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कोरोना का है हल्का सा लक्षण, फिर भी कराएं जांच- डॉ. अतुल कक्कड़

दिल्ली में कोरोना का कहर जारी है. जिन मरीजों के शुरुआत में हल्के लक्षण थे उनके केस भी बिगड़ने लगे हैं. हल्के लक्षणों वाले मरीज के ठीक होने के बावजूद कोरोना परेशान कर रहा है. गंगा राम हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के वाइस चेयरमैन डॉ अतुल कक्कड़ से सूरते-ए-हाल जानिए.

Dr. Atul Kakkar
डॉ अतुल कक्कड़
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Published : Nov 28, 2020, 9:05 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 10:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. हर रोज 100 से ज्यादा लोग कोरोना इन्फेक्शन की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं और 5000 से ज्यादा लोग हर रोज कोरोनावायरस की चपेट में आ रहे हैं. इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि पहले केवल गंभीर मामलों को ही खतरनाक माना जाता था.

डॉ अतुल कक्कड़

हल्के लक्षणों वाले मरीज घर पर रहकर ही कोरोनावायरस के इनक्यूबेशन पीरियड( 14 दिन) के बीतने का इंतजार करते थे और वह स्वस्थ हो जाते थे. लेकिन एक चौकाने वाला तथ्य सामने आया है. हल्के लक्षण वाले मरीजों की हालत भी खराब हो रही है.

कई मरीजों की हालत हल्के लक्षणों कर बावजूद हुई खराब

सर गंगा राम हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के वाइस चेयरमैन डॉक्टर अतुल कक्कड़ ने बताया कि कोरोनावायरस के व्यवहार का अंदाजा लगाना आसान नहीं है. बहुत जल्दी यह अपने आप को बदल देता है. इसका कौन सा रूप कितना खतरनाक हो सकता है. यह सिर्फ इससे ही पता चल जाता है कि गंगाराम हॉस्पिटल में ऐसे कई मरीज आए जिन्हें हल्के लक्षण थे. इन मरीजों ने शुरुआती दौर में साधारण वायरल समझते हुए अपना जांच नहीं करवाया था. इसे हल्के में लेते हुए अपने आप इंफेक्शन ठीक होने का गलत अनुमान लगाया, लेकिन जब इंफेक्शन की वजह से हालत खराब होने लगी.

कॉम्प्लिकेशंस बढ़ने लगे तब अस्पताल की तरफ भागे. गंगाराम हॉस्पिटल में ऐसे कई मरीज आए जिन्हें शुरुआती दौर में या तो लक्षण नहीं थी या बिल्कुल हल्के थे. लेकिन बाद में हाई ग्रेड फीवर मांसपेशियों में बेहद दर्द, स्ट्रोक, लिंक सिंबोसिस, लंग फाइब्रोसिस और हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हुई.

गंगाराम हॉस्पिटल में 30 मरीजों की हालत बिगड़ी

डॉक्टर अतुल बताते हैं कि पिछले महीने हमने गंगाराम हॉस्पिटल में 30 ऐसे मरीजों की जांच की जिन के लक्षण मॉडरेट से कॉम्प्लिकेटेड हो गए थे. इन मरीजों ने कोरोना जांच नहीं करवाई थी, लेकिन इनके शरीर में कोविड एंटीबॉ़डी पॉजिटिव पाए गए थे. इन मरीजों में फेफड़े और ह्दय संबंधी गंभीर कॉम्प्लिकेशंस देखे गए थे.

कई मरीजों की फेफड़े की हालत बहुत खराब थी और उन्हें हाई ग्रेड ऑक्सीजन पर रखने की आवश्यकता पड़ी. अगर शुरुआती दौर में इन मरीजों ने अपना जांच करवा लिया होता तो उन्हें इस तरह की कॉम्प्लिकेशंस का सामना नहीं करना पड़ता.

डॉक्टर अतुल कक्कड़ के मुताबिक किसी भी तरह का कोविड का लक्षण दिखने के बाद तुरंत इसकी जांच करवानी चाहिए. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसके अलावा तुरंत मेडिकल हेल्प भी लेनी चाहिए। बुखार या खासी लगातार बना रहे तो अर्जेंट डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

गाइड लाइन्स का पालन कर बचाव करें

कोरोनावायरस अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है. ज्यादातर लोगों की हल्की लक्षण होते हैं. होम आइसोलेशन में इनका इंफेक्शन 14 दिनों के भीतर ठीक हो सकता है.

