नई दिल्ली: भारत में आज लॉकडाउन का 61वां दिन है यानी देश में 60 दिन का लॉकडाउन पूरा हो चुका है, लेकिन क्या आपने ये सोचा है कि कोरोना के खिलाफ ये जंग अभी तक कहां पहुंची है.
वहीं देश के और राज्यों की तरह दिल्ली में भी लगातार कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार इंतजाम दुरुस्त होने का आश्वासन दे रही है, लेकिन जमीन पर हालात कुछ और ही दिख रहे हैं. जो सरकारी बयानों से बिल्कुल भी मेल नहीं खा रहे हैं.
सरकार और नगर निगम में नहीं तालमेल
दिल्ली में रोजाना बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों के बाद भी राज्य सरकार जो दावे कर रही है, उसका एक सच ये है कि राज्य सरकार और नगर निगम में बिल्कुल भी तालमेल नहीं है. दोनों रेल की समानांतर पटरियों की तरह काम कर रही है. वार्ड में किस घर को होम क्वारंटाइन किया गया है, किसके घर में मरीज मिला है या किसके घर में कोरोना की वजह से मौत हुई है. राज्य सरकार की तरफ से नगर निगम को कोई जानकारी नहीं दी जाती है.
5 दिन बाद हुआ सैनिटाइजेशन
दिलशाद कॉलोनी से निगम पार्षद इंद्रा झा बताती हैं कि उनके वार्ड के अंतर्गत आने वाले पुरानी सीमापुरी के एच ब्लॉक में पिछले रविवार को एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई. जिसका पास के ही श्मशान घाट में अंतिम संस्कार भी करा दिया गया. इसमें बड़ी संख्या में लोग भी शामिल हुए थे. लेकिन, न तो राज्य सरकार ने इन लोगों का टेस्ट करवाया और न ही इलाके में सैनिटाइजेशन का काम करवाया. पांच दिन बाद जब उन्हें इसकी जानकारी मिली तब जाकर मृतक के घर और पड़ोस में सैनिटाइजेशन किया गया.