नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं बुधवार को होने वाली एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक का भी छात्र लगातार विरोध कर रहे हैं. एनएसयूआई का कहना है कि जब तक हॉस्टल मैनुअल वापस नहीं लिया जाता है, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
'हॉस्टल मैन्युअल वापस लिया जाए'
एनएसयूआई के कार्यकर्ता प्रशांत ने ईटीवी भारत से कहा कि बुधवार को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग होने जा रही है. जिसमें इस हॉस्टल मैनुअल को पारित करने की बात कही जाएगी, इसलिए इस मीटिंग का छात्र पुरजोर विरोध कर रहे हैं. साथ ही सभी छात्र एकजुट होकर पूरा प्रयास करेंगे कि यह हॉस्टल मैन्युअल पारित ना किया जाए और इसे वापस ले लिया जाए. प्रशांत ने कहा कि जेएनयू ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वह केवल लोगों को छात्रों के विरुद्ध करने के लिए है, हकीकत तो कुछ और ही है.
उन्होंने कहा कि डबल रूम का चार्ज 10 रुपए से बढ़ाकर 300 किया गया है. इसे लेकर छात्र प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, बल्कि और भी कई चार्जेज हैं. जिनमें कई गुना बढ़ोतरी की गई है. प्रशांत ने बताया कि सर्विस चार्ज की बात करें तो 1800 रुपए का मासिक भुगतान छात्रों को करना होगा. जिसके अनुसार आने वाले समय में हॉस्टल में जितने भी वर्कर्स होंगे, उन सब की तनख्वाह छात्रों को ही देनी होगी. साथ ही पानी और बिजली का मीटर भी सभी छात्रों के हॉस्टल में लगाया जाएगा और उसके बिल का भुगतान भी छात्र ही करेंगे.
'999 फीसदी फीस की बढ़ोरी की गई है'
साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अलावा आने वाले समय में अकादमिक फीस भी बढ़ाने की मांग की जा रही है. जो कभी भी बढ़ाई जा सकती है. वहीं प्रशांत का कहना है कि अगर सही हिसाब लगाया जाए तो जेएनयू ने 999 फीसदी फीस की बढ़ोरी की गई है. जो किसी भी छात्र के लिए वहन करना बहुत ही मुश्किल है. इसीलिए छात्र बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
प्रशांत ने कहा कि जब तक जेएनयू प्रशासन हॉस्टल मैनुअल में दिए गए निर्देश वापस नहीं लेता, बढ़ी हुई फीस वापस नहीं ली जाती और कुलपति खुद आ कर छात्रों से बात नहीं करते, तब तक छात्रों का प्रदर्शन जारी रहेगा.