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एविक्शन ऑर्डर के बाद भी बेटे नहीं खाली कर रहे मकान, बुजुर्ग ने लगाई मदद की गुहार

तीन-तीन बेटे और बहुओं के होने के बावजूद एक बुजुर्ग खानाबदोश की तरह जीने को मजबूर है. उसके अपने ही बेटों ने उसके बनाये घर से मारपीट कर बाहर निकाल दिया. डीएम ने एविक्शन ऑर्डर दिया तो बेटे ने बाप की जान लेने की कोशिश की. क्या है पूरा मामला पढ़िये पूरी ख़बर.

Despite eviction order
एविक्शन ऑर्डर
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Published : Sep 21, 2021, 1:48 PM IST

नई दिल्ली: अपने ही बेटे द्वारा मारपीट कर घर से बाहर निकाले गए बुजुर्ग के हक में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के फैसला के बाद भी लाडो सराय का एक बुजुर्ग दर-ब-दर भटकने को मजबूर है. बुजुर्ग के बेटों के खिलाफ एविक्शन ऑर्डर दिया गया है. इसके बावजूद बुजुर्ग के बेटे उनके घर को खाली करने को तैयार नहीं हैं. परेशान बुजुर्ग डीएम ऑफिस पहुंचकर बुजुर्गों को दी जाने वाली मुफ्त कानूनी सलाह केंद्र से मदद की गुहार लगाई है.

बुजुर्ग ने बताया कि उनके तीन बेटे और बहू हैं फिर भी वो दर-ब-दर भटके को मजबूर है. बुढ़ापे में उनकी देखभाल करने की जगह उनके बेटों ने उनकी प्रॉपर्टी पर जबरदस्ती कब्जा कर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है. बुजुर्ग बहुत बीमार है और दूसरों की दया पर जीने को मजबूर है. वह दूसरे के छोड़े हुए मकान में रह रहे हैं जहां बारिश का सारा पानी इकट्ठा हो जाता है. बेटों की अनदेखी से नाराज पिता का कहना है कि उनके बेटे नहीं चाहते कि वह जीवित रहे. इसलिए उन्होंने उनकी देखभाल बंद कर दी है और मरने के लिए छोड़ दिया है.

एविक्शन ऑर्डर के बाद भी बेटे नहीं खाली कर रहे मकान.

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बता दें कि एसडीएम और डीएम ऑफिस में काफी लंबा चक्कर लगाने के बाद डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के कोर्ट में बुजुर्ग के हक में फैसला सुनाते हुए बेटों को उनका घर खाली करने का आदेश जारी किया है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि एविक्शन ऑर्डर पास होने के बावजूद न तो स्थानीय पुलिस थाना बेटों से घर खाली करवा पा रहा है और न ही उनके बेटे अपनी मर्जी से घर खाली करने को तैयार हैं. परेशान बुजुर्ग ने थक हार कर एविक्शन ऑर्डर के साथ डीएम ऑफिस में मुफ्त कानूनी सलाह केंद्र पहुंचकर उनसे मदद करने की गुहार लगाई है.

मुफ्त कानूनी सलाह केंद्र पर वकील मुकेश चौधरी ने बताया कि जब से बुजुर्ग को उनके बेटों के खिलाफ एविक्शन ऑर्डर जारी किया गया है तब से उनके बेटे और भी ज्यादा उग्र हो गए हैं और उन्हें जान से मारने का प्रयास भी शुरू कर दिए हैं. कुछ दिन पहले ही मोटरसाइकिल से उनका एक्सीडेंट करने की कोशिश किया गया, जिसमें वह बाल-बाल बचे हैं.

ये भी पढ़ें: जेल के 9 अधिकारी कर रहे थे सुकेश की मदद, जांच में हुआ खुलासा

वकील मुकेश चौधरी ने बुजुर्ग को समझाया कि उन्हें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने अपने बेटों को उनकी प्रॉपर्टी से खाली कराने का आदेश दिया है. अब वह किसी तरह का बहाना नहीं बना सकेंगे. उन्हें हर हाल में उनका घर छोड़ना पड़ेगा. वकील ने बुजुर्ग को उनके इलाके के डीसीपी से मिलने का सुझाव दिया. वकील ने बुजुर्ग को समझाते हुए कहा कि एविक्शन ऑर्डर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने दिया है. यह आदेश एरिया डीसीपी को हर हाल में मानना पड़ेगा. उन्हें संबंधित थाना में एसएचओ को उनके घर को खाली करवाने का आदेश देना होगा. डीसीपी के पास आदेश नहीं गया है इसलिए इसमें कार्रवाई नहीं हो पा रही है. सीधे डीसीपी के पास जाएं और वहां इस आदेश की एक कॉपी को जमा कराइए. उसके बाद इस पर तत्काल कार्रवाई होगी और आपके घर को आपके बेटों से खाली करवाया जाएगा.

