नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी मेन रोड पर अमन कमेटी ने हिंदू मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ एक शांति मार्च निकाला. मार्च के जरिये इलाके में भाईचारे का संदेश दिया गया. इस शांति मार्च के दौरान इलाके के पुलिस अधिकारी भी सुरक्षा बलों के साथ मौजूद रहे.
पिछले कुछ दिनों में मौजपुर, ब्रह्मपुरी, घोंडा इलाकों में धर्म के नाम पर दंगे हुए. इन इलाकों में कई सालों से हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग मिलजुलकर रहते आए हैं. लोग एक-दूसरे के त्योहारों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. दंगाइयों द्वारा पैदा की गई नफरत की दीवार को गिराने के उद्देश्य से इलाके में हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देते हुए एक शांति मार्च निकाला गया.
अमन कमेटी के चेयरमैन डॉ.फहीम बेग के नेतृत्व में निकाले गए इस शांति मार्च में हिंदू-मुसलमान और पुलिस अधिकरियों ने भी शिरकत की.
पुलिस बल रहा मौजूद
ब्रह्मपुरी मेन रोड पर गली नंबर-13 के सामने से शुरू हुआ ये शांति मार्च घोंडा चौक, नॉर्थ घोंडा के इलाके से होता हुआ नूर इलाही चौक के सामने सम्पन्न हुआ. इस मौके पर एसीपी भजनपुरा, एसएचओ जाफराबाद के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल भी मौजूद रहा.
शांति का संदेश
पुलिस अधिकारी सिकंदर सिंह ने कहा कि अमन कमेटी के सहयोग से स्थानीय नागरिकों ने मार्च निकालकर शांति का संदेश दिया है. वहीं डॉ.फहीम बेग ने कहा कि चंद सिरफिरों ने दिल्ली के सद्भाव और भाईचारे को तोड़ने की नापाक कोशिश की है. देश के हिंदू-मुसलमान हमेशा से एक साथ रहते चले आए हैं और आगे भी ऐसे ही साथ रहते हुए नफरत फैलाने वालों को मुंह तोड़ जवाब देंगे.
'नफरत का इलाज मोहब्बत है'
डॉ.फहीम ने कहा-
पिछले दिनों जिस तरह से चंद सिरफिरे लोगों के चलते इलाके में हिंसक घटनाएं हुईं, असल में लोग बहक गए और आवेश में आकर देश का नुकसान किया. 135 करोड़ हिंदुस्तानी देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए सड़कों पर हैं. इस मार्च के जरिये ये पैगाम दिया जा रहा है कि नफरत को नफरत नहीं बल्कि मोहब्बत ही मिटा सकती है.