नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले के जाफराबाद इलाके में सोमवार रात हुई फायरिंग में गैंगवार की आशंका जताई गई है. बताया जा रहा है कि फायरिंग दो गिरोहों के बीच हुई है. सूत्रों के अनुसार जिन लोगों ने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया है वे नासिर गैंग से जुड़े हुए हैं. वहीं, घायलों में से तीन लोग छेनू गैंग के बताए जा रहे हैं. दोनों गिरोहों में लंबे समय से दुश्मनी चली आ रही है.
गोलीबारी में एक स्थानीय नागरिक भी घायल: जाफराबाद फायरिंग में चार लोगों को गोली लगी है. इस हमले में घायल समीर खोपड़, अरबाज और हमजा की पहले से आपराधिक मामलों में संलिप्तता रही है. बताया जा रहा है कि ये छेनू गिरोह से जुड़े हैं. हालांकि पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. वहीं, वारदात के दौरान एक स्थानीय नागरिक जहूर को भी गोली लगी है. सभी घायलों का इलाज जीटीबी अस्पताल में चल रहा है.
हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज: उत्तर पूर्वी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी संध्या स्वामी ने बताया कि ने बताया कि पुलिस ने हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. जांच के लिए कई टीमों का गठन किया गया है. टीम और एफएसएल की टीम से मौके का मुआयना कराया गया. शुरुआती जांच में पता चला कि 3 बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया है. गली के बाहर चारों घायल बैठे हुए तभी तीन बदमाश वहां पहुंचे और उन्होंने उन पर फायरिंग कर दी.
घायलों ने हमलावरों को पहचानने से किया इनकार: एडिशनल डीसीपी का कहना है कि घायलों ने हमलावरों को पहचानने से इंकार कर दिया है. पहचान के लिए आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, मामले की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई है. घायलों के अपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए इस गोलीबारी की घटना को गैंगवार का नतीजा माना जा रहा है. एडिश्नल डीसीपी का कहना है कि गैंगवार सहित अन्य एंगल पर जांच की जा रही है.
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12 साल से चल रही दोनों गैंग के बीच दुश्मनी: गौरतलब है कि गैंगस्टर अब्दुल नासिर गैंग और छेनू पहलवान गैंग के बीच वर्ष 2011 से दुश्मनी चली आ रही है. 2018 में छेनू गैंग और नासिर गैंग के बीच में समझौता हो गया था, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई के बीच यह समझौता ज्यादा दिन तक नहीं टिक सका. साल 2015 में कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी पर आए छेनू पर नासिर गिरोह के बदमाशों ने ताबतोड़ फायरिंग कर दी थी. हमले में छेनू तो बच गया, लेकिन दिल्ली पुलिस का एक हेडकांस्टेबल शहीद हो गया. छेनू के जेल में रहने के बावजूद उसके गुर्गे आए दिन वारदातों को अंजाम देते रहते हैं.
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