नई दिल्ली: नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के बवाना इलाके की पुलिस ने फर्जी ई-पास बनाकर मजदूरों को उनके गृह प्रदेश ले जाने वाले गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस ने इस गैंग का भंडा फोड़ते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इन पांचों आरोपियों से पूछताछ जारी है.
फर्जी ई-पास बनाकर मजदूरों को उनके गृह प्रदेश भिजवाते थे
सोमवार रात को बवाना पुलिस ने दो टेम्पो ट्रवेलर को पकड़ा जिसमें 24 मजदूर सवार थे. जांच के क्रम में वाहन चालकों ने पानीपत के डीएम की ओर से जारी ई-मूवमेंट पास दिखाया. पूछताछ में मजदूरों ने बताया कि वे लोग बवाना के रहने वाले हैं और मुजफ्फरपुर जा रहे हैं. पुलिस को पूछताछ के दौरान शक हुआ. जिसके बाद पुलिस ने ई-पास पर बने क्यूआर कोड को स्कैन किया तो वे फर्जी पाए गए.
इसके बाद पुलिस ने दोनों चालकों नम्मू और राकेश को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इन दोनों से पूछताछ की. जिसमें आखिरकार पुलिस को सफलता मिली और इन्हीं की निशानदेही पर मोहित, कृष्णन मोहन और शंकर को गिरफ्तार कर लिया.
जनरल स्टोर की दुकान चलाता है मुख्य आरोपी
लॉकडाउन के दौरान मजदूर किसी भी तरीके से अपने घर जाना चाहते हैं. इसी बात का फायदा उठाकर ये लोग मजदूरों के फर्जी पास बनवा कर उनके गृह प्रदेश भिजवा रहे थे. पूछताछ में मालूम हुआ कि मोहित बवाना इलाके में जनरल स्टोर चलाता है. इसी ने मजदूरों को घर भिजवाने का झांसा दिया. मोहित ने शंकर चौधरी और कृष्णन को अपनी योजना में शामिल कर लिया. फिर पानीपत निवासी मुकुल और उसके चचेरे भाई अंशुल और दोस्त रविंद्र की सहायता से पहले से जारी ई-पास में छेड़छाड़ कर नया ई- पास बनाया गया.
पुलिस ने इस गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 5 लोगों को तो गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल बवाना पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है.