नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार श्रम विभाग में इंस्पेक्टर राज की समीक्षा के लिए पैनल गठित करने जा रही है. श्रम विभाग में इंस्पेक्टर राज समाप्त करने व उद्योगों और कर्मचारियों के हितों में सामंजस्य बनाने के मकसद से आधुनिक ढांचा खड़ा करने के लिए तीन सदस्य पैनल गठित करने का फैसला लिया है.
दिल्ली में श्रम विभाग के 9 कार्यालय हैं
यह पैनल श्रम विभाग के पदों की उपयोगिता को ध्यान में रखकर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे प्रशासनिक सुधार विभाग को सौंपेगा. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रशासनिक सुधार विभाग पुराने पदों को समाप्त करने और नए पद सृजित करने के लिए अपनी राय देगा. विभाग की अनुमति पर नए पद सृजित करने हेतु उपराज्यपाल की मुहर लगेगी. इसके बाद श्रम विभाग को नए अधिकारियों की नियुक्ति करने की अनुमति मिल सकेगी.
वर्तमान समय में दिल्ली में श्रम विभाग के 9 कार्यालय हैं. इसमें क्षेत्रवार काम का विकेंद्रीकरण किया गया है. विभाग में कमिश्नर और सचिव का पद सबसे महत्वपूर्ण है. इसके अतिरिक्त विशेष श्रम आयुक्त, अतिरिक्त श्रम आयुक्त, डिप्टी कमिश्नर, सहायक श्रम आयुक्त, ब्वॉयलर इंस्पेक्टर, लेबर ऑफिसर दुकानों की जांच के लिए इंस्पेक्टर के पद सृजित हैं. इनके अतिरिक्त बड़ी संख्या में कनिष्ठ पद भी हैं, लेकिन इनमें से काफी पद रिक्त हैं. इससे श्रम विभाग के सुचारू कामकाज में अड़चन आ रही है.
'इंस्पेक्टर राज की जरूरत कम'
दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय का मानना है कि श्रम विभाग में अब इंस्पेक्टर राज की जरूरत कम हो गई है. विभाग का काम उद्योगों पर अत्यधिक दबाव बनाना नहीं बल्कि उद्योगों के परिचालन में सार्थक भूमिका अदा करना और श्रमिकों के हित की सुरक्षा करना है.
इस कारण ब्वॉयलर इंस्पेक्टर जैसे पदों को समाप्त किया जाना संभव है, लेकिन किन पदों को समाप्त किया जाना है, इसकी जानकारी पैनल की रिपोर्ट आने पर ही मिल सकेगी. पद की उपयोगिता की समीक्षा शुरू कर अपनी रिपोर्ट प्रशासनिक सुधार विभाग को सौंपेगा.
बता दें कि दिल्ली सरकार में न्यूनतम मजदूरी गत वर्ष निर्धारित की गई है. जो निर्धारित की थी उसे भी लागू कराने में श्रम विभाग की अहम भूमिका है. न्यूनतम मजदूरी ना देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इंस्पेक्टरों की कमी तथा श्रम विभाग में कर्मचारियों की कमी आड़े आ रही है. कुछ नए पदों के सृजन और कुछ के समाप्त होने से यह परेशानी भी दूर हो जाएगी.