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लॉकडाउन में ऑस्ट्रेलिया से आया मरीज, बोन मैरो से मिला नया जीवन - डॉ. धर्मा चौधरी

लॉकडाउन के दौरान बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने एक ऐसे मरीज का इलाज किया, जिसे ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट कर भारत लाया गया था. मरीज की बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए जान बचाई गई.

life saved through bone marrow transplant during lockdown
बोन मैरो ट्रांसप्लांट
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Published : Jul 26, 2020, 7:19 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना काल में अधिकांश लोग अपनी बीमारियों को लेकर अस्पताल जाने में झिझक रहे हैं कि अस्पताल जाने से उन्हें कोरोना ना हो जाए. लेकिन उन्हें यह जानकर अच्छा लगेगा कि लॉकडाउन के दौरान नेपाली मूल के एक मरीज को ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया, जहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए मरीज की जान बचाई गई.

बोन मैरो से मिला नया जीवन

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले नेपाली मूल के अर्जुन प्रसाद को साल के शुरुआत में ही पता चल गया था कि उन्हें एक खास तरह का कैंसर है, जो गंभीर अवस्था में पहुंच चुका है. इसके लिए ऑस्ट्रेलिया में उनकी कीमोथेरेपी भी शुरू हुई. लेकिन इस दौरान दो बार उनकी इंडक्शन थेरेपी फेल हो गई.

ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया

इसके बाद अर्जुन के परिवार ने दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से संपर्क किया, जहां उनके बोन मैरो प्रत्यर्पण का सुझाव दिया गया. इस दौरान भारत में लॉकडाउन शुरू हो चुका था और सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लग चुका था. इसके लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी गई, जिसके बाद अर्जुन को ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया.

बोन मैरो से मिला नया जीवन

बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के बोन मैरो विभाग के प्रमुख डॉ. धर्मा चौधरी बताते हैं कि अर्जुन की बीमारी जिस स्टेज में पहुंच गई थी, वहां से उनकी जान बचाने के लिए एक ही रास्ता था, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन. इसके लिए अर्जुन अपने भाई को लेकर अस्पताल आया था. यहां 11 जून को उनका ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद उनके तबीयत में काफी सुधार हुआ और अब वे अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर लौट चुके हैं.

नई दिल्लीः कोरोना काल में अधिकांश लोग अपनी बीमारियों को लेकर अस्पताल जाने में झिझक रहे हैं कि अस्पताल जाने से उन्हें कोरोना ना हो जाए. लेकिन उन्हें यह जानकर अच्छा लगेगा कि लॉकडाउन के दौरान नेपाली मूल के एक मरीज को ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया, जहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए मरीज की जान बचाई गई.

बोन मैरो से मिला नया जीवन

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले नेपाली मूल के अर्जुन प्रसाद को साल के शुरुआत में ही पता चल गया था कि उन्हें एक खास तरह का कैंसर है, जो गंभीर अवस्था में पहुंच चुका है. इसके लिए ऑस्ट्रेलिया में उनकी कीमोथेरेपी भी शुरू हुई. लेकिन इस दौरान दो बार उनकी इंडक्शन थेरेपी फेल हो गई.

ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया

इसके बाद अर्जुन के परिवार ने दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से संपर्क किया, जहां उनके बोन मैरो प्रत्यर्पण का सुझाव दिया गया. इस दौरान भारत में लॉकडाउन शुरू हो चुका था और सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लग चुका था. इसके लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी गई, जिसके बाद अर्जुन को ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया.

बोन मैरो से मिला नया जीवन

बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के बोन मैरो विभाग के प्रमुख डॉ. धर्मा चौधरी बताते हैं कि अर्जुन की बीमारी जिस स्टेज में पहुंच गई थी, वहां से उनकी जान बचाने के लिए एक ही रास्ता था, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन. इसके लिए अर्जुन अपने भाई को लेकर अस्पताल आया था. यहां 11 जून को उनका ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद उनके तबीयत में काफी सुधार हुआ और अब वे अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर लौट चुके हैं.

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