नई दिल्ली: अपने ही बेटे द्वारा मारपीट कर घर से बाहर निकाले गए बुजुर्ग के हक में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के फैसला के बाद भी लाडो सराय का एक बुजुर्ग दर-ब-दर भटकने को मजबूर है. बुजुर्ग के बेटों के खिलाफ एविक्शन ऑर्डर दिया गया है. इसके बावजूद बुजुर्ग के बेटे उनके घर को खाली करने को तैयार नहीं हैं. परेशान बुजुर्ग डीएम ऑफिस पहुंचकर बुजुर्गों को दी जाने वाली मुफ्त कानूनी सलाह केंद्र से मदद की गुहार लगाई है.

बुजुर्ग ने बताया कि उनके तीन बेटे और बहू हैं फिर भी वो दर-ब-दर भटके को मजबूर है. बुढ़ापे में उनकी देखभाल करने की जगह उनके बेटों ने उनकी प्रॉपर्टी पर जबरदस्ती कब्जा कर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है. बुजुर्ग बहुत बीमार है और दूसरों की दया पर जीने को मजबूर है. वह दूसरे के छोड़े हुए मकान में रह रहे हैं जहां बारिश का सारा पानी इकट्ठा हो जाता है. बेटों की अनदेखी से नाराज पिता का कहना है कि उनके बेटे नहीं चाहते कि वह जीवित रहे. इसलिए उन्होंने उनकी देखभाल बंद कर दी है और मरने के लिए छोड़ दिया है.

एविक्शन ऑर्डर के बाद भी बेटे नहीं खाली कर रहे मकान.

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बता दें कि एसडीएम और डीएम ऑफिस में काफी लंबा चक्कर लगाने के बाद डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के कोर्ट में बुजुर्ग के हक में फैसला सुनाते हुए बेटों को उनका घर खाली करने का आदेश जारी किया है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि एविक्शन ऑर्डर पास होने के बावजूद न तो स्थानीय पुलिस थाना बेटों से घर खाली करवा पा रहा है और न ही उनके बेटे अपनी मर्जी से घर खाली करने को तैयार हैं. परेशान बुजुर्ग ने थक हार कर एविक्शन ऑर्डर के साथ डीएम ऑफिस में मुफ्त कानूनी सलाह केंद्र पहुंचकर उनसे मदद करने की गुहार लगाई है.

मुफ्त कानूनी सलाह केंद्र पर वकील मुकेश चौधरी ने बताया कि जब से बुजुर्ग को उनके बेटों के खिलाफ एविक्शन ऑर्डर जारी किया गया है तब से उनके बेटे और भी ज्यादा उग्र हो गए हैं और उन्हें जान से मारने का प्रयास भी शुरू कर दिए हैं. कुछ दिन पहले ही मोटरसाइकिल से उनका एक्सीडेंट करने की कोशिश किया गया, जिसमें वह बाल-बाल बचे हैं.

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वकील मुकेश चौधरी ने बुजुर्ग को समझाया कि उन्हें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने अपने बेटों को उनकी प्रॉपर्टी से खाली कराने का आदेश दिया है. अब वह किसी तरह का बहाना नहीं बना सकेंगे. उन्हें हर हाल में उनका घर छोड़ना पड़ेगा. वकील ने बुजुर्ग को उनके इलाके के डीसीपी से मिलने का सुझाव दिया. वकील ने बुजुर्ग को समझाते हुए कहा कि एविक्शन ऑर्डर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने दिया है. यह आदेश एरिया डीसीपी को हर हाल में मानना पड़ेगा. उन्हें संबंधित थाना में एसएचओ को उनके घर को खाली करवाने का आदेश देना होगा. डीसीपी के पास आदेश नहीं गया है इसलिए इसमें कार्रवाई नहीं हो पा रही है. सीधे डीसीपी के पास जाएं और वहां इस आदेश की एक कॉपी को जमा कराइए. उसके बाद इस पर तत्काल कार्रवाई होगी और आपके घर को आपके बेटों से खाली करवाया जाएगा.

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