नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली की लाहौरी गेट थाना पुलिस ने दिल्ली सहित 5 राज्यों के हॉलसेल कारोबारियों को टारगेट करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने 100 से ज्यादा वारदात कर कारोबारियों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है. मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई मामलों का खुलासा किया है.
बड़े होलसेल बिजनेसमैन को बनाते थे अपना निशाना: दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के बड़े होलसेल बिजनेसमैन को लाखों का ऑर्डर देकर उनसे धोखाधड़ी करने वाले एक इंटरेस्ट गैंग का लाहौरी गेट थाना पुलिस टीम ने पर्दाफाश किया है. आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, जीएसटी के पेपर, आधार कार्ड, मोबाइल आदि बरामद किया गया है.
आरोपियों ने चावल का ऑर्डर देकर की धोखाधड़ी: डीसीपी नॉर्थ सागर सिंह कलसी ने बताया कि 5 राज्यों में 100 से ज्यादा धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया है. खारी बावली के एक बिजनेसमैन ने बताया था कि महालक्ष्मी ट्रेडर्स के नाम से एक बिजनेस के ओनर ने संपर्क किया था और उन्होंने कई सौ क्विंटल चावल का ऑर्डर दिया था. कुछ अमाउंट उसने कैश में दे दिया और बाकी बाद में देने के लिए कहा. जिसके बाद चेक इश्यू कर दिया, जो बाउंस हो गया. उसके बाद जब बिजनेसमैन ने महालक्ष्मी ट्रेडर्स के ऑनर से संपर्क करने की कोशिश की तो फोन बंद था और ऑफिस लॉक था. जिसके बाद उन्होंने थाने में शिकायत की थी.
उत्तर प्रदेश के निवासी हैं सभी आरोपी: इंटरस्टेट गैंग के बारे में पता चलते ही पुलिस ने गाजियाबाद के रहने वाले अनुज तयाल को मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किया. आरोपियों से जब पूछताछ हुई तो पता चला कि यह लोग नॉर्थ इंडिया में इस तरह की धोखाधड़ी का काम कर रहे हैं. जिसके बाद उसकी निशानदेही पर उसके और साथी भूपेश कुमार उर्फ राजू, विनोद तिवारी उर्फ महेश, सुरेंद्र उर्फ सुरेश अग्रवाल उर्फ सुमित और सुरेश सोनी को भी पकड़ा गया. यह सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और दिल्ली के कल्याणपुरी, आया नगर, बुराड़ी के रहने वाले हैं.
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आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि यह लोग बड़े बिजनेसमैन को टारगेट करते हैं. जो लोग फूड प्रोडक्ट का होलसेल बिजनेस करते हैं. आरोपी पहले उन्हें लाखों का ऑर्डर देकर अपने गोदाम पर माल मंगवाते हैं और फिर कुछ पेमेंट देते हैं,जबकि माल की कीमत के लिए देते हैं. गोदाम से सारे प्रोडक्ट को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करके ऑफिस बंद करके धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देते थे.
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