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दिल्ली: हर्षोल्लास से मनाया गया ईद-ए-मिलाद उन नबी, निकले जुलुस - ईद-ए-मिलाद उन नबी

पैगम्बर-ए-इस्लाम मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद उन नबी के रूप में मनाया गया. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए थे.

ईद-ए-मिलाद उन नबी के मौके पर निकाला गया जुलुस
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Published : Nov 11, 2019, 2:22 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में पैगम्बर-ए-इस्लाम मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद उन नबी के रूप में मनाया गया. इस दौरान जिले के विभिन्न इलाकों से जुलूस निकालकर खुशी का इजहार किया गया और एक दूसरे को मिठाईयां बांटी गई. जुलूस के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. मुस्लिम समुदाय ईद-ए-मिलाद उन नबी का यह पर्व मौहम्मद साहब की यौमे पैदाईश के मौके पर मनाते हैं क्योंकि इसी दिन उनकी पुण्यतिथि भी होती है इसलिए लोग इसे बेहद सादगी के साथ मनाते हैं.

ईद-ए-मिलाद उन नबी के मौके पर निकाला गया जुलुस

'पवित्र कुरान में दी गई है इजाजत'
12 रबीउल अव्वल का दिन हुजूर पाक मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की विलादत (पैदाइश) का दिन है. सरकार की आमद की खुशी में यह खुशी मनाई जाती है. इसके लिए बाकायदा पवित्र कुरान में भी इजाजत दी गई है. कुरान में लिखा है कि अगर तुम्हें कोई नेअमत मिल जाये तो उसकी खुशी मनाओ.

जाफराबाद स्थित मस्जिद गौसिया के इमाम गुलाम जिलानी अशरफी ने बताया कि इस दिन को मनाने का एक मकसद यह भी है कि हम जहां अपने बच्चे का जन्मदिन मनाकर खुशी का इजहार करते हैं, ठीक उसी तरह से हमें और हमारी नस्लों को भी यह पता होना चाहिए कि हमारे नबी कौन हैं और कब पैदा हुए. नबी का इस दुनियां मे आने का असल मकसद क्या था.

कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद उन नबी
ईद-ए-मिलाद उन नबी के दौरान बच्चे से लेकर बुजुर्ग अपने हाथों में कलमा-ए-शहादत लिखे हरे रंग के झंडे और सिर पर हरे रंग की पगड़ी बांधते हैं. जुलूस में छोटे-बड़े हर तरह के वाहन शामिल होते हैं. जुलूस विभिन्न प्वॉइंट्स से निकालकर एक बड़े जुलूस में तब्दील हो जाता है और कई इलाकों से गुजरता जुलूस अपने मुकाम पर पहुंचकर सम्पन्न हो गया.

सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
ईद-ए-मिलाद उन नबी के जुलूस के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसलिए सुराक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कर्मी जुलूस के साथ ही अहम चौराहों पर तैनात किए गए थे.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में पैगम्बर-ए-इस्लाम मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद उन नबी के रूप में मनाया गया. इस दौरान जिले के विभिन्न इलाकों से जुलूस निकालकर खुशी का इजहार किया गया और एक दूसरे को मिठाईयां बांटी गई. जुलूस के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. मुस्लिम समुदाय ईद-ए-मिलाद उन नबी का यह पर्व मौहम्मद साहब की यौमे पैदाईश के मौके पर मनाते हैं क्योंकि इसी दिन उनकी पुण्यतिथि भी होती है इसलिए लोग इसे बेहद सादगी के साथ मनाते हैं.

ईद-ए-मिलाद उन नबी के मौके पर निकाला गया जुलुस

'पवित्र कुरान में दी गई है इजाजत'
12 रबीउल अव्वल का दिन हुजूर पाक मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की विलादत (पैदाइश) का दिन है. सरकार की आमद की खुशी में यह खुशी मनाई जाती है. इसके लिए बाकायदा पवित्र कुरान में भी इजाजत दी गई है. कुरान में लिखा है कि अगर तुम्हें कोई नेअमत मिल जाये तो उसकी खुशी मनाओ.

जाफराबाद स्थित मस्जिद गौसिया के इमाम गुलाम जिलानी अशरफी ने बताया कि इस दिन को मनाने का एक मकसद यह भी है कि हम जहां अपने बच्चे का जन्मदिन मनाकर खुशी का इजहार करते हैं, ठीक उसी तरह से हमें और हमारी नस्लों को भी यह पता होना चाहिए कि हमारे नबी कौन हैं और कब पैदा हुए. नबी का इस दुनियां मे आने का असल मकसद क्या था.

कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद उन नबी
ईद-ए-मिलाद उन नबी के दौरान बच्चे से लेकर बुजुर्ग अपने हाथों में कलमा-ए-शहादत लिखे हरे रंग के झंडे और सिर पर हरे रंग की पगड़ी बांधते हैं. जुलूस में छोटे-बड़े हर तरह के वाहन शामिल होते हैं. जुलूस विभिन्न प्वॉइंट्स से निकालकर एक बड़े जुलूस में तब्दील हो जाता है और कई इलाकों से गुजरता जुलूस अपने मुकाम पर पहुंचकर सम्पन्न हो गया.

सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
ईद-ए-मिलाद उन नबी के जुलूस के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसलिए सुराक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कर्मी जुलूस के साथ ही अहम चौराहों पर तैनात किए गए थे.

Intro:पैगम्बर ए इस्लाम मौहम्मद साहब के जन्मदिन को ईद ए मिलाद उन नबी के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, इस दौरान उत्तर पूर्वी जिले के विभिन्न इलाकों से जुलूस निकालकर खुशी का इजहार किया और एक दूसरे को मिठाईयां बांटी, जुलूस के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय ईद मिलाद उन नबी का यह पर्व मौहम्मद साहब की यौमे पैदाईश के मौके पर मनाया जाता है, इसी दिन क्योंकि उनकी पुण्यतिथि भी है, ऐसे में कुछ लोग इसे बेहद सादगी के साथ मनाते हैं.


Body:उत्तर पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में ईद मिलाद उन नबी के मौके पर जिकुस निकालकर पैगम्बर मौहम्मद साहब के जन्मदिन को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. 12 रबीउल अव्वल का दिन हुजूर पाक मौहम्मद सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम की विलादत (पैदाइश) का दिन है, ईदों की ईद है आज का दिन,सरकार की आमद की खुशी में यह खुशी मनाते हैं, इसके लिए बाकायदा पवित्र कुरान में भी इजाजत दी गई है कि अगर तुम्हें कोई नेअमत मिल जाये तो उसकी खुशी मनाओ.
जाफराबाद स्थित मस्जिद गौसिया के इमाम गुलाम जिलानी अशरफी ने बताया कि इस दिन को मनाने के एक मकसद यह भी है कि हम जहां अपने बच्चे का जन्मदिन मनाकर खुशी का इजहार करते हैं, ठीक उसी तरह से हमें और हमारी नस्लों को भी यह पता होना चाहिए कि हमारे नबी कौन हैं और कब पैदा हुए हूए और नबी का इस दुनिया मे आने का असल मकसद क्या था.
इसी खुशी का इजहार करने के लिए ही जुलूस निकाले जाते हैं.

हाथों में हरे झंडे और सिर पर हरी पगड़ी
ईद मिलाद उन नबी के दौरान बच्चा हो या बड़ा या फ़ी बुजुर्ग अपने हाथों में कलमा ए शहादत लिखे हरे रंग के झंडे और सिर पर हरे रंग की पगड़ी बांधे हुए थे.जुलूस में छोटे बड़े हर तरह के वाहन शामिल होने के बावजूद सब कुछ पूरी तरह से व्यवस्थित चल रहा था. जुलूस विभिन्न प्वॉइंट्स से निकालकर एक बड़े जुलूस में तब्दील हो गए और कई इलाकों से गुजरता यह जुलूस अपने मकाम पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ.

जगह जगह लगाई गई थी सबील और स्वागत स्टॉल
जश्न ए ईद मिलाद उन नबी के जुलूस के स्वागत के लिए जगह जगह स्टॉल लगाए गए थे, जैसे ही जुलूस उक्त स्टॉल के आगे पहुंचता वहां मौजूद लोग फूल मालाओं से उसका स्वागत करते, इसके साथ ही जुलूस में शामिल लोगों को पानी और खाने पीने का सामान मुहैया कराने के लिए भी जगह जगह बंदोबस्त किए गए थे.

जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
ईद मिलाद उन नबी के जुलूस के दौरान किए बजी तरह की अप्रिय घटना और हर किसी स्थिति से निबटने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ साथ अतिरिक्त सुरक्षा बल भी जगह जगह तैनात किया गया था. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कर्मी जुलूस के साथ ही अहम चौराहों लाल बत्ती और जुलूस के शुरू और खत्म होने वाले प्वॉइंट पर तैनात किए गए थे.


Conclusion:बाईट
गुलाम जिलानी अशरफी
इमाम मस्जिद गौसिया,जाफराबाद
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