नई दिल्ली: किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए निष्पक्ष रूप से चुनावी प्रक्रिया को अपनाया जाता है, लेकिन इन दिनों रोहिणी सेक्टर 21 में इसी तरह की एक चुनावी प्रक्रिया पर स्थानीय निवासियों ने कई सवाल खड़े किये हैं. दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 21 के पॉकेट 9 में होने वाले आरडब्ल्यूए के आम चुनाव को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी का माहौल देखने को मिल रहा है. इसको लेकर अब पॉकेट में जगह-जगह स्थानीय लोगों ने बैनर के माध्यम से अपना रोष प्रकट कर रहे हैं. पॉकेट के अलग-अलग कौने में आरडब्ल्यूए के खिलाफ होने वाले चुनाव का बहिष्कार करते हुए लोगों ने ये बैनर चस्पा कर रखा है.
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए इस बैनर के माध्यम से लिखा है कि रोहिणी सेक्टर 21 की पॉकेट 9 की असंवैधानिक आरडब्ल्यूए के तानाशाही एवं मनमाने रवैए के चलते हम सभी पॉकेट 9 के निवासी इस गैर कानूनी चुनाव का बहिष्कार करते हैं. इस संदेश से स्थानीय निवासियों ने साफ कर दिया है कि वो आगामी 30 अप्रैल को होने वाले इस चुनाव का ना केवल बहिष्कार कर रहे हैं, बल्कि उनकी नीतियों का भी विरोध कर रहे हैं.
दरअसल, सेक्टर 21 के निवासियों ने मौजूदा आरडब्ल्यूए पर गंभीर आरोप लगाए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि असंवैधानिक रूप से चल रही इस आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों द्वारा स्थानीय लोगों से मनमाने तरीके से वसूली की जाती है. जो आरडब्ल्यूए लोगों की सहायता के लिए बनाया जाता है, लेकिन यहां उसके विपरीत पदाधिकारी लोगों को परेशान करते हैं.
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस बाबत विभाग में शिकायत करने के बावजूद इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, जो प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े कर रहा है. लोगों ने कहा कि आरडब्ल्यूए की अपनाई जाने वाली यह पूरी चुनावी प्रक्रिया असंवैधानिक है, इसलिए क्षेत्र के सभी लोग इस चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने तो इस आरडब्ल्यूए के नाम पर ही सवाल खड़े कर दिए और कहा कि इस आरडब्ल्यूए का नाम ही फर्जी तरीके से रखा गया है.
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इस आरडब्ल्यूए के खिलाफ समय-समय पर स्थानीय लोगों ने कई बार प्रश्न उठाते हुए उनकी उनकी नीतियों को कटघरे में खड़ा किया है. साथ ही स्थानीय लोगों की माने तो उन्होंने कई बार आरडब्ल्यूए के खिलाफ अलग-अलग विभाग में अपनी शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होती है. इन्हीं तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस बार स्थानीय निवासियों ने इस चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ऐसे में अब देखना होगा कि आगामी 30 अप्रैल को होने वाले इस चुनाव के दौरान यहां की तस्वीर क्या होती है.
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