नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में अवैध तरीके से बने धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्रवाई प्रशासन के लिए हमेशा से टेढ़ी खीर साबित हुई है. लोगों की आस्था से जुड़े होने के कारण यह मामला संवेदनशील होता है. इसको लेकर प्रशासन को खासी तैयारी करनी पड़ती है. ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस से लेकर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाती है. इसी क्रम में उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में वर्षों पुरानी हनुमान मंदिर और मजार को हटा दिया गया. यहां भी लोगों ने पीडब्ल्यूडी की कार्रवाई का विरोध किया लेकिन शांतिपूर्वक तरीके से ढ़ांचे को हटा लिया गया.
वहीं, रविवार सुबह जब पुलिस और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कार्रवाई करने के लिए पहुंचे तो वजीरावाद मेन रोड पर अलग ही नजारा देखने को मिला. कार्रवाई शुरू करने से पहले दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी सुबोध गोस्वामी मंदिर के अंदर गए. उन्होंने श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की और हनुमान से कार्रवाई सफल रहने का आशीर्वाद लिया. इसके बाद उन्होंने हनुमान की प्रतिमा को पुजारी की अगुवाई में वहां से हटाकर अन्य जगह पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की. मंदिरों में रखे मूर्तियों को मंदिर से आदरपूर्वक निकालकर गाड़ी में रखा और विदा किया गया. इसके बाद ढ़ांचे पर पीडब्ल्यूडी का बुलडोजर चलाया गया. इसी तरह मजार को भी हटाया गया.
कार्रवाई पर मंत्री आतिशी ने जताई नाराजगीः वहीं, इस कार्रवाई को लेकर दिल्ली सरकार अपनी नाराजगी जाहिर की है. दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने ट्वीट किया- एलजी साहब, मैंने कुछ दिनों पहले आपसे पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का जो आपका निर्णय, वो आप वापस ले लें. परंतु आज फिर से आपके आदेश पर भजनपुरा में एक मंदिर तोड़ दिया गया है.
पिछले महीने ही आतिशी ने लिखी थी चिट्ठीः पीडब्ल्यूडी मंत्री ने जून माह में एलजी को पत्र लिखा था. आतिशी ने पत्र में लिखा था- मुझे पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से सूचना मिली है कि आपके द्वारा दिल्ली में 14 धार्मिक स्थलों को तोड़ने का आदेश दिया गया है. इसमें 11 मंदिर और 3 मजार शामिल है. मुझे विभाग के अफसरों ने बताया कि जब इन धार्मिक स्थलों को तोड़े जाने का प्रस्ताव फरवरी 2023 में 'रिलीजियस कमिटी के माध्यम से तत्कालीन गृह मंत्री मनीष सिसोदिया के पास आया तो उन्होंने अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि मंदिर तोड़ने के बजाय, हमें अपने प्रोजेक्ट्स का नक्शा बदल लेना चाहिए. परन्तु जब ये फाइल मनीष सिसोदिया से आपके पास गई, तो आपने उनके प्रस्ताव को खारिज कर इन मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का आदेश दिया.
पत्र में आतिशी ने लिखा कि अफसरों ने ऐसा भी बताया है कि आपने फाइल में लिखा कि मंदिरों को तोड़ना लॉ एंड आर्डर का मामला है, इसलिए इसमें निर्णय लेने की पूरी शक्ति आपके पास है. साथ ही आगे से मंदिर को तोड़ने की कोई भी फाइल चुनी हुई सरकार को न भेजकर फाइल को चीफ सेक्रेटरी के माध्यम से सीधे आपके पास भेजा जाए. मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों के साथ जनता की आस्था जुड़ी होती है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप 11 मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का अपना निर्णय वापस लें ताकि दिल्ली के लोगों की धार्मिक आस्था आहत न हो.
-
LG साहब: मैंने कुछ दिनों पहले आपसे पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का जो आपका निर्णय, वो आप वापस ले लें। परंतु आज फिर से आपके आदेश पर भजनपुरा में एक मंदिर तोड़ दिया गया है।
— Atishi (@AtishiAAP) July 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मेरा आपसे पुनः निवेदन है की दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य… https://t.co/eNmdXY5DGN
">LG साहब: मैंने कुछ दिनों पहले आपसे पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का जो आपका निर्णय, वो आप वापस ले लें। परंतु आज फिर से आपके आदेश पर भजनपुरा में एक मंदिर तोड़ दिया गया है।
— Atishi (@AtishiAAP) July 2, 2023
मेरा आपसे पुनः निवेदन है की दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य… https://t.co/eNmdXY5DGNLG साहब: मैंने कुछ दिनों पहले आपसे पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का जो आपका निर्णय, वो आप वापस ले लें। परंतु आज फिर से आपके आदेश पर भजनपुरा में एक मंदिर तोड़ दिया गया है।
— Atishi (@AtishiAAP) July 2, 2023
मेरा आपसे पुनः निवेदन है की दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य… https://t.co/eNmdXY5DGN
क्या बोले स्थानीय एसडीएमः सीलमपुर के एसडीएम शरत कुमार ने कहा कि यह भजनपुरा इलाका है. इसमें एक हनुमान मंदिर और सड़क के बीच एक मजार थी. हमने आज की कार्रवाई में दोनों को हटाया है. यह पीडब्ल्यूडी की सड़क है और हमने 15 दिन का नोटिस दिया था जो 15 मई को खत्म हो गया था. इस पर कार्रवाई न होने पर जिला उत्तर-पूर्व की तरफ से हमने यह कार्रवाई की है.