस में तेजी से फैलने की प्रवृत्ति है. विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से पहले यूके, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में कोरोना के नए वैरिएंट के वायरस आए, वैसे ही अब भारत में भी एक नया वैरिएंट आया है. कुछ समय बाद इसका प्रभाव अपने आप खत्म हो जाएगा.

ज्यादा खतरनाक नहीं है कोरोना का नया वैरिएंट
वैक्सीन का भी नहीं होगा असर

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल बताते हैं कि वायरस में म्यूटेशन की प्रवृत्ति होती है. अपने आप को सरवाइव रखने के लिए इसमें लगातार म्युटेशन होता रहता है. इसके म्युटेशन को कोई भी नहीं रोक सकता, वैक्सीन से भी नहीं रुकेगा, लेकिन इसका प्रभाव जरूर खत्म किया जा सकता है.

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इन दो वायरस में हुआ है म्युटेशन

डॉ अग्रवाल बताते हैं कि भारत में वायरस का जो म्यूटेशन हुआ है, वह 484 और 452 में म्युटेशन हुआ है. दोनों म्यूटेशन रिसेप्टर बाइंडिंग है, जिसे आरबीएम बोलते हैं, जहां पर बीमारी बड़ी तेजी से फैलती है. भारत में इस समय जो भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, वह इसी वजह से बढ़ रहे हैं. पिछली लहर में जो मामले 28 दिनों में आए थे. दूसरी लहर में उतने ही मामले केवल 15 दिनों में आ रहे हैं. यानी कि वायरस के फैलने की गति दोगुनी है, लेकिन अच्छी बात यह है कि मृत्यु दर आधी है.

केस दोगुने और मृत्यु दर आधी
पहली लहर में जहां एक दिन में 400 से 600 की मृत्यु होती थी, वहीं इस दूसरी लहर में 200 से 250 लोग प्रतिदिन कोरोना इंफेक्शन से मर रहे हैं. यानी वायरस के फैलने की गति ज्यादा है , लेकिन इससे लोगों की मरने की संख्या अनुपातिक रूप से कम है.

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