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आईआईटी दिल्ली में अगले सत्र से बीटेक, एमटेक और पीएचडी में नया पाठ्यक्रम

बीटेक, एमटेक और पीएचडी में आईआईटी दिल्ली अगले सत्र से नया पाठ्यक्रम लागू करने जा रहा है. यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत किया जा रहा है.

Indian Institute of Technology Delhi
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Published : Aug 11, 2023, 3:19 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में 12 अगस्त को होने वाले 54वें दीक्षांत समारोह में 2,350 से ज्यादा स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को यहां डिग्री दी जाएगी. यह जानकारी संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने दी. उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली, शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत नया पाठ्यक्रम लागू करने जा रहा है. इसमें एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम का पाठ्यक्रम पूरी तरीके से तैयार हो चुका और बीटेक का पाठ्यक्रम पूरा होने के अंतिम पड़ाव पर है.

खास बात है कि आईआईटी दिल्ली अगले शैक्षणिक सत्र से एम्स दिल्ली के डॉक्टरों के लिए स्नातकोत्तर में मॉस्टर्स ऑफ साइंस फॉर रिसर्च कोर्स भी शुरू करने जा रहा है. अगले साल से आईआईटी दिल्ली के इंजीनियर और एम्स दिल्ली के डॉक्टर मिलकर नए कोर्स में संयुक्त पीएचडी की पढ़ाई भी कर सकेंगे. निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी प्रोग्राम का पाठ्यक्रम बदला जा रहा है. इसमें मल्टीडिसिप्लनरी, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट समेत एनईपी की अन्य सिफारिशों का लाभ भी मिलेगा.

वहीं, इंजीनियरिंग के छात्र साइंस के अलावा ह्यूमैनाइटीज के विषयों को भी अतिरिक्त पढ़ सकते हैं. प्रो. रंगन बनर्जी ने बताया कि हमारा मकसद सिर्फ इंजीनियरिंग की डिग्री देना नहीं है. छात्रों को कैंपस से बाहर निकलने से पहले उन्हें स्किल्स की ट्रेनिंग भी मिलेगी. इसके अलावा रिसर्च, स्टार्टअप या कोई अन्य विकल्प भी यदि वे लेना चाहते हैं तो इसका भी मौका उन्हें दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें-Exclusive Interview: अबू धाबी में IIT दिल्ली का होगा कैंपस, 2024 से होगी सभी स्तर की पढ़ाई: प्रो. रंगन बनर्जी

प्रो. बनर्जी ने बताया कि मिस्र (इजिप्ट) के साथ कुछ डिग्री कोर्स की पढ़ाई कराने का फैसला लिया गया है, लेकिन आईआईटी दिल्ली वहां कोई कैंपस स्थापित नहीं करेगी. हमें कई देशों ने अप्रोच किया, लेकिन हमारी प्राथमिकता आईआईटी दिल्ली अबू धाबी कैंपस को शुरू करने की है. हमारी योजना अबू धाबी कैंपस अलावा फिलहाल अन्य किसी देश में कैंपस स्थापित करने की नहीं है. इसके अतिरिक्त आईआईटी दिल्ली का सोनीपत और झज्जर कैंपस बन रहा है. इसमें से झज्जर कैंपस अगले तीन-चार सालों में शुरू हो जाएगा.

यह भी पढ़ें-Crime in Delhi: मेटल सीट कारोबारी से 10 लाख 80 हजार की लूट, पुलिस कर रही मामले की जांच

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में 12 अगस्त को होने वाले 54वें दीक्षांत समारोह में 2,350 से ज्यादा स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को यहां डिग्री दी जाएगी. यह जानकारी संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने दी. उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली, शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत नया पाठ्यक्रम लागू करने जा रहा है. इसमें एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम का पाठ्यक्रम पूरी तरीके से तैयार हो चुका और बीटेक का पाठ्यक्रम पूरा होने के अंतिम पड़ाव पर है.

खास बात है कि आईआईटी दिल्ली अगले शैक्षणिक सत्र से एम्स दिल्ली के डॉक्टरों के लिए स्नातकोत्तर में मॉस्टर्स ऑफ साइंस फॉर रिसर्च कोर्स भी शुरू करने जा रहा है. अगले साल से आईआईटी दिल्ली के इंजीनियर और एम्स दिल्ली के डॉक्टर मिलकर नए कोर्स में संयुक्त पीएचडी की पढ़ाई भी कर सकेंगे. निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी प्रोग्राम का पाठ्यक्रम बदला जा रहा है. इसमें मल्टीडिसिप्लनरी, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट समेत एनईपी की अन्य सिफारिशों का लाभ भी मिलेगा.

वहीं, इंजीनियरिंग के छात्र साइंस के अलावा ह्यूमैनाइटीज के विषयों को भी अतिरिक्त पढ़ सकते हैं. प्रो. रंगन बनर्जी ने बताया कि हमारा मकसद सिर्फ इंजीनियरिंग की डिग्री देना नहीं है. छात्रों को कैंपस से बाहर निकलने से पहले उन्हें स्किल्स की ट्रेनिंग भी मिलेगी. इसके अलावा रिसर्च, स्टार्टअप या कोई अन्य विकल्प भी यदि वे लेना चाहते हैं तो इसका भी मौका उन्हें दिया जाएगा.

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प्रो. बनर्जी ने बताया कि मिस्र (इजिप्ट) के साथ कुछ डिग्री कोर्स की पढ़ाई कराने का फैसला लिया गया है, लेकिन आईआईटी दिल्ली वहां कोई कैंपस स्थापित नहीं करेगी. हमें कई देशों ने अप्रोच किया, लेकिन हमारी प्राथमिकता आईआईटी दिल्ली अबू धाबी कैंपस को शुरू करने की है. हमारी योजना अबू धाबी कैंपस अलावा फिलहाल अन्य किसी देश में कैंपस स्थापित करने की नहीं है. इसके अतिरिक्त आईआईटी दिल्ली का सोनीपत और झज्जर कैंपस बन रहा है. इसमें से झज्जर कैंपस अगले तीन-चार सालों में शुरू हो जाएगा.

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