नई दिल्ली: हेल्पेज इंडिया ने सोमवार को पूरे देश में दादा-दादी दिवस मनाया और बच्चों को अपने डिजिटल गुरुकूल कार्यक्रम के माध्यम से अपने दादा-दादी को वापस लौटाने के लिए प्रोत्साहित किया. जिन्होंने अपने डिजिटल गुरुकूल कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाकर उनके जीवन में बहुत योगदान दिया है. दिल्ली के दिलशाद गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में हेल्पेज इंडिया की कम्युनिकेशन हेड सोनाली शर्मा ने कहा कि बच्चे 'छोटे डिजिटल गुरु' की भूमिका निभाते हैं. वरिष्ठ नागरिकों को अपने स्मार्टफ़ोन के माध्यम से डिजिटल दुनिया में कैसे नेविगेट करें, यह सिखाकर बच्चों ने अपने दादा दादी को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया है.
दरअसल, दादा दादी के अध्ययन से बच्चों को भी बड़ों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का मौका मिलता है. इसके जरिए वे अंतर-पीढ़ीगत जुड़ाव के कुछ दिल छू लेने वाले और अविस्मरणीय पल साझा करते हैं. वहीं, डिजिटल ज्ञान देने के बदले में बच्चों को उनके दादा दादी ने आशीर्वाद भी दिया.
शर्मा ने कहा कि हेल्पेज इंडिया भारत के स्टूडेंट एक्शन फॉर वैल्यू एजुकेशन (सेव) कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो छात्रों को संवेदनशील बनाने पर केंद्रित है. ताकि वे अपने बुजुर्गों के साथ प्यार, देखभाल और सम्मान के साथ व्यवहार करें.
हेल्पेज इंडिया वरिष्ठ नागरिक संघों के नेटवर्क के माध्यम से एक मजबूत डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी चलाता है, जो बुजुर्गों को डिजिटली सशक्त बनाने पर केंद्रित है. 'द डिजिटल गुरुकूल प्रोग्राम' इन दो कार्यक्रमों और पीढ़ियों को एक अनोखे तरीके से एक साथ लाता है. कार्यक्रम का लक्ष्य हमारे बुजुर्गों के लिए दैनिक जीवन को आसान बनाना, उन्हें डिजिटल रूप से अधिक समझदार और स्वतंत्र बनाना है. इस दिन और युग में बुजुर्गों के लिए डिजिटल साक्षरता बहुत महत्वपूर्ण है और हमारे बुजुर्गों को युवा पीढ़ी से बेहतर कौन सिखा सकता है, जो वास्तव में डिजिटल युग में पैदा हुए हैं.