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मजदूरों ने बयां किया दर्द, टिकट के लिए मांगे जा रहे 3-4 हजार रुपए

राजधानी दिल्ली में प्रवासी मजदूरों का दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. सरकार लाख दावे कर रही है लेकिन मजदूरों का आरोप है कि इनसे बिहार जाने के लिए टिकट के 3 से 4 हजार रुपय मांगे जा रहे हैं. ईटीवी भारत ने ऐसे ही मजदूरों से बातचीत की.

migrant workers allege delhi government of charging
मजदूरों से मांगे जा रहे टिकट के पैसे
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Published : May 14, 2020, 12:41 PM IST

Updated : May 14, 2020, 8:09 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन का तीसरा चरण जारी है. लेकिन दूसरे राज्यों से आए मजदूरों का दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. मजबूर हो रहे ये मजदूर परेशान होकर अपने गांव जाने के लिए तपती धूप में बैग सर पर रख कर पैदल ही कई किलोमीटर का रास्ता तय कर रहे हैं. जब ईटीवी भारत ने इनसे बात की तो इनका दर्द छलक उठा.

मजदूरों से टिकट के लिए मांगे जा रहे 3-4 हजार रुपए

दक्षिणी दिल्ली से गुजरने वाले NH-148 A पर जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो देखा काफी संख्या में प्रवासी मजदूर सर पर बैग रखकर तपती धूप में पैदल अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं. उन्होनें बताया यहां कामकाज ठप होने के बाद सरकार की उन तक कोई मदद नहीं पहुंची, जिसके चलते वह काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं.



टिकट के मांगे गए रुपए

जब इन्होंने अपने गांव जाने के लिए टिकट रजिस्ट्रेशन कराने की बात की तो उनसे 3 से 4 हजार रुपए मांगे गए. इन मजदूरों का कहना है कि जब इनके पास खाने के पैसे नहीं है तो वह इतने सारे पैसे कहां से लाएंगे. इसीलिए वह पैदल ही कई किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन का तीसरा चरण जारी है. लेकिन दूसरे राज्यों से आए मजदूरों का दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. मजबूर हो रहे ये मजदूर परेशान होकर अपने गांव जाने के लिए तपती धूप में बैग सर पर रख कर पैदल ही कई किलोमीटर का रास्ता तय कर रहे हैं. जब ईटीवी भारत ने इनसे बात की तो इनका दर्द छलक उठा.

मजदूरों से टिकट के लिए मांगे जा रहे 3-4 हजार रुपए

दक्षिणी दिल्ली से गुजरने वाले NH-148 A पर जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो देखा काफी संख्या में प्रवासी मजदूर सर पर बैग रखकर तपती धूप में पैदल अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं. उन्होनें बताया यहां कामकाज ठप होने के बाद सरकार की उन तक कोई मदद नहीं पहुंची, जिसके चलते वह काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं.



टिकट के मांगे गए रुपए

जब इन्होंने अपने गांव जाने के लिए टिकट रजिस्ट्रेशन कराने की बात की तो उनसे 3 से 4 हजार रुपए मांगे गए. इन मजदूरों का कहना है कि जब इनके पास खाने के पैसे नहीं है तो वह इतने सारे पैसे कहां से लाएंगे. इसीलिए वह पैदल ही कई किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं.

Last Updated : May 14, 2020, 8:09 PM IST
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