नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड हाय हाय... दिल्ली सरकार हाय हाय. पेमेंट नहीं तो काम नहीं.... पेमेंट नहीं तो काम नहीं. इस तरह की नारेबाजी गुरुवार को दिल्ली जल बोर्ड के लाजपत नगर ऑफिस के बाहर सुनने को मिली. नारेबाजी कर रहे लोग आम लोग नहीं बल्कि दिल्ली की लगभग डेढ़ करोड़ जनता तक पीने का पानी पहुंचाने वाले और सीवर मेंटेनेंस का काम देखने वाले कांट्रेक्टर्स हैं. इनका कहना है कि नौ महीने से जल बोर्ड ने उनका बकाए का भुगतान नहीं किया है. जिसकी वजह से वे लोग सड़क पर उतर अपना विरोध जता रहे हैं.
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इनका कहना है कि 1000 से ज्यादा ठेकेदार जल बोर्ड के साथ जुड़े हुए हैं. वे यहां दशकों से काम कर रहे हैं. किसी का 10 लाख तो किसी का 5 करोड़ तक का अमाउंट ड्यू(बकाया) है. यहां सिर्फ लगातार आश्वासन ही मिल रहा है, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला. दीपावली पहली बार काली मनाई, क्योंकि एक भी रुपये का भुगतान नहीं मिला.
मजबूरन हम दो महीने से अपना विरोध जता रहे हैं. कभी सीएम हाउस तो कभी एलजी हाउस तक जा चुके हैं. लेकिन काम नहीं हो पा रहा है. हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो 27 नवंबर से सारा काम बंद करेंगे, मेंटेनेंस का हो या फिर प्रोजेक्ट का. सोमनाथ भारती जी कहते हैं, एलजी हाउस में फाइल अटकी है. वहां से कहा जाता है कि फाइल पूरी नहीं दी है. हम लोगों की क्या गलती है ?
इनके बीच क्या प्रॉब्लम है, पेमेंट नहीं होगा तो हम लोग कैसे काम करेंगे ? उधार की जिंदगी से काम कब तक चलेगा. हमारे साथ जुड़े लाखों मजदूर भी अब सड़क पर आ चुके हैं. 27 नवंबर से दिल्ली की क्या हालत होने वाली है, अभी यह कहना मुश्किल है. लेकिन काम बंद होने से पीने के पानी से लेकर के सीवर की सफाई और मेंटेनेंस के साथ-साथ प्रोजेक्ट का काम भी ठप होने वाला है.
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