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एक बार फिर बत्तखों से गुलजार हुई लोधी गार्डन में बनी डक झील - नई दिल्ली नगरपालिका

लोधी गार्डन की डक झील एक बार फिर बत्तखों से गुलजार हो गई है. विशेष विधि से डक लेक को साफ कर मछलियों को नया जीवनदान दिया गया है. पानी साफ होने से मछलियां और बतख एक बार फिर डक लेक में अठखेलियां करने लगे हैं.

duks are gathering at lodhi garden duck lake
लोधी गार्डन डक झील
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Published : Aug 17, 2020, 5:28 PM IST

नई दिल्लीः नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के लोधी गार्डन का आर्टिफिशियल डक लेक एक बार फिर बत्तखों के कलरव से गुलजार हो गया है. पिछले कुछ समय से पत्तियों के झील में गिरने की वजह से झील के तल में काफी मात्रा में गंदगी जमा हो गई थी.

लोधी गार्डन के डक झील को किया गया साफ

इसकी वजह से मछलियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था और मछलियां मर रही थी. उसे चारा नहीं मिल पा रहा था. वहीं गंदगी और आहार ना मिलने की वजह से बत्तख भी झील में आने से कतराने लगे थे, लेकिन नगरपालिका ने झील की सफाई का एक अनोखा वैज्ञानिक तरीका निकाला और पूरी झील को साफ कर दिया.

6 हजार वर्ग मीटर में फैली है झील

झील की देखरेख करने वाले अधिकारियों के मुताबिक लोधी गार्डन में एक कृत्रिम झील है. इस खूबसूरत झील की लंबाई 80 मीटर है और यह पूरे 6 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसकी गहराई डेढ़ से 3 फीट की है. काफी समय से इस झील के तल में मिट्टी और पत्तियां जमा हो गई थी. इसकी वजह से मछलियों को पर्याप्त मात्रा में ना तो ऑक्सीजन मिल पा रहे थे और ना ही उन्हें ठीक से चारा मिल पा रहा था.

जिसके बाद तय किया गया कि पूरी झील को साफ कर दिया जाए. इसके लिए एक नया तरीका निकाला गया. झील के तल में जमी गंदगी को पावरफुल पंप की मदद बाहर निकाला गया. उन्होंने बताया कि झील के बाहर एक बड़ा सा टैंक बना दिया गया है, जिसमें गंदे पानी को डाला जाता है. यहां पानी फिल्टर होने के बाद वापस झील में छोड़ दिया जाता है.

अवशेष से कम्पोस्ट होता है तैयार

जलशोधन के बाद जो अवशेष और मिट्टी बच जाती है. उस मिट्टी में एक ऑर्गेनिक दवा डालने से उसकी बदबू खत्म हो जाती है और वह एक पोषक तत्वों से भरपूर कंपोस्ट बन जाता है. इसका इस्तेमाल गार्डन के अंदर पौधों में डालने के लिए किया जाता है.

अधिकारी ने बताया कि पहले झील में जमी गंदगी को साफ करने के लिए मछलियों को दूसरी जगह ले जाना पड़ता था. झील के सारे पानी को फ्रेश पानी से बदला जाता था. लेकिन अब पंप की मदद से गंदे पानी को फिल्टर करके वापस झील में डालने से हमारा समय बचता है.

झील में अब बदबू नहीं

इसी विधि से पानी को बार-बार साफ किया जा रहा है, इससे झील में अब बदबू नहीं है. मछलियों को चारा मिल रहा है और बत्तखों को भी आहार. अब बत्तख पूरी मस्ती के साथ अठखेलियां करते हुए पानी में बेखौफ होकर कलरव कर रही हैं. झील में बड़ी मात्रा में मछलियां हैं, लेकिन इन मछलियों को खाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यहां मछलियां पकड़ना पूरी तरह से अवैध है.

नई दिल्लीः नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के लोधी गार्डन का आर्टिफिशियल डक लेक एक बार फिर बत्तखों के कलरव से गुलजार हो गया है. पिछले कुछ समय से पत्तियों के झील में गिरने की वजह से झील के तल में काफी मात्रा में गंदगी जमा हो गई थी.

लोधी गार्डन के डक झील को किया गया साफ

इसकी वजह से मछलियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था और मछलियां मर रही थी. उसे चारा नहीं मिल पा रहा था. वहीं गंदगी और आहार ना मिलने की वजह से बत्तख भी झील में आने से कतराने लगे थे, लेकिन नगरपालिका ने झील की सफाई का एक अनोखा वैज्ञानिक तरीका निकाला और पूरी झील को साफ कर दिया.

6 हजार वर्ग मीटर में फैली है झील

झील की देखरेख करने वाले अधिकारियों के मुताबिक लोधी गार्डन में एक कृत्रिम झील है. इस खूबसूरत झील की लंबाई 80 मीटर है और यह पूरे 6 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसकी गहराई डेढ़ से 3 फीट की है. काफी समय से इस झील के तल में मिट्टी और पत्तियां जमा हो गई थी. इसकी वजह से मछलियों को पर्याप्त मात्रा में ना तो ऑक्सीजन मिल पा रहे थे और ना ही उन्हें ठीक से चारा मिल पा रहा था.

जिसके बाद तय किया गया कि पूरी झील को साफ कर दिया जाए. इसके लिए एक नया तरीका निकाला गया. झील के तल में जमी गंदगी को पावरफुल पंप की मदद बाहर निकाला गया. उन्होंने बताया कि झील के बाहर एक बड़ा सा टैंक बना दिया गया है, जिसमें गंदे पानी को डाला जाता है. यहां पानी फिल्टर होने के बाद वापस झील में छोड़ दिया जाता है.

अवशेष से कम्पोस्ट होता है तैयार

जलशोधन के बाद जो अवशेष और मिट्टी बच जाती है. उस मिट्टी में एक ऑर्गेनिक दवा डालने से उसकी बदबू खत्म हो जाती है और वह एक पोषक तत्वों से भरपूर कंपोस्ट बन जाता है. इसका इस्तेमाल गार्डन के अंदर पौधों में डालने के लिए किया जाता है.

अधिकारी ने बताया कि पहले झील में जमी गंदगी को साफ करने के लिए मछलियों को दूसरी जगह ले जाना पड़ता था. झील के सारे पानी को फ्रेश पानी से बदला जाता था. लेकिन अब पंप की मदद से गंदे पानी को फिल्टर करके वापस झील में डालने से हमारा समय बचता है.

झील में अब बदबू नहीं

इसी विधि से पानी को बार-बार साफ किया जा रहा है, इससे झील में अब बदबू नहीं है. मछलियों को चारा मिल रहा है और बत्तखों को भी आहार. अब बत्तख पूरी मस्ती के साथ अठखेलियां करते हुए पानी में बेखौफ होकर कलरव कर रही हैं. झील में बड़ी मात्रा में मछलियां हैं, लेकिन इन मछलियों को खाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यहां मछलियां पकड़ना पूरी तरह से अवैध है.

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