नई दिल्ली: राजधानी की 7 सीटों पर रविवार को हुए मतदान का प्रतिशत, उम्मीद और पिछली बार के मुताबिक काफी कम रहा. गौर करने वाली बात ये रही कि पूरी दिल्ली के मुकाबले सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत अर्जित करने में यमुनापार ने बाजी मार ली है.
यमुनापार पर हमेशा से ही अविकसित होने का धब्बा लगता रहा है. एक बार के चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली में खासकर जो विपक्षी दलों के उम्मीदवार खड़े थे, उन्होंने चुनाव में इसे मुद्दा भी बनाया कि अगर वे जीतते हैं तो यमुनापार को विकसित बनाएंगे और इसी इलाके के लोगों ने वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली वोटिंग में सबसे आगे
पूरी दिल्ली में इस बार 2014 के मुकाबले 5% कम वोटिंग हुई है. वोटिंग के मामले में उत्तर पूर्वी दिल्ली सबसे आगे है, जहां 63.39% लोगों ने बाहर निकाल कर वोट किया. वहीं इसके बाद नंबर आता है चांदनी चौक का, जहां 62.68% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसके बाद पूर्वी दिल्ली 61.94% वोट के साथ मतदान के मामले में तीसरे नम्बर पर है.
इसके अलावा बाकी की 4 लोकसभा क्षेत्रों की बात करें, तो नई दिल्ली में 56.91%, उत्तर पश्चिमी दिल्ली में 58.98%, पश्चिमी दिल्ली में 60.70% और दक्षिणी दिल्ली में 58.63% मतदान दर्ज किया गया. विधानसभा के क्रम से देखें तो भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली इसमें आगे दिखता है. कहा जा सकता है कि विकास के मामले में पिछड़ा माने जाने वाले यमुनापार ने दिल्ली के बाकी हिस्सों को आईना दिखाने का काम किया है.