कोरोना से बचने का सबसे बेहतर तरीका मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और बार-बार हाथ धोना है. अगर आप यह उपाय करते हैं तो कोरोना इनफेक्शन से बचे रहेंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. हर रोज 100 से ज्यादा लोग कोरोना इन्फेक्शन की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं और 5000 से ज्यादा लोग हर रोज कोरोनावायरस की चपेट में आ रहे हैं. इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि पहले केवल गंभीर मामलों को ही खतरनाक माना जाता था.

डॉ अतुल कक्कड़

हल्के लक्षणों वाले मरीज घर पर रहकर ही कोरोनावायरस के इनक्यूबेशन पीरियड( 14 दिन) के बीतने का इंतजार करते थे और वह स्वस्थ हो जाते थे. लेकिन एक चौकाने वाला तथ्य सामने आया है. हल्के लक्षण वाले मरीजों की हालत भी खराब हो रही है.

कई मरीजों की हालत हल्के लक्षणों कर बावजूद हुई खराब

सर गंगा राम हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के वाइस चेयरमैन डॉक्टर अतुल कक्कड़ ने बताया कि कोरोनावायरस के व्यवहार का अंदाजा लगाना आसान नहीं है. बहुत जल्दी यह अपने आप को बदल देता है. इसका कौन सा रूप कितना खतरनाक हो सकता है. यह सिर्फ इससे ही पता चल जाता है कि गंगाराम हॉस्पिटल में ऐसे कई मरीज आए जिन्हें हल्के लक्षण थे. इन मरीजों ने शुरुआती दौर में साधारण वायरल समझते हुए अपना जांच नहीं करवाया था. इसे हल्के में लेते हुए अपने आप इंफेक्शन ठीक होने का गलत अनुमान लगाया, लेकिन जब इंफेक्शन की वजह से हालत खराब होने लगी.

कॉम्प्लिकेशंस बढ़ने लगे तब अस्पताल की तरफ भागे. गंगाराम हॉस्पिटल में ऐसे कई मरीज आए जिन्हें शुरुआती दौर में या तो लक्षण नहीं थी या बिल्कुल हल्के थे. लेकिन बाद में हाई ग्रेड फीवर मांसपेशियों में बेहद दर्द, स्ट्रोक, लिंक सिंबोसिस, लंग फाइब्रोसिस और हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हुई.

गंगाराम हॉस्पिटल में 30 मरीजों की हालत बिगड़ी

डॉक्टर अतुल बताते हैं कि पिछले महीने हमने गंगाराम हॉस्पिटल में 30 ऐसे मरीजों की जांच की जिन के लक्षण मॉडरेट से कॉम्प्लिकेटेड हो गए थे. इन मरीजों ने कोरोना जांच नहीं करवाई थी, लेकिन इनके शरीर में कोविड एंटीबॉ़डी पॉजिटिव पाए गए थे. इन मरीजों में फेफड़े और ह्दय संबंधी गंभीर कॉम्प्लिकेशंस देखे गए थे.

कई मरीजों की फेफड़े की हालत बहुत खराब थी और उन्हें हाई ग्रेड ऑक्सीजन पर रखने की आवश्यकता पड़ी. अगर शुरुआती दौर में इन मरीजों ने अपना जांच करवा लिया होता तो उन्हें इस तरह की कॉम्प्लिकेशंस का सामना नहीं करना पड़ता.

डॉक्टर अतुल कक्कड़ के मुताबिक किसी भी तरह का कोविड का लक्षण दिखने के बाद तुरंत इसकी जांच करवानी चाहिए. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसके अलावा तुरंत मेडिकल हेल्प भी लेनी चाहिए। बुखार या खासी लगातार बना रहे तो अर्जेंट डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

गाइड लाइन्स का पालन कर बचाव करें

कोरोनावायरस अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है. ज्यादातर लोगों की हल्की लक्षण होते हैं. होम आइसोलेशन में इनका इंफेक्शन 14 दिनों के भीतर ठीक हो सकता है.

कोरोना से बचने का सबसे बेहतर तरीका मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और बार-बार हाथ धोना है. अगर आप यह उपाय करते हैं तो कोरोना इनफेक्शन से बचे रहेंगे.

Last Updated : Nov 28, 2020, 10:30 PM IST
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