नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र और मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र में शादी विवाह में फोटोग्राफी का काम करने वाले फोटोग्राफर के सामने अब रोजी-रोटी के लाले पड़ने लगे हैं. पूर्वी दिल्ली की करावल नगर और मुस्तफाबाद विधानसभा एक दूसरे से सटी हुई है. इन्हीं दोनों विधानसभा क्षेत्र के शिव विहार और करावल नगर में भी हिंसा हुई थी. पहले तो दंगों में फोटोग्राफर की दुकानें बंद रहीं उसके बाद अब कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन. ऐसे में फोटोग्राफरों का रोजगार बिल्कुल ठप हो गया है.
इन फोटोग्राफरों के सामने अब रोजी-रोटी के लाले पड़ने लगे हैं. दुकानदार दुकानों का किराया मांग रहे हैं, लेकिन इनके पास किराए के भी पैसे नहीं हैं. कुछ फोटोग्राफर तो अब पेशा छोड़ कर घर चलाने के लिए सब्जियां बेच रहे हैं.
घर चलाना हो गया मुश्किल
करावल नगर में फोटोग्राफर की दुकान चलाने वाले हरीश भाई ने बताया कि पहले तो हिंसा में दुकान बंद हो गई. उसके बाद लॉकडाउन की मार से सारा फोटोग्राफी का सीजन में चला गया. जून-जुलाई, अगस्त-सितंबर और अक्टूबर तक सीजन बंद रहेगा. ऐसे में घर चलाना बेहद मुश्किल हो गया है. सरकार जहां 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वालों को दे रही है. सरकार को फोटोग्राफरों के लिए भी कोई स्कीम लानी चाहिए ताकि वह भी अपना परिवार चला सकें.
सरकार करे मदद
करावल नगर के दयालपुर इलाके में फोटोग्राफर की दुकान चलाने वाले गोकुलचंद रावत का कहना था कि शादी की फोटोग्राफी, वीडियो बनाने के लिए एडवांस लिया था. लॉकडाउन के चलते खर्च हो गया. ऐसे में शादी की वीडियो कैसे बना कर पार्टी को देंगे. कर्ज लेकर घर चलाना पड़ रहा है. सरकार से अपील करते हैं कि यादगार पलों को अपने कैमरे में कैद करने वाले फोटोग्राफरों की तरफ ध्यान दें. बहरहाल सभी फोटोग्राफरों का यही कहना था कि सरकार उनकी मदद करें ताकि फोटोग्राफर भी अपनी आजीविका चला सकें.