नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश के एक घर में सालों से बंद कई स्ट्रीट डॉग्स को दिल्ली पुलिस और एमसीडी की टीम ने रेस्क्यू किया. जानकारी के अनुसार, यहां के एक घर में कई दिनों से भूखे-प्यासे इन स्ट्रीट डॉग्स को रखा गया था. गुरुवार को स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस और एमसीडी की टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर यहां के मकान नंबर बी-81 मकान से कई स्ट्रीट डॉग को बाहर निकाला. इन डॉग्स को एक महिला अपने घर में बंधक बनाकर रखी हुई थी.
स्ट्रीट डॉग्स को रेस्क्यू किए जाने के बाद से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब कॉलोनी के लोग सो जाते थे, तब डॉग की गंदगी को आरोपी महिला इधर-उधर फेंक देती थी. इस जगह की हालत इतनी खराब थी कि 10 मिनट लोग बदबू की वजह से खड़े नहीं रह सकते थे. रेस्क्यू के लिए 15 अप्रैल को भी टीम आई थी, लेकिन घर बंद था. इसलिए रेस्क्यू नहीं हो पाया. कुछ दिन अगर और नहीं हटाया जाता तो डॉग्स का बचना मुश्किल था.
आरडब्लूए के चेयरमैन बीके सिन्हा ने बताया कि दो साल से इन डॉग्स को इन घरों में रखा गया था. जहां इन डॉग्स को रखा गया था, वहां बिजली नहीं थी. 45 डिग्री गर्मी में डॉग को रखा जा रहा था. खाना तक नहीं दिया जा रहा था. आरोपी महिला की काउंसलिंग के लिए इबहास की टीम को भी मौके पर बुलाया गया.
वहीं, पुलिस का कहना है कि ज्वाइंट टीम ने एक ऑपरेशन के तहत बी-81 मकान से 14 स्ट्रीट डॉग को बरामद किया है. लगभग 2019 से एक महिला इन्हें अपने घर में बंद करके रखी हुई थी. यहां के स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत भी की थी. इनकी शिकायत थी कि स्ट्रीट डॉग को भूखा रखा जाता था और उनपर महिला के द्वारा अत्याचार किया जाता था. इतना ही नहीं डॉग्स के चिल्लाने की आवाज आती थी, जिससे वह सही से सो भी नहीं पाते थे.