नई दिल्ली: अलीपुर शहीदी स्मारक से समाजसेवी हरपाल राणा समेत तीन लोग चंडीगढ़ के लिए साइकिल यात्रा पर निकले. साइकिल यात्रा का मकसद चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नामकरण शहीदे आजम भगत सिंह के नाम पर करने की मांग है. इस मौके पर शहीद सुखदेव के प्रपौत्र भी मौजूद रहे. बता दें चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नामकरण शहीदे आजम भगत सिंह करने का प्रस्ताव पिछले कई सालों से ठंडे बस्ते में है. शहीदे आजम भगत सिंह हवाई अड्डे के पीछे हरियाणा सरकार व पंजाब सरकार की खींचतान के बीच में यह नामकरण भी फंस गया है.
सालों से उठा रहे है मुद्दा
समाजसेवी हरपाल राणा पिछले कई सालों से यह मुद्दा उठाए हुए हैं और मांग कर रहे हैं कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम का शहीद-ए-आजम भगत सिंह हवाई अड्डा हो. इसकी मांग हर साल वह शहीदी दिवस के अवसर पर भी उठाते हैं. आज 19 मार्च से इस यात्रा की शुरुआत अलीपुर के शहीदी स्मारक में शहीदों को नमन करके की गई है और 23 मार्च को यह यात्रा चंडीगढ़ पहुंचेगी और चंडीगढ़ में जाकर प्रशासन से ये लोग चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नामकरण शहीद भगत सिंह आजम शहीदे आजम भगत सिंह करने की मांग रखेंगे. चंडीगढ़ में भी कई जगह पर शहीदों के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, उन कार्यक्रमों में भी ये लोग भाग लेंगे.
यात्रा में और भी सहयोगी जुड़ेंगे
इस यात्रा के दौरान पानीपत, कुरुक्षेत्र और अंबाला से भी बीच-बीच में कई लोग अपने साइकिल लेकर इस यात्रा में जुड़ेंगे और सरकारों से मांग करेंगे कि वह इस मामले पर दिलचस्पी जताए. इनकी मुख्य मांग यही रहेगी कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नामकरण शहीदे आजम भगत सिंह हो. साथ ही इनकी मांग यह भी है कि शहीदों को ऑन रिकॉर्ड शहीदी का दर्जा मिले. जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, उनको रिकॉर्ड में शहीदों का दर्जा मिलना चाहिए.
शहीद सुखदेव के प्रपौत्र अनुज थापर ने दिखाई यात्रा को हरी झंडी
23 मार्च को शहीदी दिवस है, उसी उपलक्ष्य में इसकी शुरुआत की गई है ताकि देश के ऊपर मां हुक्मरान जागें और इस तरफ ध्यान दें. 19 मार्च को दिल्ली से चली इस यात्रा का 23 मार्च को चंडीगढ़ में समापन होगा. इस मौके पर क्षेत्र के लोगों ने भी इस यात्रा पर जाने वालों का सम्मान किया. साथ ही शहीद सुखदेव के प्रपौत्र भी यहां पर मौजूद रहे.