नई दिल्ली: दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में बीते 15 जून को कोचिंग सेंटर में आग लगने की वजह से वहां सैकड़ों छात्र-छात्राएं फंस गए थे. जिसमें कई लोगों के अपनी जान बचाते हुए रस्सी के सहारे खिड़की से कूदने का वीडियो वायरल हुआ था. कई छात्रों को इस घटना में चोट भी लगी थी. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर्स, तमाम एजेंसियों के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं. जिससे हमेशा हादसे का डर बना हुआ है. इस घटना से पहले 7 जून 2023 को आरडब्ल्यूए के लोगों ने इस समस्या को लेकर दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल, उच्च न्यायालय, नगर निगम व दिल्ली फायर विभाग सहित कई विभागों व एजेंसियों को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की थी.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मुखर्जी नगर इलाके में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी बीए झा ने कहा कि मुखर्जी नगर इलाके में लाखों की संख्या में बाहर से आए छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. वे लोगों के मकानों में बने पीजी में किराए पर रहते हैं. मुखर्जी नगर इलाके में सैकड़ों की संख्या में जर्जर बिल्डिंगों में अवैध रूप से कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. उनमें किसी भी तरह के सुरक्षा उपकरण नहीं हैं. जिसकी वजह से हादसे होते हैं.
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मुखर्जी नगर इलाके में चल रहे अवैध कोचिंग सेंटरों की वजह से सड़कों पर अतिक्रमण रहता है, लोगों को चलने के लिए जगह नहीं होती. कोचिंग संचालक जर्जर बिल्डिंगों में छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए कोचिंग सेंटर चला रहे हैं. 15 जून को हुई घटना इसका ताजा उदाहरण है. लेकिन मामले में लीपापोती करते हुए इन अवैध कोचिंग सेंटर संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती.
वहीं अब दिल्ली हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर इलाके में कोचिंग सेंटर में हुई आगजनी की घटना पर संज्ञान लेते हुए, संबंधित एजेंसियों मसलन दिल्ली नगर निगम, दिल्ली फायर विभाग, एनडीपीएल और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा. चारों ही एजेंसियों ने अपनी दलीलों में बताया गया कि मुखर्जी नगर ही नहीं दिल्ली के कई इलाकों में चलने वाले कोचिंग सेंटरों की बिल्डिंग्स में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं हैं. ना ही ये बिल्डिंग्स सुरक्षा मानकों पर खरी उतर रही हैं. एनडीपीएल विभाग ने भी कोचिंग सेंटरों के अंदर बिजली के मीटर लगाने की मनाही की थी. उसके बावजूद सीढ़ियों के मुहाने पर मीटर लगे हुए हैं, जिनमें कभी भी शार्ट सर्किट होने की वजह से आगजनी की घटनाएं होती हैं.
वहीं, इलाके के निवासी सौरव कुमार ने बताया कि मुखर्जी नगर इलाके में 45 हजार की आबादी के लिए की सीवरेज व्यवस्था है लेकिन यहां 5 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं. जिनमे ज्यादा संख्या छात्रों की है. मकान मालिकों ने मोटे किराए के लालच अपने घरों को पीजी बना दिया है. एक फ्लोर पर कई-कई पीजी अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं. पुलिस से लेकर नगर निगम तक सभी को इन बातों की जानकारी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती.
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