नई दिल्लीः माता वैष्णो देवी यात्रा का लग्जरी और सस्ता पैकेज के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का शाहदरा जिला की साइबर थाना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गैंग के सरगना को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इसके पास से अपराध में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड बरामद किया है. साथ ही उसके अकाउंट में रखे तीन लाख 50 हजार रुपये को फ्रिज किया गया है. डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान मधुर कुमार के रूप में हुई है.
डीसीपी ने बताया कि 25 फरवरी को कृष्णा नगर निवासी अनामिका शर्मा ने शिकायत दी थी कि उन्हें माता वैष्णव देवी की यात्रा जाने के लिए एक टूर पैकेज के बारे में एक फेसबुक ग्रुप पर संदेश मिला. टूर ऑफर बहुत ही लुभावना था. यानी बस शुल्क/भोजन सहित 1300 रुपये प्रति व्यक्ति और घोड़े के माध्यम से अंतिम गंतव्य तक पहुंचने सहित कई सुविधाएं दी जा रही थी. इसलिए उसने पैकेज लेने का फैसला किया और फेसबुक ग्रुप पर संदेश में दिए गए क्यूआर कोड पर ऑनलाइन राशि जमा की.
यात्रा की शुरुआत की तारीख 17 फरवरी 2023 को एक लक्जरी बस के माध्यम से निर्धारित किया गया था, जो शाहदरा मेट्रो स्टेशन के पास फ्लाईओवर के नीचे खड़ा होगा. तय तारीख पर जब शिकायतकर्ता अन्य 24 महिलाओं के साथ निर्धारित स्थान पर पहुंची, तो उसे वहां कोई बस या आयोजक नहीं मिला. उसने पाया कि अन्य महिलाओं का एक समूह भी उसी बस की तलाश में वहां खड़ी थी. उन सभी ने लंबे समय तक इंतजार किया और आयोजक/चीटर के नंबर पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन वह बंद मिला.
वहां उन सभी को पता चला कि उन सभी ने धोखेबाज के एक ही मोबाइल नंबर/क्यूआर कोड स्कैनर पर राशि जमा की है और वैष्णो देवी यात्रा और दर्शन के बहाने कुल 50 से 60 महिला भक्तों को आरोपियों द्वारा अब तक एक ही तरीके का उपयोग करके धोखा दिया गया है. इसके बाद आईपीसी की धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया.
इतनी सारी महिला पीड़ितों को धोखा देने का संवेदनशील मामला होने के नाते यह मामला साइबर थाना को सुपुर्द किया गया. साइबर थाना प्रभारी संजय कुमार के नेतृत्व में एसआई श्वेता शर्मा, एएसआई राखी, हेड कांस्टेबल अजीत, कॉन्स्टेबल सौरभ और कॉन्स्टेबल मनीष की एक टीम गठित की गई. टीम ने ठगी के शिकार अधिकांश लोगों से घटना के संबंध में सभी जानकारी एकत्र की. सभी बैंक विवरण और धोखेबाज की संख्या का विश्लेषण किया गया.
गहन विश्लेषण और तकनीकी साक्ष्यों के माध्यम से टीम ने चीटर की पहचान हरियाणा के पानीपत निवासी मधुर कुमार के रूप में करने में की गई. टीम ने उसके ठिकाने पर छापा मारा और उसे हरियाणा के पानीपत से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान आरोपी मधुर ने खुलासा किया कि वह अपराध में शामिल है और आसानी से पैसा कमाने के लिए, इसलिए उसने यह काम शुरू किया. उसने आगे खुलासा किया कि उसने पीड़ितों को क्यूआर कोड स्कैनर साझा किया. यह क्यूआर कोड उनके बहनोई तनु का था, जो कुरुक्षेत्र में रहते हैं. तनु से ठगी की रकम यूपीआई के जरिए विभिन्न खातों में ट्रांसफर जाती थी.
आरोपी के मोबाइल फोन से यह पता चला कि वह अप्रैल के महीने में उसी तरीके का उपयोग करके अगले वैष्णो देवी टूर की तैयारी कर रहा था. आरोपी के पास से अपराध में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, 3.5 लाख से अधिक का मनी ट्रेल और खातों में फ्रीज की गई राशि बरामद की गई है. मधुर कुमार पेशेवर रूप से ड्राइवर है. वह एक मध्यवर्ती परिवार से है और विवाहित है.
उसने फेसबुक से गुर सीखे कि लोगों के साथ इस तरह से ठगी कैसे की जा सकती है? उसने पहले भी इस तरह की घटना को अंजाम दिया था. हालांकि इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी इसलिए उसने फिर से ऐसा किया. वह धार्मिक उत्सव की भावनाओं को भांपते हुए अप्रैल में वैष्णो देवी की यात्रा के नाम पर ठगी का एक और योजना बना रहा था. इसी तरह की अन्य घटनाओं का पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है और खाता विश्लेषण के आधार पर पिछले पीड़ितों से संपर्क किया जाता है.